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पाकिस्तान न्यूक्लियर प्रोग्राम का खुलासा करने में तबाह हुई जिंदगी, पूर्व CIA अधिकारी का खुलासा- अमेरिका ने खेला डबल गेम

CIA officer on Pakistan Nuclear Program: अमेरिका के पूर्व सीआईए अधिकारी ने दावा किया है कि उन्होंने पाकिस्तान के न्यूक्लियर प्रोग्राम को रोकने का प्रयास किया था, लेकिन उनके ही देश ने इसमें रुचि नहीं दिखाई. इतना ही नहीं यह खुलासा करने के बाद उनकी जिंदगी तबाह हो गई.

CIA officer on Pakistan Nuclear Program: “मेरा जीवन पूरी तरह तबाह हो गया… मेरी पत्नी मुझे छोड़कर चली गई… मैं पिछले 18 सालों से अपने मोटरहोम में रहकर कैंपिंग कर रहा हूं.” यह कहना है अमेरिका की खुफिया एजेंसी CIA के पूर्व काउंटर-प्रोलिफरेशन अधिकारी रिचर्ड बार्लो का, जिन्हें पाकिस्तान के सीक्रेट परमाणु हथियार कार्यक्रम का पर्दाफाश करने के कारण अपने जीवन की भारी कीमत चुकानी पड़ी. वही सरकार, जिसकी उन्होंने सेवा की, उसने उनका जीवन तबाह कर दिया. ANI को दिए एक साक्षात्कार में बार्लो ने बताया कि कैसे सच्चाई की उनकी लगातार खोज ने उन्हें पेशेवर रूप से बर्बाद कर दिया, उनका निजी जीवन टूट गया, शादी खत्म हो गई और लगभग दो दशकों तक उन्हें बेघर रहना पड़ा ,जबकि पाकिस्तान ने सफलतापूर्वक “इस्लामिक बम” तैयार कर लिया और उसका प्रसार किया.

पूर्व CIA अधिकारी के अनुसार, उनकी मुसीबतें 1985 में शुरू हुईं जब उन्होंने एजेंसी में पाकिस्तान के परमाणु नेटवर्क पर विशेषज्ञ के रूप में काम शुरू किया, जिसे अब्दुल कादिर खान चला रहे थे. बार्लो ने कहा, “मैं ही वह व्यक्ति था जिसने इन नेटवर्क्स के खिलाफ कार्रवाई की, क्योंकि कोई और कुछ नहीं कर रहा था.” हालांकि पर्याप्त खुफिया सबूत मौजूद थे कि पाकिस्तान अमेरिका से अवैध रूप से यूरेनियम संवर्धन और बम निर्माण से जुड़ी सामग्री हासिल कर रहा है, लेकिन रीगन प्रशासन ने सोवियत संघ के खिलाफ अफगान युद्ध को प्राथमिकता दी और पाकिस्तान को मुजाहिदीन को हथियार देने में अहम सहयोगी माना.

उन्होंने कहा, “हमारे पास पाकिस्तान के परमाणु हथियार और संवर्धन गतिविधियों पर बेहतरीन खुफिया जानकारी थी… किसी भी अन्य कार्यक्रम से बेहतर,” बार्लो ने बताया. लेकिन शीत युद्ध की प्राथमिकताएं नॉन-प्रोलिफरेशन (परमाणु प्रसार रोकने) की नीति पर भारी पड़ीं. बार्लो के मुताबिक, उस समय के अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जबिग्न्यू ब्रेजिंस्की के मेमो में ही साफ लिखा गया था, “हम अपनी विदेश नीति को अपनी प्रसार-रोधी नीति के अधीन नहीं कर सकते.”

बार्लो ने अपनी जांच में पाई सफलता

1987 में बार्लो को पहली बड़ी सफलता मिली जब उन्होंने एक पाकिस्तानी एजेंट अरशद परवेज को गिरफ्तार कराया, जो अमेरिका से 25 टन मेरिजिंग स्टील (गैस सेंट्रीफ्यूज के लिए जरूरी मेटल) की तस्करी की कोशिश कर रहा था. कस्टम सर्विस के साथ मिलकर बार्लो ने एक अंडरकवर ऑपरेशन चलाया, जिसमें रिटायर्ड पाकिस्तानी ब्रिगेडियर इनामुल हक को मुख्य साजिशकर्ता के रूप में बेनकाब किया गया, जो सीधे खान रिसर्च लेबोरेट्रीज (KRL) से जुड़ा थे. यह गिरफ्तारी बड़ा हंगामा बन गई.

अमेरिका ने ही किया धोखा

बार्लो के मुताबिक, अमेरिकी स्टेट डिपार्टमेंट के कुछ अधिकारी ने इस्लामाबाद को पहले ही खबर दे दी, जिससे हक भाग निकला. इसमें डिप्टी असिस्टेंट सेक्रेटरी रॉबर्ट पेक शामिल थे. बार्लो ने कहा, “मैं आगबबूला हो गया. यकीन नहीं हुआ. ये मेरे ही सरकार के लोग थे भीतर का दुश्मन.” अमेरिकी कांग्रेस पाकिस्तान के राष्ट्रपति जिया-उल-हक की धोखाधड़ी से नाराज थी, क्योंकि अमेरिका से उसे अरबों डॉलर की मदद मिल रही थी. इसके बाद Solarz Amendment लागू किया गया, जो अवैध परमाणु गतिविधियों पर सहायता रोकने का प्रावधान करता था.

अफगान युद्ध को तरजीह देने में पाकिस्तान को हुआ फायदा

बार्लो ने उस समय राष्ट्रीय खुफिया अधिकारी डेविड आइंसेल के साथ गवाही दी और दबाव के बावजूद सच्चाई छिपाने से इनकार किया. उन्होंने कहा, “मैंने साफ कहा कि इसमें कोई शक नहीं कि वे पाकिस्तानी सरकार के एजेंट थे. हमारे पास ठोस सबूत थे, जैसे- अंडरकवर मीटिंग्स की रिकॉर्डिंग, दस्तावेज, सब कुछ. इसमें कोई संदेह नहीं था.” हालांकि राष्ट्रपति रीगन ने Solarz Amendment को लागू किया, लेकिन तुरंत राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देकर उसे माफ कर दिया, ताकि अफगान युद्ध को नुकसान न पहुंचे. इस तरह पाकिस्तान को अमेरिकी मदद मिलती रही, जो बार्लो के मुताबिक, उसके परमाणु कार्यक्रम को भी ताकत देती रही. उन्होंने कहा “अरबों डॉलर की अमेरिकी सैन्य और गुप्त मदद. पाकिस्तान की व्यवस्था को जानते हुए कहा जा सकता है कि इसका एक बड़ा हिस्सा उनके परमाणु कार्यक्रम में गया.” 

अकेले लड़ते रहे बार्लो

लेकिन बार्लो की सच्चाई बोलने की आदत ने उन्हें दुश्मन बना दिया. CIA के डायरेक्टर ऑफ ऑपरेशंस के अधिकारी  उन्हें निकालना चाहते थे, जो मुजाहिदीन पर ध्यान केंद्रित कर रहे थे. हालांकि CIA डायरेक्टर विलियम वेबस्टर ने उन्हें पुरस्कार और प्रमोशन दिया, फिर भी उन्हें पाकिस्तान से जुड़ी जांचों से दूर कर दिया गया. बार्लो ने दुख जताते हुए कहा, “लोग मुझे निकालने की कोशिश कर रहे थे. अंत में डायरेक्टर बिल वेबस्टर ने मुझे पुरस्कार दिया, प्रमोशन मिला और स्थायी कर्मचारी बना दिया. लेकिन मुझे कहा गया कि अब मैं पाकिस्तान की अवैध खरीदारी गतिविधियों पर कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ काम नहीं कर सकता. इतिहास वहीं बदल गया. सरकार में सिर्फ मैं अकेला व्यक्ति था जो फुल-टाइम इस पर काम कर रहा था. एक व्यक्ति भी ज्यादा था.” 

‘पाकिस्तानी F-16 लड़ाकू विमान परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम’

उन्होंने 1989 में CIA छोड़ दी और डिक चेनी के अधीन डिफेंस सेक्रेटरी के कार्यालय में शामिल हो गए. वहां उन्हें पाकिस्तान की परमाणु क्षमताओं का आकलन करने का काम दिया गया. उनकी रिपोर्ट ने यह दिखाया कि पाकिस्तानी F-16 लड़ाकू विमान परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम हैं, जो आधिकारिक अमेरिकी दावों के विपरीत था. लेकिन उनकी रिपोर्ट को रोक लिया गया और उसमें से संवेदनशील तथ्य हटा दिए गए.

झूठे आरोपों ने मेरी जिंदगी तबाह कर दी

बदले की कार्रवाई में उनके खिलाफ झूठे मनोवैज्ञानिक अस्थिरता के आरोप लगाए गए, केवल इसलिए क्योंकि वे अपनी शादी के लिए काउंसलिंग में जा रहे थे. इससे उनकी सुरक्षा मंजूरी निलंबित कर दी गई, लंबी जांच चली और अंततः उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया. उन्होंने बताया, “हम दोनों (मैं और मेरी पत्नी) उस वक्त शादी बचाने के लिए काउंसलिंग ले रहे थे. मैंने नियमों के तहत इसकी रिपोर्ट दी. लेकिन बाद में कहा गया कि मैं मानसिक रूप से अस्थिर हूं और कांग्रेस को सच्चाई बताने जा रहा हूं, जो पूरी तरह झूठ था. मेरे खिलाफ नौ महीने तक मेरी जांच हुई, पूरे वॉशिंगटन में मेरी बदनामी फैलाई गई, जैसे मैं कोई जासूस हूं. आखिर में सब झूठ साबित हुआ और मुझे फिर से टॉप सीक्रेट क्लीयरेंस मिला, लेकिन मुझे नौकरी पर वापस नहीं लिया गया.”

तलाक हुआ और जीवन कुछ भी स्थाई नहीं बचा

बाद में कांग्रेस की जांच में भी रक्षा विभाग की जांच को कवर-अप कहा गया. 1993 तक बार्लो कंगाल और तलाकशुदा हो गए और वॉशिंगटन छोड़कर सांटा फे (न्यू मैक्सिको) चले गए, जहां उन्होंने टूर बस चलाना शुरू किया. बाद में उन्होंने CIA और FBI के साथ कॉन्ट्रैक्ट पर काम किया और FBI के काउंटर-प्रोलिफरेशन प्रोग्राम की नींव रखी, लेकिन उन्हें कभी स्थायी रूप से बहाल नहीं किया गया. उन्होंने कहा, “मेरा जीवन पूरी तरह बर्बाद हो गया. मेरी पत्नी मुझे छोड़ गई. मेरे पास पैसे नहीं थे. मैं सांता फे चला गया और बस ड्राइवर का काम किया. बाद में CIA ने मुझे ठेके पर काम पर रखा, मेरी क्लियरेंस बहाल की गई. एक-दो साल बाद FBI के लिए भी काम मिला और मैंने वहां काउंटर-प्रोलिफरेशन प्रोग्राम शुरू किया. आठ साल तक विश्लेषणात्मक और ऑपरेशनल दोनों तरह से चलाया.”

बार्लो की बात सही साबित हुई, लेकिन जिंदगी तबाह हो गई

2005 में जब ए.क्यू. खान नेटवर्क के जरिए ईरान, लीबिया और उत्तर कोरिया को तकनीक हस्तांतरण का खुलासा हुआ, तो बार्लो की चेतावनियां सही साबित हुईं. अमेरिकी सीनेट ने उनके लिए 1.8 मिलियन डॉलर की पेंशन मुआवजा योजना पारित की. लेकिन 2007 से बार्लो बेघर हैं. वे आज भी 24 साल पुराने मोटरहोम में रहते हैं और सोशल सिक्योरिटी व 300 डॉलर की छोटी सी सरकारी पेंशन पर जीवन बिता रहे हैं. उन्होंने कहा, “मैं पिछले 18 सालों से मोटरहोम में रह रहा हूं. मेरी आय केवल सोशल सिक्योरिटी और 300 डॉलर की मिनी पेंशन है. मेरी असली पेंशन 90,000 डॉलर सालाना होनी चाहिए थी. अब मैं 1,600 डॉलर महीने पर गुजारा करता हूं. रेस्टोरेंट नहीं जाता, कभी-कभी फूड बैंक तक जाना पड़ता है, बहुत मुश्किल है.” 

बार्लो का मुख्य अपराध क्या था? लोगों को गिरफ्तार कराना!

उन्होंने कहा, “मेरा मुख्य गुनाह था कि मैंने लोगों को गिरफ्तार कराया, क्योंकि तब सच सामने आ जाता है. अगर बात सिर्फ मेरी होती, तो यह मुद्दा नहीं होता. लेकिन मेरे साथ जो हुआ, वह इस बात का प्रतीक है कि हमारी सरकार ने कादिर खान और पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रम को कैसे संभाला. उन्होंने अगले 20-24 सालों तक कुछ नहीं किया, जबकि यह हमेशा साफ था कि पाकिस्तान का प्राथमिक उद्देश्य भारत का मुकाबला करने के लिए परमाणु हथियार बनाना था.” 

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Anant Narayan Shukla
Anant Narayan Shukla
इलाहाबाद विश्वविद्यालय से परास्नातक। वर्तमानः डिजिटल पत्रकार @ प्रभात खबर। इतिहास को समझना, समाज पर लिखना, धर्म को जीना, खेल खेलना, राजनीति देखना, संगीत सुनना और साहित्य पढ़ना, जीवन की हर विधा पसंद है। क्रिकेट से लगाव है, इसलिए खेल पत्रकारिता से जुड़ा हूँ.

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