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दुनिया के ये पांच देश जहां होते हैं सबसे ज्यादा एसिड अटैक, भारत भी शामिल, महिलाएं सबसे ज्यादा पीड़ित

World Top 5 Countries Most Acid Attacks: दुनिया में एसिड अटैक एक गंभीर समस्या है. भारत, यूके, बांग्लादेश, युगांडा और कोलंबिया सबसे प्रभावित हैं. महिलाओं पर हमले अधिक होते हैं. कानूनी कड़े कानून और जागरूकता जरूरी हैं. समाज की सोच बदलने और पीड़ितों के सुरक्षा उपाय अपनाने की जरूरत है.

World Top 5 Countries Most Acid Attacks: एसिड अटैक ऐसा अपराध है जो किसी भी देश, किसी भी समाज की तस्वीर बिगाड़ देता है. यह न सिर्फ चेहरे को जलाता है, बल्कि जिंदगी भर का घाव दे जाता है. वर्ल्ड पॉपुलेशन रिव्यू की रिपोर्ट यह बताती है कि दुनिया के कई देशों में यह समस्या कितनी बड़ी है. भारत भी इस काली सूची में शामिल है. आंकड़ों को देखें तो साफ पता चलता है कि एसिड अटैक सिर्फ एक-दो देशों की समस्या नहीं, बल्कि यह वैश्विक चुनौती है.

World Top 5 Countries Most Acid Attacks in Hindi: कौन-कौन से देश सबसे ज्यादा प्रभावित?

रिपोर्ट के मुताबिक पांच देश ऐसे हैं जहां एसिड अटैक के मामले सबसे ज्यादा दर्ज किए गए हैं. यूनाइटेड किंगडम में 2022 में 710 मामले दर्ज हुए. भारत में हर साल करीब 614 मामले होने का अनुमान है. बांग्लादेश में 2002 में 400 मामले दर्ज किए गए थे, जो उस समय वहां की सबसे बड़ी संख्या थी. युगांडा में 1985 से 2011 के बीच 382 मामले सामने आए. कोलंबिया में हर साल लगभग 100 मामले दर्ज होते हैं. यह स्पष्ट करता है कि यह समस्या न केवल एशिया और अफ्रीका बल्कि यूरोप तक फैली हुई है.

Top 5 Countries Most Acid Attacks in Hindi: कहां सबसे कम मामले दर्ज होते हैं?

कुछ देशों में यह अपराध बहुत कम होता है. इनमें आयरलैंड (3 अनुमानित वार्षिक), ताइवान, बुल्गारिया, जमैका और गैबॉन (सभी में 2 अनुमानित वार्षिक मामले) शामिल हैं. दिलचस्प बात यह है कि जिन देशों में एसिड अटैक ज्यादा होते हैं जैसे भारत, बांग्लादेश, यूके, युगांडा और कोलंबिया वहां इसे कानूनी रूप से अपराध की स्पष्ट परिभाषा दी गई है. वहीं जिन देशों में कम मामले दर्ज होते हैं, वहां एसिड अटैक की अलग से कानूनी श्रेणी ही नहीं है.

भारत की स्थिति

भारत में 2018 में आधिकारिक तौर पर 228 मामले दर्ज हुए थे. लेकिन रिपोर्ट बताती है कि असल संख्या इससे कई गुना ज्यादा यानी 228 से 1000 के बीच हो सकती है. यहां ज्यादातर पीड़ित महिलाएं और लड़कियां होती हैं. कई मामले घर-परिवार, रिश्तेदारी या समाजिक विवादों से जुड़े होते हैं. मतलब, समस्या सिर्फ कानून की नहीं, सोच की भी है.

वहीं बांग्लादेश में 2002 के आसपास एसिड अटैक के मामले सबसे ज्यादा यानी 400 तक पहुंच गए थे. यहां एक अध्ययन में बताया गया कि 80% हमले पीड़ितों के घर के भीतर ही होते हैं. यानी अपराधी अक्सर परिचित लोग होते हैं. करीब 70% पीड़ित महिलाएं और लड़कियां होती हैं. शुरुआत में हालात बहुत खराब थे लेकिन कड़े कानूनों और जागरूकता से धीरे-धीरे मामलों में कमी आई.

यूके: दुनिया में सबसे ज्यादा हमले यहां दर्ज होते हैं

यूके में एसिड अटैक के मामले दुनिया में सबसे अधिक दर्ज होते हैं. 2017 में यह संख्या 941 तक पहुंच गई थी. इसके बाद कानून कड़े हुए, जागरूकता बढ़ी और 2021 में यह संख्या घटकर 421 रह गई. लेकिन 2022 में हमलों में फिर से उछाल आया और 710 मामले सामने आए. पहले यहां ज्यादातर पुरुष पीड़ित होते थे, लेकिन अब महिलाओं पर हमले बढ़ गए हैं. सबसे ज्यादा मामले नॉर्थअंबरिया में और फिर लंदन में दर्ज होते हैं.

कोलंबिया में हर साल लगभग 100 एसिड हमले दर्ज होते हैं. संख्या भले ही भारत या यूके जितनी बड़ी न लगे, लेकिन जनसंख्या के हिसाब से यह आंकड़ा काफी बड़ा माना जाता है. कंबोडिया में साल 2000 में अचानक 40 मामले दर्ज हुए थे, जो वहां के हिसाब से एक बड़ी संख्या थी. बाद में कानून और जागरूकता ने असर दिखाया और अब मामलों में काफी गिरावट आई है. डेटा यह साफ बताता है कि एसिड अटैक किसी एक देश की समस्या नहीं है. भारत, यूके, कोलंबिया या बांग्लादेश हर जगह इसके कारण अलग हो सकते हैं, लेकिन असर एक जैसा है.

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Govind Jee
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गोविन्द जी ने पत्रकारिता की पढ़ाई माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय भोपाल से की है. वे वर्तमान में प्रभात खबर में कंटेंट राइटर (डिजिटल) के पद पर कार्यरत हैं. वे पिछले आठ महीनों से इस संस्थान से जुड़े हुए हैं. गोविंद जी को साहित्य पढ़ने और लिखने में भी रुचि है.

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