वाशिंगठन: अमेरिकी विश्वविद्यालय के भारतीय-अमेरिका के वैज्ञानिकों की एक टीम आनुवंशिक प्रोद्यौगिकी का उपयोग कर तुलसी के औषधीय गुण बढ़ाने के पद्धति पर अनुसंधान कर रही है.विश्वविद्यालय की एक विज्ञप्ति के अनुसार वेस्टर्न केन्टकी विश्वविद्यालय के प्लांट मोल्युकर बायोलाजी के सहायक प्रोफेसर चंद्रकात इमानी और उनके छात्र आनुवंशिक प्रोद्यौगिकी से तुलसी से एक स्तन कैंसर की दवा पर अनुसंधान कर रहे हैं.
इमानी ने कहा, तुलसी के पत्तों को पीसने पर जो मिश्रण तैयार होगा उसे इयूजिनोल कहा जाता है, उसे एक प्लेट पर रखी रसोली कोशिकाओं पर लगाने से कोशिकाओं के विकास को रोका जा सकता है. इमानी ने दावा किया कि इससे पहले भी इसकी प्रमाणिकता के कई प्रमाण मिल चुकें है. उन्होंने कहा कि यह कैंसर जैसी जानलेवा बीमारियों की दवा साबित हो सकती है.