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US Presidential Election 2020: ‘कू क्लाक्स क्लोन’ क्या है? नतीजे ट्रंप के पक्ष में नहीं आए तो क्या होगा

चुनाव अभियान के दौरान कई रैलियों में डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि यदि नतीजे उनके पक्ष में नहीं आये तो वे चुनाव परिणाम मानने से इंकार कर देंगे.

वॉशिंगटन: अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोट डाले जा चुके हैं. अब वोटों की गिनती जारी है. फिलहाल मामला फिफ्टी-फिफ्टी का है. कभी रिपब्लिकन उम्मीदवार और मौजूदा राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जीतते दिखते हैं तो कभी डेमोक्रेट उम्मीदवार जो बाइडेन को बढ़त मिलती दिख रही है. इस बीच सबके मन में ये सवाल है कि यदि नतीजे मौजूदा राष्ट्रपति ट्रंप के पक्ष में नहीं आए तो क्या होगा.

नतीजे मानने से इंकार कर सकते हैं ट्रंप

ये सवाल इसलिए उठ रहा है क्योंकि चुनाव अभियान के दौरान कई रैलियों में डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि यदि नतीजे उनके पक्ष में नहीं आये तो वे चुनाव परिणाम मानने से इंकार कर देंगे. यदि नहीं वे नतीजे पक्ष में नहीं आने पर सत्ता के शांतिपूर्ण हस्तांतरण के लिए भी तैयार नहीं हैं. आप सोचेंगे कि, क्या ये संभव है. दूसरे राष्ट्रों में ये अव्यवहारिक बात लगती है लेकिन अमेरिका में ऐसा संभव है और इसकी वजह है 1791 का संविधान संसोधन.

अमेरिका में पैदा हो सकते हैं गृहयुद्ध के हालात

डोनाल्ड ट्रंप कई तरीके से चुनाव परिणाम मानने से इंकार कर सकते हैं. पहला, यदि नतीजे उनके पक्ष में नहीं आए तो ट्रंप अपने समर्थक संगठन प्राउड ब्वायज और द ओथ कीपर्स को सड़क पर उतरने का हुक्म दे सकते हैं. ये दोनों हथियारबंद समूह हैं. सड़क पर उतर कर ये लोग व्यापक पैमाने पर हिंसा फैला सकते हैं. इससे गृहयुद्ध की स्थिति पैदा होगी.

डोनाल्ड ट्रंप तर्क दे सकते हैं कि फिलहाल इसको रोकना जरूरी है. वे सेना बुला सकते हैं क्योंकि नियमों के मुताबिक 20 जनवरी 2021 तक डोनाल्ड ट्रंप की अमेरिकी सैन्य बल के सर्वोच्च कमांडर हैं. वे सेना बुलाकर अमेरिकी आवाम से एक निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव का वादा करेंगे. ऐसा हो सकता है. मिलिशा नाम का हथियारबंद समूह भी ट्रंप का समर्थक है.

बाइडेन-ट्रंप समर्थकों में हो सकती है हिंसक झड़प

दूसरी स्थिति में यदि डोनाल्ड ट्रंप जीतते हैं तो जो बाइडेन के समर्थक सड़कों पर आएंगे. ट्रंप और बाइडेन समर्थकों के बीच झड़पे होंगी. ट्रंप आपातकाल की घोषणा कर सकते हैं. आमतौर पर अमेरिकी राष्ट्रपति को आपातकाल में असीमित अधिकार नहीं होता लेकिन ट्रंप 1861 के गृहयुद्ध का उदाहरण देंगे जब अब्राहम लिंकन ने आपातकाल लगाकर असीमित शक्तियां हासिल की थीं. कहा था कि गृहयुद्ध रोकने के लिए यही उपाय है. ऐसी स्थिति में भी ट्रंप अपना कार्यकाल दोहरा सकते हैं.

अमेरिका में चुनाव नतीजों को लेकर ये है मान्यता

आपको बता दें कि अमेरिका में 1791 के संविधान संसोधन के मुताबिक हथियारबंद समूहों को सरकार की सुरक्षा प्राप्त है. ये संसोधन 1789 में लाया गया और 1791 में पास किया गया. मिलिशा, प्राउड ब्वायज और मिलिशा जैसे हथियारबंद समूह राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के समर्थक हैं. ये संगठन ट्रंप के इशारे पर अमेरिका में हिंसा फैला सकते हैं. चुनाव नतीजों को प्रभावित कर सकते हैं. देखना होगा कि सेना की इसमें क्या भूमिका रहती है.

अमेरिका चुनाव परिणाम के बाद हिंसा का आशंका है. बीते कुछ दिनों में अमेरिका में बंदूकों की बिक्री में बेहतहाशा वृद्धि देखी गई है. कई राजनीतिक विशेषज्ञों ने कहा कि अमेरिकी इतिहास में ये राष्ट्रपति चुनाव का सबसे बुरा दौर है. व्यापक पैमाने पर हिंसा की आशंका है.

Posted By- Suraj Thakur

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