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#ASEAN पारदर्शी और सुस्पष्ट कर व्यवस्था के लिए प्रतिबद्ध : मोदी

कुआलालंपुर : अर्थव्यवस्था को पटरी पर वापस लाने की दिशा में कई पहल करने के साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहा कि सुधार भारत में बदलाव लाने के ‘लक्ष्य की दिशा में बढने का एक मार्ग’ है. इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने पारदर्शी और सुस्पष्ट कर व्यवस्था के साथ बौद्धिक संपदा अधिकारों को सुरक्षा […]

कुआलालंपुर : अर्थव्यवस्था को पटरी पर वापस लाने की दिशा में कई पहल करने के साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहा कि सुधार भारत में बदलाव लाने के ‘लक्ष्य की दिशा में बढने का एक मार्ग’ है. इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने पारदर्शी और सुस्पष्ट कर व्यवस्था के साथ बौद्धिक संपदा अधिकारों को सुरक्षा प्रदान करने का संकल्प भी व्यक्त किया. आसियान कारोबार और निवेश शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ने पिछले 18 महीने में मुद्रास्फीति को कम करने के साथ उच्च जीडीपी वृद्धि दर की ओर उन्मुख होने और विदेश निवेश को बढावा देने जैसे कार्य किये हैं. उन्होंने कहा, ‘सुधार अपने आप में कोई अंतिम बिंदु नहीं है. सुधार लम्बी यात्रा के गंतव्य की ओर बढने का एक मार्ग है. लक्ष्य भारत में बदलाव लाना है.’

उन्होंने कहा कि मई 2014 में जब भाजपा नीत सरकार सत्ता में आई तब अर्थव्यवस्था उच्च राजकोषीय और चालू खाता घाटे से जूझ रही थी और आधारभूत संरचना परियोजना रुकी हुई थी तथा मुद्रास्फीति लगातार बनी हुई थी. प्रधानमंत्री ने कहा, ‘यह स्पष्ट था कि सुधार जरुरी है. हमने अपने आप से सवाल किया कि किसके लिए सुधार? सुधार का लक्ष्य क्या हो? क्या यह केवल जीडीपी की दर में वृद्धि के आकलन के लिए हो? या समाज में बदलाव लाने के लिए हो. मेरा जवाब स्पष्ट है, हमें बदलाव लाने के लिए सुधार लाना है.’

प्रधानमंत्री ने कहा कि विकास के फल को उन क्षेत्रों तक ले जाना होगा जो इससे वंचित हैं. इसे आबादी के निचले स्तर तक ले जाना होगा. ‘हमें आसमान की उंचाइयों को छूते हुए जिंदगियों को बदलना होगा.’ उन्होंने कहा कि पिछले 18 महीने के हमारे कार्य से यह सुनिश्चित हुआ है कि जीडीपी वृद्धि दर उपर गयी है और मुद्रास्फीति नीचे आयी है. विदेशी निवेश उपर गया है और चालू खाता घाटा नीचे आया है. कर राजस्व उपर गया है और ब्याज दर नीचे आई है, राजकोषीय घाटा नीचे गया है और रुपया स्थिर हुआ है.

ढांचागत और संस्थागत सुधार समेत कई अन्य पहलों का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि सरकार कर व्यवस्था को पारदर्शी और सुस्पष्ट बनाना सुनिश्चित करने की दिशा में ‘तेजी से आगे बढ’ रही है जहां पर गंभीर निवेशकों और ईमानदार करदाताओं को तेजी से और भेदभावरहित ढंग से निर्णय प्राप्त हो सकें. उन्होंने कहा, ‘इससे भी आगे, मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूं कि भारत सभी नवोन्मेषकों के बौद्धिक संपदा अधिकारों को सुरक्षा प्रदान करने को प्रतिबद्ध है. हमने पारदर्शिता और बौद्धिक संपदा प्रशासन को आनलाइन बनाने के लिए कई पहल की हैं. इस वर्ष के अंत तक व्यापक राष्ट्रीय बौद्धिक संपदा अधिकार नीति आने की उम्मीद है.’

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘निवेश के प्रवाह में नयी जान डालने के लिए दूसरे स्तर के ढांचागत और वित्तीय सुधार पेश किये गये हैं. ‘हम अर्थव्यवस्था को और खोलने की कोशिश कर रहे हैं तथा कराधान प्रणाली में स्थिरता लाने और इसे सुस्पष्ट बनाने की पहल की गयी है.’ उन्होंने कहा कि सार्वजनिक निवेश में काफी वृद्धि हुई है और जलवायु परिवर्तन के प्रति भारत की प्रतिबद्धता प्रदर्शित करने के लिए जीवाश्म ईंधन पर कार्बन कर लगाया गया है. विश्व अर्थव्यवस्थाओं की स्थिति पूरी तरह से ठीक नहीं होने का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की आर्थिक स्थिति बेहतर होना कई तरह की समर्पित नीतियों का परिणाम हैं. उन्होंने कहा कि राजकोषीय घाटे को कम करते हुए सार्थक सार्वजनिक निवेश में काफी वृद्धि की गयी है.

उन्होंने कहा, ‘हम राजकोषीय सुदृढीकरण की दिशा में बढ रहे हैं. मुद्रास्फीति पर लगाम लगाने के लिए हमने पहली बार रिजर्व बैंक के साथ मौद्रिक ढांचागत समझौता किया है.’ इस बारे में उठाये गये कदमों का उल्लेख करते हुए मोदी ने कहा कि जीवाश्म ईधन पर कार्बन कर लगाया गया है, डीजल की कीमतों को नियंत्रण मुक्त बनाया गया है, कोयले पर उपकर में तीन गुणा वृद्धि की गयी है और बेकार के खर्चों में कटौती की गयी है. प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के बारे में भीतर और बाहर दोनों में विश्वास बढा है, आईएमएफ और विश्व बैंक तक ने इस वर्ष और आगे के लिए भारतीय अर्थव्यस्था में विश्वास व्यक्त किया है. दीर्घकालीन आर्थिक स्थिरता बेहतर स्थिति में है.

उन्होंने कहा, ‘हमारा उद्देश्य युवा हाथों के लिए रोजगार के अवसर पैदा करना है. ऐसा होने के लिए विनिर्माण क्षेत्र का हिस्सा सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 25 प्रतिशत होना होगा.’ उन्होंने कहा कि सरकार ने ‘मेक इन इंडिया’ अभियान शुरू किया है और कारोबार करना सरल बनाने की दिशा में सक्रियता से पहल की जा रही है. मोदी ने कहा कि इस दिशा में प्रक्रियागत जटिलताओं को कम करने, इसे एक मंच पर लाने विशेषकर इसे आनलाइन बनाने, फार्मो और प्रारुपों को सरल बनाने जैसे कार्यो को युद्धस्तर पर आगे बढाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि हाल में विश्व बैंक की ‘सुगम कारोबार संबंधी रिपोर्ट 2016′ में भारत छलांग लगाकर 12वें पायदान पर पहुंच गया है.

मोदी ने कहा कि औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईपीपी) ने पिछले वर्ष की तुलना में बेहतर स्थिति प्रदर्शित की है. ‘हम भारत को एक वैश्विक विनिर्माण केंद्र बनाने के लिए हर तरह के प्रयास कर रहे हैं.’ इस दिशा में उठाये गये कदमों का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि कृषि क्षेत्र में ढांचागत सुधार की दिशा में ठोस कदम उठाये गये हैं, दुनिया का सबसे महात्वाकांक्षी सभी के लिए आवास कार्यक्रम पेश किया गया है और परिवहन के क्षेत्र में बेहतरी की दिशा में कदम उठाये गये हैं. उन्होंने कहा कि आधारभूत ढांचा परियोजना को बहाल करने और बिजली क्षेत्र को पटरी पर लाने की दिशा में समर्पित कार्य शुरू किये गये हैं. उन्होंने कहा कि नये राजमार्ग बनाने के कार्य की गति में वृद्धि हुई है और यह 2013-14 के प्रतिदिन 9 किलोमीटर से बढकर अभी 23 किलोमीटर प्रतिदिन हो गयी है. ‘इन सभी कदमों से अर्थव्यवस्था में गुणात्मक प्रभाव पडेंगे.’

प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार प्राकृतिक संसाधनों के आवंटन की प्रक्रिया में विश्वसनीयता बहाल करने को प्रतिबद्ध है. मोदी ने कहा, ‘मेरी सरकार ने महत्वपूर्ण वस्तुओं और कच्चे माल की आपूर्ति को बेहतर बनाने के लिए विधायी और प्रशासनिक कदम उठाये हैं. इसमें कोयला, अन्य खनिज और स्पेक्ट्रम शामिल हैं. इन कदमों में केंद्र में आवंटन पारदर्शी नीलामी प्रक्रिया से करने की बात शामिल हैं.’ उन्होंने कहा कि जन धन योजना के तहत 19 करोड नये बैंक खाते खोले गये हैं और 65 वर्षो की परंपरा से अलग हटते हुए विदेश नीति तैयार करने में राज्यों को जोडा गया है.

Prabhat Khabar Digital Desk
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