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ओमान का बड़ा तोहफा! IAF को सौंपेगा 20 से ज्यादा जगुआर जेट, जानें किस काम आएंगे ये विमान

Oman Gifts IAF Jaguar Jets: ओमान अपनी 20 से ज्यादा जगुआर फाइटर जेट्स भारतीय वायु सेना को स्पेयर पार्ट्स के रूप में देने जा रहा है. IAF के 6 स्क्वॉर्डन अभी भी जगुआर चलाते हैं और स्पेयर्स की कमी बड़ी चुनौती है. यह सौदा भारत-ओमान रक्षा साझेदारी को और मजबूत बनाता है.

Oman Gifts IAF Jaguar Jets: भारतीय वायु सेना के लिए यह खबर किसी राहत की सांस जैसी है. दुनिया में जहां ज्यादातर देशों ने अपने पुराने जगुआर लड़ाकू विमानों को कब का रिटायर कर दिया, वहीं ओमान ने अपने 20 से ज्यादा जगुआर IAF को देने का फैसला किया है. ये विमान उड़ान भरने के लिए नहीं, बल्कि तोड़कर स्पेयर पार्ट्स बनाने के लिए इस्तेमाल होंगे. IAF के लिए यह इसलिए भी जरूरी है क्योंकि भारत दुनिया के उन कुछ देशों में से एक है, जो अभी भी इस एंग्लो-फ्रेंच बने लड़ाकू विमान को इस्तेमाल करता है.

Oman Gifts IAF Jaguar Jets in Hindi: क्यों जरूरी पड़ गए ओमान के जगुआर?

अब असली बात समझिए कि जगुआर बनाने वाली फैक्ट्रियां दुनिया भर में बंद हो चुकी हैं. ब्रिटेन और फ्रांस ने अपने जगुआर पहले ही रिटायर कर दिए. ओमान भी इन्हें सेवा से बाहर कर चुका है. ऐसे में भारतीय वायु सेना के सामने स्पेयर पार्ट्स की भारी कमी थी. IAF के पास 6 स्क्वॉर्डन जगुआर हैं, और हर स्क्वॉर्डन में 18-20 विमान चलते हैं. पहला जगुआर भारत में 1979 में आया था. सालों से यह विमान काम कर रहा है, लेकिन उम्र बढ़ने के साथ इसके लिए स्पेयर पार्ट्स जुटाना मुश्किल हो गया. ऐसे में ओमान के पुराने विमानों का मिलना IAF के लिए काफी मददगार साबित होगा.

Oman Gifts IAF Jaguar Jets: जगुआर का ट्रैक रिकॉर्ड

जगुआर को भारत में हमेशा मजबूत और भरोसेमंद माना गया है. 1999 के कारगिल युद्ध में इसका इस्तेमाल हुआ. पाकिस्तान के खिलाफ कई गहरे हमलों में यह विमान भेजा गया. ओवरहॉल और अपग्रेड के जरिए इसकी उम्र भी बढ़ाई गई लेकिन समस्या वही है कि स्पेयर्स नहीं, तो सर्विस नहीं. इससे पहले फ्रांस करीब 30 रिटायर्ड जगुआर भारत को दे चुका है. ब्रिटेन और ओमान भी कुछ पुराने विमान पहले भेज चुके हैं. अब ओमान के 20 से ज्यादा जगुआर IAF के लिए एक और बड़ी खेप बनकर आ रहे हैं.

IAF की बड़ी चुनौती

IAF कहती है कि उसे कम से कम 42 लड़ाकू स्क्वॉर्डन चाहिए. अभी उसके पास सिर्फ 30 स्क्वॉर्डन हैं. ऐसे में जगुआर जैसे पुराने विमान को अभी कुछ साल और चलाना ही होगा. नए विमान आने में भी अभी समय है. दो स्क्वॉर्डन राफेल आ चुके हैं. 114 और राफेल पर चर्चा जारी है. तेजस के करीब 200 विमान ऑर्डर किए गए हैं, लेकिन उनकी डिलीवरी समय लेगेगी. इस बीच जो भी गैप है, वह पुराने जगुआर ही भर रहे हैं. और ठीक इसी वजह से ओमान की खेप IAF के लिए लाइफ सपोर्ट जैसी है.

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Govind Jee
Govind Jee
गोविन्द जी ने पत्रकारिता की पढ़ाई माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय भोपाल से की है. वे वर्तमान में प्रभात खबर में कंटेंट राइटर (डिजिटल) के पद पर कार्यरत हैं. वे पिछले आठ महीनों से इस संस्थान से जुड़े हुए हैं. गोविंद जी को साहित्य पढ़ने और लिखने में भी रुचि है.

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