China Want Three Crore Brides For Chinese Grooms: चीन की दशकों पुरानी एक-बच्चा नीति, जिसे 1979 में लागू किया गया था और 2015 में समाप्त कर दिया गया, अब सामाजिक संकट का रूप ले चुकी है. इस नीति के तहत अधिकतर परिवारों ने बेटे को प्राथमिकता दी, जिससे लैंगिक असंतुलन गहराता गया. नतीजतन, अब जब वे लड़के विवाह योग्य उम्र में पहुंच चुके हैं, तो उन्हें दुल्हन नहीं मिल रही है.
चीन में वर्तमान में करीब 3.5 करोड़ पुरुष ऐसे हैं जो जीवनसाथी की तलाश में हैं, लेकिन उन्हें उपयुक्त महिला नहीं मिल पा रही है. विशेषज्ञों का अनुमान है कि यह संख्या भविष्य में 5 करोड़ तक पहुंच सकती है. इस स्थिति ने शादी के लिए महिलाओं की जबरदस्त कमी पैदा कर दी है.
दुल्हन की तलाश में कई पुरुष अब ऑनलाइन माध्यमों का सहारा ले रहे हैं. कुछ लोग विवाह के लिए विदेशों की ओर रुख कर रहे हैं, जहां रूस, पाकिस्तान, बांग्लादेश और दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों से महिलाएं खरीदी जा रही हैं. कई लोग तो दलालों और ऑनलाइन एजेंसियों के जरिए भारी रकम खर्च कर “दुल्हनें” खरीदने की कोशिश कर रहे हैं. यह प्रवृत्ति अब मानव तस्करी को भी बढ़ावा दे रही है, जिससे अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं भी चिंतित हैं. खासकर बांग्लादेश जैसे देशों में, गरीब और कमजोर वर्ग की महिलाएं इस नेटवर्क का शिकार बन रही हैं.
इसे भी पढ़ें: ‘धोखेबाज’ फ्रांस, राफेल डील रद्द करेगा भारत? जानें इसके पीछे का बहुत बड़ा कारण
हाल ही में बांग्लादेश स्थित चीनी दूतावास ने अपने नागरिकों को इस तरह की गतिविधियों से दूर रहने की चेतावनी दी है. दूतावास ने कहा कि चीन में अंतरराष्ट्रीय विवाह सेवाएं अवैध हैं और इसके लिए कड़े कानूनी प्रावधान हैं. रिपोर्टों के मुताबिक, कई बांग्लादेशी लड़कियों को झूठे वादों के साथ शादी के नाम पर चीन लाया गया और बाद में उनका शोषण हुआ. इस तरह की घटनाएं केवल सामाजिक नहीं, बल्कि मानवीय संकट बन गई हैं.
इसे भी पढ़ें: बचाओ, बचाओ, बचाओ, प्लीज हमें बचाओ, किस पाकिस्तानी मुस्लिम नेता ने PM मोदी से लगाई गुहार?