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ऑपरेशन सिंदूर की मार! कराची छोड़ भाग गई थी पाकिस्तानी नौसेना, इस देश में छिपे दिखे युद्धपोत, सैटेलाइट तस्वीरों से खुलासा

Operation Sindoor: मई 2025 के ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय हमलों के बाद पाकिस्तान नौसेना ने अपने युद्धपोत कराची से हटाकर ग्वादर और कमर्शियल टर्मिनलों में छुपा दिए. सैटेलाइट तस्वीरों ने उसकी रक्षात्मक मुद्रा और कम तैयारी का खुलासा किया.

Operation Sindoor: सैटेलाइट तस्वीरों और ओपन-सोर्स इंटेलिजेंस (OSINT) विश्लेषण ने यह साबित कर दिया है कि मई 2025 में हुए ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान नौसेना ने आक्रामक की बजाय रक्षात्मक रुख अपनाया था. संघर्ष के चरम पर पाक युद्धपोत कराची के नौसैनिक अड्डों से हटाकर कमर्शियल टर्मिनलों और ग्वादर पोर्ट पर छिपा दिए गए थे. 6 और 7 मई की रात भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान और पीओजेके (PoJK) में नौ आतंकी ठिकानों पर हमले किए और डीजीएमओ को मिशन पूरा होने की जानकारी दी. इसके बाद पाकिस्तान ने प्रतिकार की धमकी दी, लेकिन इंडिया टुडे को मिली तस्वीरें दिखाती हैं कि उसने अपनी नौसैनिक शक्ति को सुरक्षित करने पर ज्यादा जोर दिया और भाग खड़ा हुआ था. 

Pakistan Navy Warships Hiding in Hindi: कराची में छुपे युद्धपोत

8 मई की सैटेलाइट तस्वीरों में कराची का नौसैनिक अड्डा खाली और युद्धपोत वाणिज्यिक टर्मिनलों पर खड़े मिले. इनमें पीएनएस आलमगीर, बाबर-क्लास कोर्वेट और एक Damen OPV शामिल थे. एक अन्य फ्रिगेट कंटेनर टर्मिनल पर खड़ा दिखा. पाकिस्तान को यह आशंका थी कि भारत कराची बंदरगाह पर हमला कर सकता है. इसकी वजह 1971 का युद्ध था, जब भारतीय नौसेना ने कराची पोर्ट पर इतने जबरदस्त हमले किए थे कि वहां कई दिनों तक आग धधकती रही थी. पूर्व नौसेना कमांडर वाइस एडमिरल एससी सुरेश बंगारा (रिटायर्ड) ने कहा कि इतने बड़े हमले के बाद भी पाकिस्तानी युद्धपोत हार्बर में रहना उनकी “कम परिचालन तैयारी” को दिखाता है. उन्होंने यह भी कहा कि नागरिक बंदरगाहों और विमानों का सैन्य कवच बनाना पाकिस्तान की कमजोरी और अपने नागरिकों की सुरक्षा की अनदेखी है.

ग्वादर बना शरणस्थल

ग्वादर बंदरगाह, जो चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) का अहम हिस्सा है, इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तानी युद्धपोतों ने ईरानी सीमा के पास शरण ली थी. 10 मई तक वहां का कंटेनर क्षेत्र खाली रहा लेकिन डॉक युद्धपोतों से भरे रहे. इनमें दो ज़ुल्फिकार-क्लास, दो तुगरिल-क्लास, एक अमेरिकी पेरी-क्लास फ्रिगेट और दो गश्ती पोत शामिल थे. बंगारा ने ग्वादर में युद्धपोत खड़ा करने को गलत बताते हुए कहा कि वहां कोई व्यावसायिक गतिविधि न होने के कारण जहाज स्पष्ट रूप से नजर आ रहे थे.

भारतीय दबाव और INS विक्रांत की तैनाती

जियो-इंटेलिजेंस रिसर्चर डेमियन साइमन के अनुसार, ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत का पहला स्वदेशी विमानवाहक पोत INS विक्रांत अपनी पहली युद्धक तैनाती पर गया. इससे पाकिस्तान पर दबाव और बढ़ा और उसने जहाजों को बिखेरकर नागरिक टर्मिनलों व ग्वादर में भेजा. उन्होंने बताया कि पाकिस्तान की कई पनडुब्बियां मरम्मत में थीं, जिससे उसकी अंडरवाटर ताकत कमजोर हुई. ऐसे में ग्वादर को अस्थायी नौसैनिक अड्डा बना लिया गया.

Operation Sindoor: पाक नौसेना फिसड्डी साबित हुई थी

बंगारा ने कहा कि पाक नौसेना की भूमिका सेना-प्रधान ढांचे में सीमित रही, जबकि भारत ने संयुक्त अभियान चलाकर अपने सभी उद्देश्य पूरे किए. “समुद्र से एक भी मिसाइल चलाए बिना हमने पाक नौसेना को निष्क्रिय बना दिया,” उन्होंने कहा. भारतीय नौसेना ने भी साफ किया कि कराची पर प्रहार की तैयारी थी. वाइस एडमिरल ए.एन. प्रमोद ने कहा कि “हम अरब सागर में निर्णायक स्थिति में तैनात थे और किसी भी समय कराची पर प्रहार कर सकते थे.” नवीनतम तस्वीरों से स्पष्ट है कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान नौसेना अपनी ताकत दिखाने की बजाय बिखरी और छुपी रही. कराची और ग्वादर में युद्धपोतों का छिपाया जाना उसकी कमजोरी और भारत की रणनीतिक बढ़त का सबूत है.

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Govind Jee
Govind Jee
गोविन्द जी ने पत्रकारिता की पढ़ाई माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय भोपाल से की है. वे वर्तमान में प्रभात खबर में कंटेंट राइटर (डिजिटल) के पद पर कार्यरत हैं. वे पिछले आठ महीनों से इस संस्थान से जुड़े हुए हैं. गोविंद जी को साहित्य पढ़ने और लिखने में भी रुचि है.

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