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सुरक्षा व आधुनिक खनन पद्धतियों पर सारगर्भित चर्चा

कुल्टी थाना क्षेत्र के चौरंगी पुलिस फांडी के निकट स्थित एक भवन परिसर में आयोजित उम्मीद 2025 कार्यक्रम के तहत इसीएल ने भूमिगत खनन यांत्रिकीकरण एवं स्वचालन पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन एवं प्रदर्शनी का आयोजन किया.

आसनसोल.

कुल्टी थाना क्षेत्र के चौरंगी पुलिस फांडी के निकट स्थित एक भवन परिसर में आयोजित उम्मीद 2025 कार्यक्रम के तहत इसीएल ने भूमिगत खनन यांत्रिकीकरण एवं स्वचालन पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन एवं प्रदर्शनी का आयोजन किया. दो दिवसीय इस आयोजन का समापन शनिवार को सार्थक ज्ञान-विनिमय एवं उद्देश्यपूर्ण तकनीकी विचार-विमर्श के साथ संपन्न हुआ. इस दिन की कार्यवाही ने सुरक्षित, सतत एवं प्रौद्योगिकी-आधारित खनन पद्धतियों को आगे बढ़ाने हेतु सम्मेलन की एक अग्रणी मंच के रूप में भूमिका को पुनः सुदृढ़ किया. कार्यक्रम में खान सुरक्षा महानिदेशालय (डीजीएमएस) के माग्निदेशक उज्ज्वल तह, इसीएल तथा सीएमपीडीआइएल (अतिरिक्त प्रभार) के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक सतीश झा, कोल इंडिया लिमिटेड के मुख्य सतर्कता अधिकारी ब्रजेश कुमार त्रिपाठी, कोयला मंत्रालय के सलाहकार डॉ. बी. वीरा रेड्डी, कंपनी के पूर्व सीएमडी ए. कलाम, सुब्रतो चक्रवर्ती, समरजीत चक्रवर्ती, इसीएल के निदेशक (वित्त) मोहम्मद अंजर आलम, निदेशक (तकनीकी/संचालन) नीलाद्रि रॉय, निदेशक (तकनीकी/योजना एवं परियोजना) गिरिश गोपीनाथन नायर उपस्थित थे. इसके अलावा डीजीएमएस, इसीएल, कोल इंडिया लिमिटेड की विभिन्न अनुषंगी कंपनियों के वरिष्ठ अधिकारी, उद्योग जगत के प्रतिष्ठित विशेषज्ञ, आईआईटी (आइएसएम) धनबाद के शिक्षाविद, सीआइएल की अनुषंगी कंपनियों के पूर्व सीएमडी एवं निदेशक, कॉर्पोरेट जेसीसी सदस्य, कॉर्पोरेट सेफ्टी बोर्ड सदस्य एवं इसीएल के अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे.

तकनीकी सत्रों का शुभारंभ उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र के उप महानिदेशक (डीडीजी) आर.टी. मंडेकर के मुख्य भाषण से हुआ, जिसमें उन्होंने सुरक्षा चुनौतियां विषय पर महत्वपूर्ण विचार प्रस्तुत करते हुए भूमिगत खनन परिचालनों में सुरक्षा प्रबंधन के बदलते आयामों को रेखांकित किया. उसके बाद माइन डेवलपर एंड ऑपरेटर (एमडीओ) या कॉन्ट्रैक्ट माइनिंग विषय पर सत्र आयोजित किया गया, जिसमें इसीएल के सीएमडी श्री झा ने मुख्य वक्तव्य के माध्यम से इस मॉडल के रणनीतिक, परिचालन एवं प्रशासनिक पहलुओं पर प्रकाश डाला. इसके पश्चात केंद्रीय खनन एवं ईंधन अनुसंधान संस्थान (सीआइएमएफआर) के वैज्ञानिक एस.के. चौलिया ने स्वचालन एवं डिजिटलीकरण पर विस्तृत प्रस्तुति दी, जिसमें उत्पादकता, दक्षता एवं सुरक्षा को सुदृढ़ करने हेतु प्रौद्योगिकी आधारित परिवर्तन की आवश्यकता पर बल दिया गया. तकनीकी सत्रों का समापन अतीत से सीख विषय पर केंद्रित विचारोत्तेजक सत्र के साथ हुआ. जिसमें कोयला मंत्रालय के सलाहकार डॉक्टर बी. वीरा रेड्डी ने मुख्य वक्तव्य दिया. अपने समृद्ध संस्थागत अनुभवों के आधार पर उन्होंने खनन क्षेत्र के भविष्य के स्वरूप को आकार देने में संगठनात्मक अधिगम के महत्व को रेखांकित किया. सम्मेलन का समापन गरिमामय एवं सौम्य समापन सत्र के साथ हुआ. जिसमें इसीएल के महाप्रबंधक (उत्खनन/आइएडी) भरतेंदु कुमार ने धन्यवाद ज्ञापन किया. इस अवसर पर दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय आयोजन की सफल परिणति पर प्रकाश डालते हुए प्रतिष्ठित वक्ताओं, विशेषज्ञों, सहयोगी संस्थाओं एवं प्रतिभागियों के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त किया गया. नवीन उद्देश्यबोध एवं सहयोग की भावना के साथ उम्मीद २०२५ का औपचारिक समापन हुआ, जो भूमिगत खनन क्षेत्र में सतत प्रगति, नवाचार एवं उत्कृष्टता की दिशा में एक सुदृढ़ आधार स्थापित करता है.

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