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संयुक्त राष्ट्र ने पास किया ट्रंप का गाजा पीस प्लान, अब गाजा में उतरेगी ISF, हमास ने किया विरोध-इजरायल भी खुश नहीं

UNSC approves Donald Trump's Gaza Peace Plan: संयुक्त राष्ट्र ने अमेरिका द्वारा पेश किए गए प्रस्ताव पर मुहर लगा दी, जो डोनाल्ड ट्रंप के गाजा पीस प्लान पर आधारित है. शुरुआत में लगा कि रूस इसमें अड़ंगा लगाएगा, लेकिन उसने चीन के साथ इस 13-0 से पास होने वाले रिजोल्यूशन में भाग नहीं लिया. अब फिलिस्तीन में एक अंतरराष्ट्रीय स्थिरीकरण बल (ISF) जाएगा, जो गाजा में शांति लाने के लिए उत्तरदायी होगा. हालांकि हमास ने इसका विरोध किया है, जबकि इजरायल भी इससे थोड़ा नाखुश दिख रहा है.

UNSC approves Donald Trump’s Gaza Peace Plan: इजरायल और हमास के बीच गाजा में दो साल से जारी हिंसा पिछले महीने अक्टूबर में समाप्त हो गई. इस युद्ध को शांति की राह में लाने में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का अहम योगदान रहा. उनके द्वारा पेश किए गए 20 सूत्रीय योजना पर दोनों पक्षों ने सहमति जताई, जिसके तहत इजरायल और हमास ने एक दूसरे के बंदियों को रिहा किया. अब इस योजना के अगले चरण की तैयारी भी तय हो गई है. संयुक्त राष्ट्र ने अमेरिका द्वारा पेश किए गए प्रस्ताव पर मुहर लगा दी, जो डोनाल्ड ट्रंप के गाजा पीस प्लान पर आधारित है. शुरुआत में लगा कि रूस इसमें अड़ंगा लगाएगा, लेकिन उसने चीन के साथ इस 13-0 से पास होने वाले रिजोल्यूशन में भाग नहीं लिया. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने सोमवार, 17 नवंबर 2025 को अमेरिका द्वारा तैयार किए गए उस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी, जिसके तहत फिलिस्तीनी क्षेत्र के लिए एक अंतरराष्ट्रीय स्थिरीकरण बल (ISF) को अधिकृत किया गया है. अब एक स्वतंत्र फिलीस्तीन राज्य की स्थापना का रास्ता साफ हो गया है. 

संयुक्त राष्ट्र का यह प्रस्ताव एक तय समय (2027 तक) के लिए प्रशासनिक निकाय को वैधता प्रदान करने. यह उन देशों को भरोसा दिलाने के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है, जो गाजा में सैनिक भेजने पर विचार कर रहे हैं. इस योजना के तहत अरब और अन्य देश इजरायल और हमास गाजा के भविष्य को बेहतर करने के लिए तैयार हुए थे. लेकिन क्षेत्र में सेना उपलब्ध करवाने वाले देशों ने शर्त रखी थी कि इसके लिए डोनाल्ड ट्रंप के पीस प्लान को संयुक्त राष्ट्र की ओर से भी पास किया जाना चाहिए. अब यह अंतरराष्ट्रीय स्थिरीकरण बल गाजा में प्रवेश कर निरस्त्रीकरण की निगरानी, महत्वपूर्ण इलाकों की सुरक्षा और मानवीय सहायता के वितरण में मदद करेगा. साथ ही यह इजरायल और मिस्र, गाजा के दक्षिणी पड़ोसी के साथ समन्वय में कार्य करेगा. 

यूएन प्रस्ताव में क्या है?

यूएन के प्रस्ताव के पाठ में कहा गया है कि सदस्य देश “बोर्ड ऑफ पीस” में भाग ले सकते हैं, जिसे एक संक्रमणकालीन प्राधिकरण के रूप में तैयार किया गया है, जो गाजा के पुनर्निर्माण और आर्थिक पुनरुद्धार की देखरेख करेगा. यह प्रस्ताव अंतरराष्ट्रीय स्थिरीकरण बल को भी अधिकृत करता है, जो गाजा को निशस्त्रीकरण के चरणबद्ध प्रक्रिया को सुनिश्चित करेगा, जिसमें हथियारों को निष्क्रिय करना और सैन्य बुनियादी ढांचे को नष्ट करना शामिल है. ट्रंप की 20-बिंदु योजना को प्रस्ताव के परिशिष्ट के रूप में शामिल किया गया है. योजना में बोर्ड ऑफ पीस के गठन का भी प्रस्ताव है, जिसका नेतृत्व खुद ट्रंप करेंगे. इसके अलावा गाजा के पुनर्निर्माण के लिए विश्व बैंक-सहायता प्राप्त ट्रस्ट फंड स्थापित किया जाएगा.

अमेरिकी योजना को रूस का अप्रत्यक्ष समर्थन

रूस के पास सुरक्षा परिषद में वीटो शक्ति है. उसने पहले इस प्रस्ताव पर संभावित आपत्ति का संकेत दिया था, लेकिन मतदान में उसने परहेज किया, जिससे प्रस्ताव पारित हो सका. शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी मिशन ने कतर, इजिप्ट, संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब, इंडोनेशिया, पाकिस्तान, जॉर्डन और तुर्की के साथ मिलकर एक संयुक्त बयान जारी किया. इस बयान में अमेरिका के प्रस्ताव को जल्द से जल्द मंजूरी देने की अपील की गई. फिलिस्तीनी प्राधिकरण ने शुक्रवार को जारी एक बयान में अमेरिकी-प्रस्तावित प्रस्ताव का समर्थन किया था. वहीं यह प्रस्ताव इजरायल में विवाद का विषय बना, क्योंकि इसमें फिलिस्तीनियों के लिए भविष्य में राज्य का दर्जा मिलने की संभावना का उल्लेख है. 

इजरायल ने किया विरोध

इजरायली प्रधानमंत्री बेन्यामिन नेतन्याहू ने अपनी सरकार के दक्षिणपंथी सदस्यों के दबाव में रविवार को कहा कि इजरायल फिलिस्तीनी राज्य का विरोध जारी रखेगा और गाजा को आसान तरीके से या कठिन तरीके से निशस्त्र करने की कसम खाई. उन्होंने कहा कि एक अलग फिलीस्तीनी राज्य हमास के लिए फायदेमंद होगा और अंततः इजरायल की सीमा पर हमास द्वारा शासित एक और बड़ा राज्य बनेगा. 

हमास ने भी किया योजना का विरोध

वहीं हमास ने भी इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया. उसने कहा कि यह फिलिस्तीनियों की मांग को पूरा नहीं करता और गाजा पर अंतर्राष्ट्रीय शासन थोपने की कोशिश करता है. टेलीग्राम पर जारी बयान में हमास ने कहा कि यह योजना “गाजा पट्टी पर अंतरराष्ट्रीय संरक्षक शासन थोपती है, जिसे हमारा लोग और सभी प्रतिरोध गुट अस्वीकार करते हैं.” हमास ने यह भी कहा कि प्रतिरोध समूहों को निशस्त्र करने का जनादेश देकर यह बल “अपनी तटस्थता खो देगा और कब्जे के पक्ष में संघर्ष का हिस्सा बन जाएगा.” बयान में कहा गया कि यह प्रस्ताव इजरायली हितों की सेवा करता है.

फिलिस्तीन राष्ट्र निर्माण में अहम है ये योजना

प्रस्ताव के पाठ में कहा गया है कि शर्तें अंततः फिलिस्तीनी आत्मनिर्णय और राष्ट्र निर्माण के एक विश्वसनीय मार्ग के लिए अनुकूल हो सकती हैं, बशर्ते फिलिस्तीनी प्राधिकरण सुधार कार्यक्रम लागू करे और गाजा का पुनर्विकास आगे बढ़े. संयुक्त राज्य अमेरिका इजरायल और फिलिस्तीनियों के बीच एक संवाद स्थापित करेगा ताकि शांतिपूर्ण और समृद्ध सह-अस्तित्व के लिए एक राजनीतिक स्थिति पर सहमति बनाई जा सके.

योजना में क्या है?

प्रस्तावित मसौदे के अनुसार, ISF गैर-राज्य सशस्त्र समूहों विशेषकर हमास के हथियारों के स्थायी निष्क्रियकरण पर काम करेगा. हमास को ट्रंप की योजना के तहत अपने हथियार सौंपने होंगे. एक नई, प्रशिक्षित फिलिस्तीनी पुलिस की स्थापना का प्रावधान है, जो आगे चलकर गाजा के कानून-व्यवस्था की जिम्मेदारी संभालेगी और मौजूदा हमास-नियंत्रित पुलिस बल की जगह लेगी. संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका के राजदूत माइक वॉल्ट्ज ने परिषद को बताया कि ISF का काम होगा, क्षेत्र की सुरक्षा, गाजा के निरस्त्रीकरण में सहयोग, आतंकी ढांचे को ध्वस्त करना, हथियारों को हटाना और फिलिस्तीनी नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना

संघर्ष की पृष्ठभूमि

यह मतदान ऐसे समय हुआ जब अंतरराष्ट्रीय समुदाय युद्धविराम को कायम रखने की कोशिश कर रहा है. यह युद्ध हमास के 7 अक्टूबर 2023 के इजरायल पर हमले से शुरू हुआ था, जिसमें लगभग 1,200 लोग मारे गए थे. इसके जवाब में, हमास-नियंत्रित गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, इजरायली अभियान में अब तक 69,000 से अधिक फिलिस्तीनी मारे जा चुके हैं.

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Anant Narayan Shukla
Anant Narayan Shukla
इलाहाबाद विश्वविद्यालय से परास्नातक। वर्तमानः डिजिटल पत्रकार @ प्रभात खबर। इतिहास को समझना, समाज पर लिखना, धर्म को जीना, खेल खेलना, राजनीति देखना, संगीत सुनना और साहित्य पढ़ना, जीवन की हर विधा पसंद है। क्रिकेट से लगाव है, इसलिए खेल पत्रकारिता से जुड़ा हूँ.

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