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‘भारत पाक मिलकर नहीं कहेंगे तो शांति प्रक्रिया में अमेरिका की कोई भूमिका नहीं”

वाशिंगटन : भारत पाकिस्तान शांति वार्ता प्रक्रिया में अपनी किसी भूमिका से साफ शब्दों में इंकार करते हुए अमेरिका ने कहा है कि जब तक दोनों देश मिलकर इसके लिए नहीं कहेंगे, तब तक अमेरिका की कोई भूमिका नहीं होगी. एक अधिकारी ने अमेरिका के इस रुख को साफ करने के साथ ही रेखांकित किया […]

वाशिंगटन : भारत पाकिस्तान शांति वार्ता प्रक्रिया में अपनी किसी भूमिका से साफ शब्दों में इंकार करते हुए अमेरिका ने कहा है कि जब तक दोनों देश मिलकर इसके लिए नहीं कहेंगे, तब तक अमेरिका की कोई भूमिका नहीं होगी. एक अधिकारी ने अमेरिका के इस रुख को साफ करने के साथ ही रेखांकित किया कि दोनों पडोसी देशों के बीच मुद्दों को सुलझाने का सबसे बेहतर तरीका तो यही है कि वे सीधे बातचीत करें. ओबामा प्रशासन के अधिकारी ने कल भारतीय पत्रकारों के एक समूह को बताया, ‘राष्ट्रपति बराक ओबामा और उनके वार्ताकारों ने प्रधानमंत्री नवाज शरीफ तथा उनकी टीम के साथ नियंत्रण रेखा की स्थिति पर विचार विमर्श किया. पाकिस्तान अक्सर अमेरिका से इसमें शामिल होने की अपील करता रहता है.’

अधिकारी ने बताया, ‘बैठक के दौरान हमने अमेरिका की इस प्रतिबद्धता की पुष्टि की कि हम तभी शामिल होंगे जब भारत और पाकिस्तान चाहेंगे. अमेरिका की किसी नीति में कोई बदलाव नहीं है.’ उन्होंने इसके साथ ही कहा, ‘दोनों देशों के लिए अमेरिका की जो नीति रही है यह उसी का दोहराव है कि वे इन मुद्दों को द्विपक्षीय आधार पर सुलझाएं और यदि भारत और पाकिस्तान कहेंगे तो हम और अन्य देश इसमें सहयोग की भूमिका अदा कर सकते हैं.’

अधिकारी ने अपना नाम गुप्त रखने की शर्त पर बताया कि अमेरिका को पाकिस्तान के कुछ हिस्सों में कथित भारतीय गतिविधियों के संबंध में पाक की ओर से डोजियर का एक सेट मिला है. विदेश मंत्री जॉन कैरी के साथ बुधवार को हुई मुलाकात में प्रधानमंत्री शरीफ ने इस संबंध में लिखित सामग्री सौंपी थी. उन्होंने कहा, ‘जैसा कि हम काफी पहले से कहते आ रहे हैं और विदेश मंत्री ने भी रेखांकित किया कि मुद्दों को सुलझाने का सबसे बेहतर तरीका दोनों पडोसियों के बीच सीधी बातचीत है. हम ऐसी वार्ता को समर्थन देने के लिए तैयार हैं. हमें ये डोजियर अभी मिले हैं. हमने उनकी समीक्षा नहीं की है और इस समय उनकी विषय वस्तु पर हम कोई टिप्पणी नहीं करेंगे.’

अधिकारी ने बताया, ‘भारत और पाकिस्तान के बीच वार्ता के तौर तरीकों को उन्हें खुद तय करना होगा. वार्ता किस प्रकार की होनी चाहिए, किन शर्तों पर होनी चाहिए या उसके लिए किसी प्रकार की सिफारिश करना, इस प्रकार की कोशिशें करना अमेरिका की नीति नहीं है. यह कई वर्षों से हमारी नीति रही है. अमेरिका की इस नीति में कोई बदलाव नहीं हुआ है.’ उन्होंने कहा, ‘हम केवल यह उम्मीद करते हैं कि भारत और पाकिस्तान के बीच वार्ता हो, संबंध सामान्य हों और वे क्षेत्र में शांति की ओर मिलकर कदम बढाएं तथा अपने-अपने देशों की समृद्धि के लिए काम करें.’

उन्होंने साथ ही कहा कि अमेरिका का भारत या पाकिस्तान किसी की ओर झुकाव नहीं है. अधिकारी ने कहा, ‘किसी देश के लिए कोई झुकाव नहीं है. अमेरिका के भारत और पाकिस्तान के साथ बेहद महत्वपूर्ण संबंध हैं. ये रिश्ते अपने दम पर हैं. अमेरिका के वैश्विक हित हैं और क्षेत्र में शांति तथा स्थिरता में उसका हित है.’

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