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यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद किसके पक्ष में खड़ा होगा भारत? अमेरिका-ईयू समेत पूरी दुनिया की लगी है टकटकी

रूस-यूक्रेन विवाद इस बीच, खबर यह है कि विदेश मंत्री एस जयशंकर का म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन और हिंद-प्रशांत मंत्री स्तरीय बैठक में हिस्सा लेने के लिए इस हफ्ते यूरोप की यात्रा पर जाने का कार्यक्रम है. जयशंकर की यूरोप में होने वाली बैठकों में यूक्रेन की स्थिति पर भी चर्चा हो सकती है.

रूस-यूक्रेन विवाद: यूक्रेन पर संभावित रूस के हमले के बाद भारत किसके पक्ष में खड़ा होगा? यह सवाल अमेरिका और यूरोपीय यूनियन (ईयू) समेत दुनिया के तमाम शक्तिशाली देशों के शासकों के मन में पैदा हो रहा है. संकट की इस घड़ी में पूरी दुनिया भारत की ओर टकटकी लगाए हुई है. अमेरिका को भरोसा है कि भारत उसी का साथ देगा और यूरोपीय यूनियन भारत का भरोसा जीतने की कवायद कर रहा है. इस बीच, भारत सबसे पहले यूक्रेन से अपने नागरिकों और छात्रों को निकालने की योजना तैयार कर रहा है.

भारत को भरोसे में ले रहा यूरोपीय यूनियन

यूरोपीय संघ (ईयू) यूक्रेन की स्थिति को लेकर आकलन और रूस द्वारा हमला करने की स्थिति में समूह की संभावित कार्रवाई को लेकर भारत को भरोसे में ले रहा है. यूरोपीय यूनियन के एक अधिकारी ने कहा कि भारत ‘मित्र और साझेदार’ है और 27 देशों का समूह (ईयू) यूक्रेन संकट को लेकर नई दिल्ली के नियमित संपर्क में है. अधिकारी ने बताया कि यूरोपीय यूनियन कूटनीति और बातचीत के जरिये इस संकट को टालने का रास्ता निकालने के लिए पुरजोर प्रयास कर रहा है.

यूक्रेन के साथ खड़ा है यूरोपीय यूनियन

इस बीच, खबर यह है कि विदेश मंत्री एस जयशंकर का म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन और हिंद-प्रशांत मंत्री स्तरीय बैठक में हिस्सा लेने के लिए इस हफ्ते यूरोप की यात्रा पर जाने का कार्यक्रम है. जयशंकर की यूरोप में होने वाली बैठकों में यूक्रेन की स्थिति पर भी चर्चा हो सकती है. अधिकारी ने कहा कि यूरोपीय यूनियन यूक्रेन के साथ खड़ा है और अगर रूस, कीव के खिलाफ आक्रमकता दिखाता है तो उसके वृहद नतीजे होंगे.

भारत-यूक्रेन उड़ान सेवाएं बढ़ा सकती है सरकार

यूक्रेन से अपने नागरिकों को निकालने के लिए भारत सरकार उड़ान सेवाएं बढ़ाने पर विचार कर रही है. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि भारत और यूक्रेन के बीच उड़ान सेवाएं बढ़ाने के लिए सरकार नागर विमानन प्राधिकरण और एयरलाइंस कंपनियों से बातचीत कर रही है. भारतीय दूतावास ने अपने नागरिकों और खासकर वहां रहकर पढ़ाई करने वाले छात्रों को सलाह दी है कि वे मौजूदा हालात के बीच अस्थायी रूप से यूक्रेन छोड़ दें.

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विदेश मंत्रालय में कंट्रोल रूम

आधिकारिक सूत्र ने कहा, ‘हमें पता है कि इस वक्त यूक्रेन में हजारों भारतीय छात्र हैं और जिनके परिवार उनके लिए चिंतित हैं. खास तौर से भारत वापसी के लिए उड़ानों की उपलब्धता को लेकर उनकी चिंता ज्यादा है. सूत्रों ने बताया कि कीव स्थित भारतीय दूतावास और दिल्ली में विदेश मंत्रालय में कंट्रोल रूम बनाए जा रहे हैं, जो यूक्रेन में मौजूद भारतीय नागरिकों और भारत में उनके परिवारों के सवालों का जवाब दे सकें.

Prabhat Khabar Digital Desk
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