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‘अमेरिका खरीद सकता है, तो भारत क्यों नहीं?’ रूसी तेल पर US टैरिफ को लेकर भड़के पुतिन

Putin On Russian Oil Tariff: रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने अमेरिकी टैरिफ को दोहरा मापदंड बताया और कहा कि अगर अमेरिका रूसी ईंधन खरीद सकता है तो भारत को क्यों रोका जाए. मोदी-पुतिन की मुलाकात में तेल, रक्षा, व्यापार और यूक्रेन युद्ध पर अहम चर्चा होने वाली है.

Putin On Russian Oil Tariff: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन इस बार भारत के लिए सीधे मैदान में उतर गए हैं. मामला है रूसी तेल और अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ का. पुतिन ने साफ कहा कि अगर अमेरिका खुद रूस से न्यूक्लियर फ्यूल खरीद रहा है, तो भारत को रूसी तेल खरीदने पर रोक लगाने या भारी टैक्स लगाने का औचित्य क्या है. इंडिया टोडे को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि भारत को वही अधिकार मिलने चाहिए, जो अमेरिका खुद उपयोग कर रहा है. पुतिन ने गुरुवार को कहा कि भारत के साथ जो व्यवहार हो रहा है, वह ठीक नहीं है. अगर अमेरिका रूसी ईंधन खरीद सकता है, तो भारत को ऐसा करने से क्यों रोका जा रहा है? उन्होंने कहा कि भारत एक बड़ा देश है और उसकी अपनी पसंद पर दुनिया को सम्मान देना चाहिए. ऊर्जा से जुड़ा फैसला भारत खुद ले सकता है और उसे इस पर किसी दबाव की जरूरत नहीं है.

Putin On Russian Oil Tariff: मोदी ने पुतिन का गले लगाकर स्वागत किया 

पुतिन का भारत दौरा करीब चार साल बाद हो रहा है. मोदी गुरुवार को खुद पलम एयरपोर्ट पहुंचे और पुतिन को गले लगाकर स्वागत किया. एयरपोर्ट पर कलाकारों ने पारंपरिक नृत्य किया और पूरा माहौल उत्सव जैसा दिखा. दोनों नेता एक ही कार में प्रधानमंत्री आवास पहुंचे. यह उसी दोस्ताना अंदाज का सिलसिला था जो कुछ महीने पहले चीन के तियानजिन में SCO सम्मेलन के दौरान देखा गया था, जब मोदी पुतिन की कार में बैठे थे. मोदी ने सोशल मीडिया पर लिखा कि

मेरे दोस्त राष्ट्रपति पुतिन का स्वागत कर खुश हूं… भारत-रूस दोस्ती समय की कसौटी पर खरी उतरी है. शाम को प्रधानमंत्री आवास पर पुतिन के लिए निजी डिनर रखा गया. घर को रोशनी और फूलों से सजाया गया था. ये डिनर शुक्रवार को होने वाले 23वें भारत-रूस शिखर सम्मेलन की दिशा तय करने वाला माना जा रहा है.इस समिट में मुख्य फोकस है रक्षा में नई राह, भारत-रूस व्यापार को अमेरिका जैसे बाहरी दबावों से बचाना, छोटे मॉड्यूलर रिएक्टर पर सहयोग और कई बड़े समझौते शामिल रहेंगे. यह दौरा इसलिए भी खास है क्योंकि इस समय भारत-अमेरिका रिश्ते काफी तनाव में हैं.

भारत-अमेरिका रिश्तों के बिगड़ने के बीच पुतिन का अहम दौरा

यह यात्रा उसी समय हो रही है जब भारत और अमेरिका के बीच तनाव बढ़ा हुआ है. अमेरिका ने भारतीय सामान पर 50% तक टैरिफ लगा दिए और भारत के रूस से तेल खरीदने पर 25% का शुल्क लगा दिया यही कारण है कि इस समिट में तेल, व्यापार, और अमेरिकी प्रतिबंध बड़ा मुद्दा हैं. रूसी प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कहा कि पश्चिमी पाबंदियों की वजह से भारत की रूसी तेल खरीद थोड़े समय के लिए कम हो सकती है, लेकिन रूस सप्लाई बढ़ाने की तैयारी में है. पुतिन समिट में मोदी को बताएंगे कि अमेरिका यूक्रेन युद्ध खत्म करने के लिए क्या कोशिशें कर रहा है. भारत लगातार कह रहा है कि समस्या का हल बातचीत और कूटनीति से ही निकलेगा.

भारतीय कामगारों पर समझौता, रक्षा सहयोग और कई बड़े एग्रीमेंट

शिखर वार्ता में कई समझौतों पर अंतिम मुहर लगने की उम्मीद है. इनमें शामिल हैं भारतीय वर्कर्स को रूस में काम करने की सुविधा, रक्षा क्षेत्र में लॉजिस्टिक सपोर्ट का बड़ा समझौता और कई व्यापारिक और तकनीकी एग्रीमेंट. भारत रूस से लगभग 65 अरब डॉलर का माल खरीदता है लेकिन रूस भारत से सिर्फ 5 अरब डॉलर का सामान लेता है. यही वजह है कि भारत फार्मा, फूड, कृषि और कंज्यूमर गुड्स के निर्यात को बढ़ाना चाहता है. उर्वरक क्षेत्र में भी दोनों देशों की बातचीत आगे बढ़ रही है. रूस हर साल भारत को 3-4 मिलियन टन उर्वरक देता है. इसके अलावा, भारत और यूरेशियन इकोनॉमिक यूनियन के बीच FTA पर भी चर्चा होगी.

समिट से पहले दोनों देशों के रक्षा मंत्री मिल चुके हैं. बात हुई S-400 की अतिरिक्त बैच, संवेदनशील सैन्य तकनीक और भविष्य के हथियार सौदे. S-400 ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में बेहतरीन प्रदर्शन किया था, इसलिए भारत इसका और ऑर्डर करना चाहता है. पेसकोव ने कहा कि समिट में Su-57 फाइटर जेट देने पर भी चर्चा हो सकती है. भारत अभी 5th जनरेशन फाइटर जेट की खोज में है Rafale, F-21, F/A-18 और Eurofighter Typhoon इसके दावेदार हैं.

Putin On Russian Oil Tariff in Hindi: ऊर्जा क्षेत्र में रूस की नई पेशकश 

अमेरिकी प्रतिबंधों के कारण भारत की रूसी तेल खरीद पिछले कुछ हफ्तों में थोड़ी कम हुई है. इसी बीच रूस ने भारत को अतिरिक्त छूट देने की पेशकश की है ताकि भारत की खरीद फिर न घटे. भारत और रूस के बीच हर साल शिखर बैठक होती है. अब तक 22 समिट हो चुकी हैं. पुतिन आखिरी बार 2021 में भारत आए थे और मोदी पिछले साल जुलाई में मॉस्को गए थे. रूस लंबे समय से भारत का सबसे भरोसेमंद साथी रहा है और भारत की विदेश नीति में उसकी जगह बहुत मजबूत है.

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Govind Jee
Govind Jee
गोविन्द जी ने पत्रकारिता की पढ़ाई माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय भोपाल से की है. वे वर्तमान में प्रभात खबर में कंटेंट राइटर (डिजिटल) के पद पर कार्यरत हैं. वे पिछले आठ महीनों से इस संस्थान से जुड़े हुए हैं. गोविंद जी को साहित्य पढ़ने और लिखने में भी रुचि है.

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