32.1 C
Ranchi
Friday, March 29, 2024

BREAKING NEWS

Trending Tags:

संयुक्त राष्ट्र में म्यांमार में सैन्य तख्तापलट के खिलाफ प्रस्ताव पारित, भारत ने नहीं लिया मतदान में हिस्सा

नयी दिल्ली : भारत ने शुक्रवार को म्यांमार (Myanmar) के खिलाफ हथियार प्रतिबंध के संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के प्रस्ताव पर मतदान में यह कहते हुए भाग नहीं लिया कि मसौदा प्रस्ताव उसके विचारों को प्रतिबिम्बित नहीं करता. भारत सहित 35 देशों ने मतदान में भाग नहीं लिया. हिंदुस्तान टाइम्स की खबर के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र में एक प्रस्ताव पारित किया गया जिसमें म्यांमार की सेना की ओर से तख्ता पलट की कड़ी निंदा की गयी और मांग की गयी कि देश के लोकतांत्रिक प्रक्रिया को बहाल किया जाए.

नयी दिल्ली : भारत ने शुक्रवार को म्यांमार (Myanmar) के खिलाफ हथियार प्रतिबंध के संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के प्रस्ताव पर मतदान में यह कहते हुए भाग नहीं लिया कि मसौदा प्रस्ताव उसके विचारों को प्रतिबिम्बित नहीं करता. भारत सहित 35 देशों ने मतदान में भाग नहीं लिया. हिंदुस्तान टाइम्स की खबर के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र में एक प्रस्ताव पारित किया गया जिसमें म्यांमार की सेना की ओर से तख्ता पलट की कड़ी निंदा की गयी और मांग की गयी कि देश के लोकतांत्रिक प्रक्रिया को बहाल किया जाए.

संयुक्त राष्ट्र के इस दुर्लभ कदम के पक्ष में 119 देशों ने मतदान किया. केवल म्यांमार के पड़ोसी देशों बांग्लादेश, चीन, नेपाल, थाईलैंड, भारत, भूटान और लाओस सहित 35 देशों में मतदान में हिस्सा नहीं लिया. वहीं बेलारूस एक मात्र ऐसा देश है जिसने प्रस्ताव के खिलाफ मतदान किया है. प्रस्ताव में लोकतांत्रिक तरीके से चुनी हुई सरकार को फिर से बहाल करने को कहा गया है.

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टी एस तिरुमूर्ति ने पीटीआई-भाषा को बताया कि संयुक्त राष्ट्र महासभा में जो आज का मसौदा पेश किया गया वह प्रस्ताव पड़ोसी देशों से सलाह के बगैर लाया गया है. यह म्यांमार के लिए मददगार साबित नहीं हो सकता है. उन्होंने कहा कि इस मसौदे से म्यांमार के मौजूदा स्थिति का समाधान ढूढने के आसियान देशों के प्रयास को हतोत्साहित भी कर सकता है.

Also Read: Myanmar Latest Updates : म्यांमार में सेना की ‘खूनी होली’, 100 से ज्यादा प्रदर्शनकारियों को उतारा मौत के घाट

मतदान में शामिल नहीं होने के फैसले के बारे में बताते हुए तिरुमूर्ति ने कहा कि म्यांमार का निकट पड़ोसी देश होने के नाते भारत को वहां की राजनीतिक अस्थिरता के गंभीर प्रभावों के बारे में पता है. साथ ही भारत को यह भी पता है कि इसके प्रभाव सीमा के बाहर कितना प्रभाव छोड़ सकते हैं. पड़ोसी देशों को स्थायी समाधान पर विचार करना चाहिए.

उन्होंने कहा कि भारत सभी मुद्दों के शांतिपूर्ण समाधान के लिए बाकी देशों से व्यापक स्तर पर भागीदारी का आह्वान करता है. तिरुमूर्ति ने कहा कि दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के संगठन (आसियान) के तत्वावधान में हम पहले ही ऐसी पहल कर हैं. ऐसे में सबसे महत्वपूर्ण यह होगा कि हम आसियान के प्रयासों को पूर्ण समर्थन करें. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के मसौदे में हमारे विचार मेल नहीं खाते.

बता दें कि म्यांमार में 2020 में हुए चुनाव में आंग सान यू ची की पार्टी ने बहुमत हासिल किया था और वहां सू ची की पार्टी सत्ता में आयी थी. इसी साल एक फरवरी को म्यांमार में सैन्य तख्तापलट हुआ और सू ची की पार्टी को सत्ता से हटा दिया गया. सू ची सहित पार्टी के कई बड़े नेताओं और अधिकारियों को नजरबंद कर दिया गया. इसके विरोध में देश में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. इसी सरकार को फिर से बहाल करने का प्रस्ताप सुरक्षा परिषद में पारित किया गया.

Posted By: Amlesh Nandan.

You May Like

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

अन्य खबरें