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अमेरिका में नए अंतरराष्ट्रीय छात्रों की संख्या में 17% की गिरावट, भारतीय छात्र सबसे अधिक प्रभावित

US Colleges International Students Drop: अमेरिकी कॉलेजों में नए अंतर्राष्ट्रीय छात्रों की संख्या में 17% की गिरावट आई है, जिसमें भारतीय छात्रों का सबसे बड़ा योगदान रहा है. वीजा प्रतिबंध, यात्रा प्रतिबंध और प्रशासनिक नीतियां इसके कारण हैं. अंतर्राष्ट्रीय छात्र अमेरिकी अर्थव्यवस्था और कॉलेजों के वित्तीय मॉडल के लिए महत्वपूर्ण हैं.

US Colleges International Students Drop: इस साल अमेरिकी कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में नए अंतरराष्ट्रीय छात्रों की संख्या में भारी गिरावट देखने को मिली है. रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, इस गिरावट का मुख्य कारण नए वीजा नियम और ट्रंप प्रशासन की नीतियां मानी जा रही हैं. यह बदलाव केवल छात्रों के लिए नहीं बल्कि अमेरिका के कॉलेजों और अर्थव्यवस्था के लिए भी बड़ा संकेत है.

भारतीय छात्रों की संख्या में सबसे बड़ी गिरावट

रिपोर्ट में बताया गया कि अधिकांश कॉलेजों और विश्वविद्यालयों ने नए भारतीय छात्रों की संख्या में कमी दर्ज की है. यह गिरावट पूरे देश में अंतरराष्ट्रीय छात्रों की संख्या में कमी का सबसे बड़ा कारण बन रही है. भारत अमेरिका में आने वाले अंतरराष्ट्रीय छात्रों का सबसे बड़ा स्रोत है. रिपोर्ट में कहा गया कि जिन संस्थानों ने नए अंतरराष्ट्रीय छात्रों में गिरावट देखी, उनमें से 96% ने वीज़ा समस्याओं और 68% ने यात्रा प्रतिबंधों को इसकी वजह बताया. यह डेटा Institute of International Education से लिया गया है और 825 संस्थानों के आंकड़ों पर आधारित है.

US Colleges International Students Drop: वीजा प्रतिबंध और प्रशासनिक कदम

ट्रंप प्रशासन ने कानूनी आव्रजन पर कड़े कदम उठाए हैं, जिनका असर सीधे अंतरराष्ट्रीय छात्रों पर पड़ा है. इसके तहत अमेरिकी विश्वविद्यालयों में छात्रों की संख्या सीमित करने के प्रस्ताव और वीजा प्रक्रिया में कड़ी जांच शामिल है. अमेरिकी विदेश विभाग ने वीजा आवेदकों से उनके सोशल मीडिया अकाउंट सार्वजनिक करने की मांग करने का अधिकार दिया है, ताकि संभावित जोखिम वाले व्यक्तियों की पहचान की जा सके.

इस बढ़ी हुई जांच के कारण कुछ छात्रों के वीजा रद्द हो चुके हैं और नए वीजा के लिए आवेदन करने वाले छात्रों को लंबा इंतजार करना पड़ा. कई संस्थानों ने कहा कि इस साल की अस्थायी रोक और लंबी प्रक्रिया छात्रों की दस्तावेजी तैयारी और यात्रा पर असर डाल रही है.

अंतरराष्ट्रीय छात्रों का आर्थिक महत्व

इतिहास में देखा गया है कि वीजा देरी और अस्वीकृति अंतरराष्ट्रीय छात्रों की संख्या में गिरावट का मुख्य कारण रही है. NAFSA: Association of International Educators के अनुसार, 2024-2025 शैक्षणिक वर्ष में लगभग 1.2 मिलियन अंतरराष्ट्रीय छात्र अमेरिका में पढ़ रहे थे. Bureau of Economic Analysis के आंकड़ों के मुताबिक, इन छात्रों ने 2024 में अमेरिकी अर्थव्यवस्था में लगभग 55 बिलियन डॉलर का योगदान दिया.

कई अंतरराष्ट्रीय छात्र वित्तीय सहायता के लिए पात्र नहीं होते और पूरे ट्यूशन का भुगतान करते हैं. इसलिए वे उन कॉलेजों के लिए महत्वपूर्ण हैं, जिनका घरेलू नामांकन घट रहा है, संचालन लागत बढ़ रही है और सरकारी फंडिंग कम हो रही है. रिपोर्ट में बताया गया कि 29% संस्थानों ने नए अंतरराष्ट्रीय छात्रों में वृद्धि देखी, 14% ने कोई बदलाव नहीं और 57% ने गिरावट दर्ज की.

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Govind Jee
Govind Jee
गोविन्द जी ने पत्रकारिता की पढ़ाई माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय भोपाल से की है. वे वर्तमान में प्रभात खबर में कंटेंट राइटर (डिजिटल) के पद पर कार्यरत हैं. वे पिछले आठ महीनों से इस संस्थान से जुड़े हुए हैं. गोविंद जी को साहित्य पढ़ने और लिखने में भी रुचि है.

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