38.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags

अनिल प्रकाश

Posted By

उत्तराखंड सुरंग हादसा से सबक सीखने की जरूरत

यह संयोग ही था कि त्योहार का समय होने के कारण वहां मात्र 41 लोग ही मौजूद थे, वरना अगर कोई अन्य समय होता तो यह संख्या 300 से 400 हो जाती. इतने ढेर सारे जीवन के फंसने का पूरे तंत्र पर अत्यधिक असर पड़ता.

चिंताजनक हैं लगातार आते भूकंप

वैज्ञानिकों का मानना है कि आने वाले समय में आठ की तीव्रता का भूकंप हिमालय को हिला सकता है. ऐसे में जिस ओर हमारी समझ बननी चाहिए कि पृथ्वी के पर्यावरण सतह पर हम जो भी गतिविधि करें, वह कम से कम ऐसी हो कि जिससे प्रकृति को ज्यादा नुकसान न उठाना पड़े.

हिमाचल की त्रासदी से सीखने की जरूरत

वह हिमालय जो आसमान को छूता था, आज टूट-टूटकर मैदानों में बिखर रहा है. यह बड़ा प्रश्न है कि हम कैसे तय करें कि हमारा मॉडल क्या हो. एक मॉडल जो आर्थिकी के साथ पारिस्थितिकी और हिमालय को भी बचा पाये, वही यहां के लिए सटीक साबित होगा.

डिजिटल दुनिया भी कर रही कार्बन उत्सर्जन

आप डिजिटल दुनिया में जाकर जो कुछ भी करें, किसी भी रूप में कनेक्ट हों, पर यह सत्य है कि हम लगातार प्रकृति से डिस्कनेक्ट होते जा रहे हैं.

प्लास्टिक से बर्बाद होती दुनिया

प्लास्टिक पर तमाम तरह के अंकुश लगाये जा चुके हैं, पर प्लास्टिक में कमी नहीं आयी. इसके लिए सरकारें जितनी दोषी हैं, आम लोग उससे कम दोषी नहीं हैं.

विभिन्न त्रासदियों से जूझती पृथ्वी

हमें यह समझना चाहिए कि हम पृथ्वी की ऊपरी सतह को अब हम जितना कमजोर बना देंगे या उसके ऊपर होने वाले विकास को समुचित विज्ञानी समझ व साधनों के साथ खड़ा नहीं करेंगे, तो आपदाएं, जो आनी ही आनी हैं, उनके कहर से नहीं बच सकेंगे. कहने का मतलब है कि पृथ्वी के आवरण की ही बड़ी महत्वपूर्ण भूमिका है.