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भारतीय जमीन कब्जाने और नक्शा बदलने की हर कोशिश में जुटा नेपाल, आज संसद में पास कराने की तैयारी

Nepal Border Row: भारत द्वारा आपत्ति के बाद भी नेपाली संसद की प्रतिनिधि सभा (निचला सदन) ने नये राजनीतिक नक्शे के लिए किए जा रहे संविधान संशोधन पर आज मुहर लगाने की तैयारी कर ली है. नेपाली मीडिया में आयी रिपोर्ट के मुताबिक, संविधान संशोधन के पास होते ही इस विवादित नक्शे को नेपाल के अंदर कानूनी वैधता मिल जाएगी, जिसमें भारत के उत्तराखंड राज्य के तीन इलाकों कालापानी, लिपुलेख और लिम्पियाधुरा को भी नेपाल ने अपना क्षेत्र दिखाया है.

Nepal Border Row: भारत द्वारा आपत्ति के बाद भी नेपाली संसद की प्रतिनिधि सभा (निचला सदन) ने नये राजनीतिक नक्शे के लिए किए जा रहे संविधान संशोधन पर आज मुहर लगाने की तैयारी कर ली है. नेपाली मीडिया में आयी रिपोर्ट के मुताबिक, संविधान संशोधन के पास होते ही इस विवादित नक्शे को नेपाल के अंदर कानूनी वैधता मिल जाएगी, जिसमें भारत के उत्तराखंड राज्य के तीन इलाकों कालापानी, लिपुलेख और लिम्पियाधुरा को भी नेपाल ने अपना क्षेत्र दिखाया है. भारत इस नक्शे पर आपत्ति जता रहा है.

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सीमा विवाद के चलते नेपाल की सरकार ने भी कई ऐसे बयान दिए, जिनमें खटास थी. द हिंदू के मुताबिक, नेपाल की केपी शर्मा ओली सरकार इस कार्य को जल्द से जल्द पूरा करना चाहती है. हालांकि, नये नक्‍शे में भारत के इलाकों पर अपना अधिकार जताने के बाद, अब नेपाल बातचीत के लिए तैयार है. उसने भारत से कहा है कि वह विदेश सचिवों के बीच वर्चुअल मीटिंग को भी तैयार है. एक डिप्‍लोमैटिक नोट में नेपाल सरकार कहती है कि विदेश सचिव आमने-सामने या वर्चुअल मीटिंग में कालापानी, लिपुलेख और लिंपियाधुरा के मसले पर बात कर सकते हैं.

बता दें कि कानून, न्याय और संसदीय कार्य मंत्री शिवमाया तुम्बाहांगफे ने नेपाल की संसद के निचले सदन में 31 मई को नेपाल मानचित्र संवैधानिक संशोधन विधेयक पेश किया था. नेपाली कांग्रेस नेपाल के नक्शे को अपडेट करने के लिए संविधान संशोधन का समर्थन कर रही है. लिपुलेख, लिम्पियाधुरा और कालापानी के विवादित क्षेत्रों को अपने क्षेत्र में शामिल करना चाहती है. यह कदम नेपाल के नक्शे को बदलने के लिए उठाया जा रहा है. जब नेपाल ने अपने नए राजनीतिक नक्शे में भारतीय क्षेत्र को अपना हिस्सा बताया था तभी भारत की ओर से प्रतिक्रिया सामने आई थी. विदेश मंत्रालय ने कहा था कि नेपाल को भारत की संप्रभुता का सम्मान करना चाहिए.

चीन की शह पर कूद रहा नेपाल

गौरतलब है कि 8 मई को भारत ने उत्तराखंड के लिपुलेख से कैलाश मानसरोवर के लिए सड़क का उद्घाटन किया था. इसको लेकर नेपाल की ओर से कड़ी प्रतिक्रिया सामने आई थी. उद्घाटन के बाद ही नेपाल सरकार ने नया राजनीतिक नक्शा जारी करने का फैसला किया था. नेपाल ने भारत के क्षेत्रों को भी अपना बताकर दिखाया है.दरअसल, इस सारे विवाद की जड़ में चीन को माना जा रहा है. कोरोना वायरस संक्रमण के मुद्दे पर दुनियाभर में घिरे चीन ने एकतरफ खुद भारत से लगने वाली सीमाओं पर शिकंजा कसना चालू किया है, वहीं माना जा रहा है कि नेपाल को भी उसी ने विवाद में कूदने का हौसला दिया है.

नेपाल के 7 जिलों में 56 हायर सेकेंडरी स्कूल बनाएगा भारत

विवादों के बीच भारत अपने सबसे पड़ोसी देश नेपाल में स्कूल बनवाने जा रहा है. भारत नेपाल में 56 स्कूल बनवाने जा रहा है. ये स्कूल नेपाल के सात जिलों में होंगे. स्कूल बनवाने के लिए भारत और नेपाल के बीच समझौता हो गया है. भारतीय मिशन नेपाल के अनुसार, ये 56 स्कूल हायर सेकेंडरी होंगे. नेपाल में शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए भारत ने ये कदम उठाया है. दोनों देशों के प्रतिनिधियों के बीच इसके लिए समझौते पर हस्ताक्षर भी हो गए हैं.

Posted By: utpal kant

Prabhat Khabar Digital Desk
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