पटना/ भभुआ: आर्थिक अपराध इकाई (इओयू) ने गुरुवार को भभुआ में तैनात पीएचइडी के कार्यपालक अभियंता ब्रजभूषण प्रसाद सिन्हा के चार ठिकानों पर एक साथ छापेमारी. इस दौरान दो करोड़ 16 लाख 15 हजार रुपये की संपत्ति बरामद की गयी. इसमें 94 लाख 75 हजार की अचल और एक करोड़ 21 लाख 40 हजार की चल संपत्ति शामिल है.
जब इओयू की टीम ने आरोपित अभियंता की वास्तविक आय का मूल्यांकन किया, तो पता चला कि अपनी नौकरी के दौरान अभियंता ने एक करोड़ आठ लाख 55 हजार रुपये की संभावित बचत की होगी. लेकिन, उनकी संपत्ति इससे दोगुनी अधिक है. इओयू ने उनके खिलाफ आय से एक करोड़ सात लाख 60 हजार की अधिक संपत्ति अर्जित करने का मामला दर्ज किया है. देर शाम तक छापेमारी जारी थी.
एडीजी (मुख्यालय) रवींद्र कुमार ने बताया कि छापेमारी के दौरान भभुआ स्थित कार्यालय से नौ लाख और पटना के आवास से एक लाख 40 हजार नकद बरामद किया गया है. पटना में तीन फ्लैटों के अलावा दानापुर के रूकनपुरा व हदसपुरा में पत्नी के नाम पर क्रमश: 5308 वर्गफुट व 1763 वर्गफुट के दो प्लॉटों का पता चला है. नोएडा में 500 वर्ग गज का प्लॉट की खरीद के लिए भुगतान किये गये पांच लाख के एग्रीमेंट के दस्तावेज बरामद किये गये हैं. विभिन्न बैंकों में 95 लाख रुपये जमा हैं, जबकि एलआइसी व अन्य वित्तीय संस्थानों में दो लाख रुपये का निवेश किया गया है. सात लाख की एक टोयटा कार, पत्नी के नाम एक मारुति ऑल्टो कार और पांच लाख के घरेलू उपस्कर बरामद किये गये हैं. एडीजी ने बताया कि ब्रजभूषण प्रसाद सिन्हा 15 जुलाई, 1987 को सहायक अभियंता के पद पर नियुक्त हुए थे और वर्तमान में कार्यपालक अभियंता के रूप में काम कर रहे हैं.
कार्यालय से मिले नौ लाख नकद
भभुआ में पीएचइडी परिसर में बने उनके सरकारी आवास पर सुबह सात बजे इओयू की पांच सदस्यीय टीम पहुंची. सबसे पहले मुख्य द्वार को बंद करा कर पुलिस बल तैनात कर दिया गया और लोगों के आने-जाने पर रोक लगा दी गयी. टीम ने तीन घंटे तक उनके आवास की पड़ताल की और कार्यपालक अभियंता से पूछताछ हुई. इसके बाद टीम ने उनके कार्यालय में छापा मारा, जहां से नौ लाख नकद, बैक डेट के कई चेक समेत अन्य दस्तावेज बरामद हुए. अलमारी से छह लाख व कैश बॉक्स से तीन लाख रुपये मिले. बाद में पहुंचे कैशियर से टीम ने नौ लाख रुपये का ब्योरा मांगा, तो वह जानकारी नहीं दे पाये. इसके बाद टीम ने रुपये व चेक को जब्त कर लिये. हालांकि, कार्यपालक अभियंता ने जब्त किये गये रुपये को सरकारी राशि बताया है. टीम ने करीब सात घंटे तक कार्यपालक अभियंता के आवास व कार्यालय को खंगाला.छापेमारी की खबर फैलते ही कैशियर समेत अन्य कर्मचारी भाग खड़े हुए. इसकी वजह से कई अलमारियों एवं रोकड़पाल के कमरे के ताले तोड़ने पड़े.

