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अनिल प्रकाश
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Opinion
उत्तराखंड सुरंग हादसा से सबक सीखने की जरूरत
यह संयोग ही था कि त्योहार का समय होने के कारण वहां मात्र 41 लोग ही मौजूद थे, वरना अगर कोई अन्य समय होता तो यह संख्या 300 से 400 हो जाती. इतने ढेर सारे जीवन के फंसने का पूरे तंत्र पर अत्यधिक असर पड़ता.
Opinion
चिंताजनक हैं लगातार आते भूकंप
वैज्ञानिकों का मानना है कि आने वाले समय में आठ की तीव्रता का भूकंप हिमालय को हिला सकता है. ऐसे में जिस ओर हमारी समझ बननी चाहिए कि पृथ्वी के पर्यावरण सतह पर हम जो भी गतिविधि करें, वह कम से कम ऐसी हो कि जिससे प्रकृति को ज्यादा नुकसान न उठाना पड़े.
Opinion
हिमाचल की त्रासदी से सीखने की जरूरत
वह हिमालय जो आसमान को छूता था, आज टूट-टूटकर मैदानों में बिखर रहा है. यह बड़ा प्रश्न है कि हम कैसे तय करें कि हमारा मॉडल क्या हो. एक मॉडल जो आर्थिकी के साथ पारिस्थितिकी और हिमालय को भी बचा पाये, वही यहां के लिए सटीक साबित होगा.
Opinion
डिजिटल दुनिया भी कर रही कार्बन उत्सर्जन
आप डिजिटल दुनिया में जाकर जो कुछ भी करें, किसी भी रूप में कनेक्ट हों, पर यह सत्य है कि हम लगातार प्रकृति से डिस्कनेक्ट होते जा रहे हैं.
Opinion
प्लास्टिक से बर्बाद होती दुनिया
प्लास्टिक पर तमाम तरह के अंकुश लगाये जा चुके हैं, पर प्लास्टिक में कमी नहीं आयी. इसके लिए सरकारें जितनी दोषी हैं, आम लोग उससे कम दोषी नहीं हैं.
Badi Khabar
विभिन्न त्रासदियों से जूझती पृथ्वी
हमें यह समझना चाहिए कि हम पृथ्वी की ऊपरी सतह को अब हम जितना कमजोर बना देंगे या उसके ऊपर होने वाले विकास को समुचित विज्ञानी समझ व साधनों के साथ खड़ा नहीं करेंगे, तो आपदाएं, जो आनी ही आनी हैं, उनके कहर से नहीं बच सकेंगे. कहने का मतलब है कि पृथ्वी के आवरण की ही बड़ी महत्वपूर्ण भूमिका है.