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100 अरब तक पहुंच सकता है देश में UPI ट्रांजैक्शन, NPCI के हेड ने कही यह बात

दिलीप असबे ने यहां ग्लोबल फिनटेक समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि वर्तमान में देश के भीतर 35 करोड़ लोग यूपीआई का इस्तेमाल करते हैं और इनकी संख्या में तीन गुना बढ़ोतरी की गुंजाइश है.

भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) दिलीप असबे ने कहा कि भारत के पास यूपीआई के जरिये 100 अरब से भी अधिक लेनदेन करने की क्षमता है. यह देश में यूपीआई से मौजूदा समय में होने वाले मासिक लेनदेन का 10 गुना होगा. वर्ष 2016 में एकीकृत भुगतान मंच के तौर पर यूपीआई की शुरुआत के बाद से इसके जरिये होने वाले लेनदेन की संख्या अगस्त महीने में 10 अरब के पार पहुंच गई है.

2030 तक यूपीआई से रोजाना दो अरब लेनदेन

दिलीप असबे ने यहां ग्लोबल फिनटेक समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि वर्तमान में देश के भीतर 35 करोड़ लोग यूपीआई का इस्तेमाल करते हैं और इनकी संख्या में तीन गुना बढ़ोतरी की गुंजाइश है. असबे ने कहा, अगर आप इसके सम्मिलित प्रभाव को लें तो हम मौजूदा स्थिति से 10 गुना लेनदेन तक पहुंच सकते हैं. हालांकि, असबे ने इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए किसी समयसीमा का उल्लेख नहीं किया लेकिन उन्होंने कहा कि भारत 2030 तक यूपीआई से रोजाना दो अरब लेनदेन करने लगेगा.

निर्बाध भुगतान को सुनिश्चित करने के लिए गठजोड़ करने की योजना

यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) व्यवस्था का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस्तेमाल बढ़ाने के मुद्दे पर असबे ने कहा कि, 2030 तक भारत और दुनिया के 30 प्रमुख देशों के बीच निर्बाध भुगतान को सुनिश्चित करने के लिए गठजोड़ करने की योजना है. एनपीसीआई प्रमुख ने कहा कि देश में क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल भी दस गुना बढ़ सकता है लेकिन इसके लिए बैंकों की तरफ से सही मंच मुहैया कराना जरूरी होगा. इस समय वैश्विक भुगतान कार्ड कंपनी वीजा हर महीने 22.5 अरब लेनदेन का प्रसंस्करण करती है जबकि, इसकी प्रतिद्वंद्वी मास्टरकार्ड के जरिये 11 अरब से अधिक लेनदन होते हैं.

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