मंगलवार रात असामाजिक तत्वों ने छात्रावास में किया था पथराव
गिरिडीह : सर जेसी बोस बालिका उच्च विद्यालय में अवस्थित आदिवासी बालिका छात्रावास की छात्राओं की सुरक्षा भगवान भरोसे है. यहां न तो इंचार्ज है और न ही सुरक्षा गार्ड. यही कारण है कि कभी भी कोई भी यहां प्रवेश कर छात्राओं को डराता-धमकाता रहता है. इतना ही नहीं कई बार छात्राओं के साथ छेड़खानी की भी घटनाएं घट चुकी हैं. बावजूद अभी तक न ही संबंधित विभाग के पदाधिकारियों और न ही पुलिस प्रशासन ने कोई ठोस पहल की है.
मंगलवार की देर रात को भी कुछ असामाजिक तत्वों ने छात्रावास में प्रवेश कर पथराव किया था, जिसके बाद छात्रावास में रहने वाली छात्राएं काफी-डरी व सहमी हुई हैं. दो दिन बीत जाने के बाद भी इस मामले में कोई ठोस पहल नहीं किये जाने के बाद छात्रावास में रहने वाली छात्राओं का आक्रोश बढ़ता जा रहा है. इस छात्रावास में करीब 100 से अधिक की संख्या में छात्राएं रहती हैं .
बार-बार बोलने के बाद भी नहीं होता समस्या का समाधान : छात्रावास में रहने वाली छात्राएं सोनिया मुर्मू, सबिता टुडू, अनीता मुर्मू, प्रीति किस्कू, अनीता मरांडी, संगीता मरांडी, सोनाली मुर्मू आदि ने बताया कि मंगलवार की देर रात को अचानक चार युवकों ने हमारे छात्रावास के बाहर पहुंच कर अचानक पथराव करना शुरू कर दिया था, जिसके बाद छात्रावास की खिड़कियां टूट गयीं.
इतना ही नहीं उक्त लोगों ने कमरे में डंडा घुसा कर हमलोगों को डराने का भी प्रयास किया. उस समय यहां पर सिर्फ हम सभी छात्राएं ही थीं. रात का समय था तो हमलोग काफी डर गये. असामाजिक तत्वों ने मंगलवार की रात को दो-दो बार घंटों भर उत्पात मचाया. हमलोगों ने तुरंत इस मामले की सूचना पुलिस को दी जिसके बाद पुलिस आयी और पूछताछ कर चली गयी.
लेकिन इसके बाद आगे की कोई कार्रवाई नहीं हुई है. कई बार इस मामले की जानकारी देने के बाद हमलोगों की सुरक्षा के लिए यहां पर रात में कोई गार्ड की तैनाती नहीं की गयी है. पास में एक पुलिस पिकेट है, लेकिन वहां प्रात: 10 बजे से लेकर चार बजे तक हीं पुलिस वाले रहते हैं. सुरक्षा नहीं रहने के कारण हम सभी काफी डरे व सहमे हुए है.
पेयजल, बिजली व अन्य समस्याएं भी है जस की तस : छात्राओं कहा कहना है कि हमारे छात्रावास में पेजयल, बिजली व अन्य समस्याएं भी जस की तस बनी हुई है. कई बार हमलोगों ने इस मामले में कल्याण पदाधिकारी के कार्यालय में आवेदन दिया है, लेकिन हमारी समस्याओं को गंभीरता से नहीं सुना जाता है. बरसात के समय कमरों में पानी गिरने लगता है.
छात्रावास में पेयजल की समस्या है. छत के उपर टंकी से पानी लाना पड़ता है. कई कमरे भी जर्जर हो चुके हैं, रात के वक्त बिजली कट जाने के बाद परेशानी होती है. इन सब समस्याओं के समाधान के लिए कभी भी कोई पहल नहीं की जाती है. बिजली गुल हो जाने के बाद छात्रावास में अंधेरा छा जाता है. जेनरेटर की व्यवस्था तक नहीं है.