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अफगान में तालिबानी फरमान : विश्वविद्यालय में महिलाओं के दाखिले पर लगी रोक, अमेरिका ने की निंदा

अफगानिस्तान में उच्च शिक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता जियाउल्लाह हाशमी की ओर से लिखी गई एक चिट्ठी में प्राइवेट और सरकारी विश्वविद्यालयों को प्रतिबंध जल्द से जल्द लागू करने और प्रतिबंध लगाने के बाद मंत्रालय को सूचित करने का निर्देश दिया गया है.

काबुल/वाशिंगटन/नई दिल्ली : अफगानिस्तान में तालिबानी सरकार का बेतुका फरमान लगातार जारी है. इस बार तालिबानी सरकार ने वहां के प्राइवेट और सरकारी विश्वविद्यालयों में महिलाओं के पढ़ने पर रोक लगा दी है. तालिबान सरकार के प्रवक्ता की ओर से मंगलवार को मीडिया को दी गई जानकारी में बताया गया है कि सरकार का यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा और यह रोक अगले आदेश तक जारी रहेगी.

गुतारेस की अपील के बाद तालिबान सरकार ने उठाया कदम

उधर, अफगानिस्तान में महिलाओं के विश्वविद्यालयों में पढ़ने पर रोक लगाने को लेकर अमेरिका ने तालिबानी सरकार की कड़ी निंदा की है. हालांकि, तालिबानी सरकार की ओर से रोक लगाए जाने के पहले संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने अपने सालाना प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अफगानिस्तान में महिला अधिकार, महिलाओं की उच्च और तकनीकी शिक्षा, निजी स्वतंत्रता के साथ ही शांति और सुरक्षा को लेकर अपील की थी. उसके बाद ही तालिबानी सरकार ने यह फरमान जारी किया है.

उच्च शिक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने शेयर की चिट्ठी

मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, अफगानिस्तान में तालिबानी सरकार की ओर से प्राइवेट और सरकारी विश्वविद्यालयों में महिलाओं के दाखिले पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई है और यह रोक अगले आदेश तक जारी रहेगी. विश्वविद्यालयों में महिलाओं के दाखिले पर रोक संबंधी फैसले की घोषणा तालिबान सरकार की एक बैठक के बाद की गई है. अफगानिस्तान में उच्च शिक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता जियाउल्लाह हाशमी की ओर से लिखी गई एक चिट्ठी में प्राइवेट और सरकारी विश्वविद्यालयों को प्रतिबंध जल्द से जल्द लागू करने और प्रतिबंध लगाने के बाद मंत्रालय को सूचित करने का निर्देश दिया गया है. हाशमी ने अपने पत्र को ट्वीट भी किया और समाचार एजेंसी एसोसिएटेड प्रेस को एक संदेश में इसकी सामग्री की पुष्टि की.

तालिबानी फरमान की अमेरिका ने की निंदा

वहीं, अमेरिका ने अफगानिस्तान में महिलाओं की विश्वविद्यालय स्तर की शिक्षा पर रोक लगाने के तालिबानी सरकार के फैसले की निंदा की है. तालिबान सरकार ने महिलाओं के अधिकारों और उनकी स्वतंत्रता पर नकेल कसते हुए विश्वविद्यालयों में महिला छात्रों के दाखिले पर रोक लगाई है. व्हाइट हाउस राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (एनएससी) की प्रवक्ता एड्रिएन वॉटसन ने मंगलवार को कहा कि अमेरिका अफगानिस्तान की महिलाओं को विश्वविद्यालय स्तर की शिक्षा प्राप्त करने से रोकने के लिए तालिबान के फैसले की निंदा करता है.

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अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग पड़ जाएगा अफगान

एनएससी की प्रवक्ता एड्रिएन वॉटसन ने आगे कहा कि अफगानिस्तान की तालिबानी सरकार का यह एक निंदनीय फैसला है और तालिबान नेतृत्व द्वारा अफगानिस्तान में महिलाओं तथा लड़कियों पर अतिरिक्त प्रतिबंध लगाने तथा उन्हें उनके मानवाधिकारों और मौलिक स्वतंत्रता का इस्तेमाल करने से रोकने का नया हथकंडा है. वॉटसन ने कहा कि अफगानिस्तान के इस अस्वीकार्य रुख से तालिबान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और अलग-थलग पड़ जाएगा और जो वैधता वह हासिल करना चाहता है, उससे भी वंचित हो जाएगा. उन्होंने कहा कि अमेरिका इस मुद्दे पर अपने भागीदारों व सहयोगियों के साथ संपर्क में है. हम अफगानिस्तान की महिलाओं तथा लड़कियों का समर्थन करने और अफगानिस्तान के लोगों को मानवीय सहायता प्रदान करने के हमारे साझा प्रयासों को आगे बढ़ाने के लिए कदम उठाना जारी रखेंगे.

KumarVishwat Sen
KumarVishwat Sen
कुमार विश्वत सेन प्रभात खबर डिजिटल में डेप्यूटी चीफ कंटेंट राइटर हैं. इनके पास हिंदी पत्रकारिता का 25 साल से अधिक का अनुभव है. इन्होंने 21वीं सदी की शुरुआत से ही हिंदी पत्रकारिता में कदम रखा. दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी पत्रकारिता का कोर्स करने के बाद दिल्ली के दैनिक हिंदुस्तान से रिपोर्टिंग की शुरुआत की. इसके बाद वे दिल्ली में लगातार 12 सालों तक रिपोर्टिंग की. इस दौरान उन्होंने दिल्ली से प्रकाशित दैनिक हिंदुस्तान दैनिक जागरण, देशबंधु जैसे प्रतिष्ठित अखबारों के साथ कई साप्ताहिक अखबारों के लिए भी रिपोर्टिंग की. 2013 में वे प्रभात खबर आए. तब से वे प्रिंट मीडिया के साथ फिलहाल पिछले 10 सालों से प्रभात खबर डिजिटल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इन्होंने अपने करियर के शुरुआती दिनों में ही राजस्थान में होने वाली हिंदी पत्रकारिता के 300 साल के इतिहास पर एक पुस्तक 'नित नए आयाम की खोज: राजस्थानी पत्रकारिता' की रचना की. इनकी कई कहानियां देश के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं.

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