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भारत के खिलाफ चालबाजी से बाज नहीं आ रहा चीन, ईरान और रूस के साथ हिंद महासागर में कर रहा युद्धाभ्यास

ईरान और रूस ने पिछले साल के फरवरी महीने में भी नौसैन्य अभ्यास किया था. हाल के वर्षों में दोनों देशों ने मध्यपूर्व के क्षेत्र में चीन के साथ कम से कम दो बार संयुक्त नौसैन्य अभ्यास किया है.

नई दिल्ली : भारत के हाथों हर मोर्चे पर मात खाने के बावजूद चीन अपनी चालबाजी से बाज नहीं आ रहा है. खबर है कि वह कल से हिंद महासागर में ईरान और रूस के साथ मिलकर नौसैन्य अभ्यास करेगा. यह युद्धाभ्यास चाबहार पोर्ट से शुरू होगा. अल-मॉनिटर रिपोर्ट के अनुसार, रूस के नौसेना के जहाज संयुक्त समुद्री अभ्यास की तैयारी के लिए ईरान का दौरा कर रहे हैं. रूसी प्रशांत महासागर के बेड़े ने बताया है कि एक मिसाइल क्रूजर, पनडुब्बी रोधी युद्धपोत और एक टैंकर दक्षिण-पूर्वी ईरान के चाबहार बंदरगाह पर पहुंच चुके हैं. ये जहाज पिछले महीने व्लादिवोस्तोक से रवाना हुए थे.

इंडियन एयरोस्पेस डिफेंस न्यूज के एक ट्वीट के अनुसार, ईरान, रूस और चीन का यह युद्धाभ्यास हिंद महासागर में आज यानी शुक्रवार से शुरू होगा. इसकी शुरुआत चाबहार पोर्ट से की जाएगी. इस युद्धाभ्यास में मिसाइल क्रूज, बड़े-बड़े समुद्री टैं और एंटी-सबमरीन वारफेयर शिप को शामिल किया गया है.


पहले भी रूस-ईरान के साथ नौसैन्य अभ्यास कर चुका है चीन

बताते चलें कि ईरान और रूस ने पिछले साल के फरवरी महीने में भी नौसैन्य अभ्यास किया था. हाल के वर्षों में दोनों देशों ने मध्यपूर्व के क्षेत्र में चीन के साथ कम से कम दो बार संयुक्त नौसैन्य अभ्यास किया है. ताजा अभ्यास की तैयारी तब हुई, जब ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मॉस्को में मुलाकात की थी. इस मुलाकात के दौरान दोनों नेताओं ने अमेरिका के प्रभाव को कम करने के लिए साथ काम करने की बात कही है. दोनों देशों के बीच स्थायी और रणनीतिक सहयोग के क्षेत्र में काम करने पर सहमति बनी है.

अमेरिका ने ईरान पर लगाया हुआ है प्रतिबंध

ईरान परमाणु समझौते को लेकर अमेरिका ने तेहरान पर पिछले कई सालों से कई तरह के प्रतिबंध लगाए हुए हैं. वियना में समझौते को लेकर फिर से बात हो रही है लेकिन बातचीत में कुछ खास प्रगति होती नहीं दिखी है. अमेरिका ने यूक्रेन को लेकर रूस को भी धमकी दी है. उसने कहा है कि यूक्रेन पर हमला करने पर रूस पर ऐसे प्रतिबंध लगाए जाएंगे, जो उसने कभी देखे न होंगे. ऐसे में विशेषज्ञ इस अभ्यास को यूक्रेन से जोड़कर भी देख रहे हैं.

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भारत को कैसे पहुंचेगा नुकसान?

जिस चाबहार पोर्ट पर चीन, रूस और ईरान नौसैन्य अभ्यास करने की तैयारी में जुटे हैं, वह पोर्ट रणनीतिक तौर से भारत के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. चीन द्वारा पाकिस्तान में ग्वादर पोर्ट को विकसित किया जा रहा है. ऐसे में भारत ईरान के साथ मिलकर चाबहार पोर्ट पर काम कर रहा है. भारत को उम्मीद है कि इस पोर्ट के जरिए अफगानिस्तान और मध्य एशियाई देशों तक आसानी से पहुंचा जा सकेगा.

Prabhat Khabar Digital Desk
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