सिंगापुर : सिंगापुर की स्वतंत्रता के 50 साल पूरे होने के मौके पर यहां के पंजाबी समुदाय ने भांगडा समेत विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए और भारतीय उच्च आयोग ने इसमें शिरकत की. भारतीय मिशन और सिंगापुर खालसा एसोसिएशन ने इस मौके पर अमृतसर नाटक कला केंद्र के नेतृत्व में एक शो का आयोजन किया. यह कला केंद्र मशहूर पंजाबी नाटककार गुरशरण सिंह का 60 वर्ष पुराना नाटक समूह है.
इस अवसर पर स्थानीय भांगडा समूहों और पंजाब के गायक सुरिंदर सैनी ने समा बांधा. इस अवसर पर यहां इस माह के बैसाखी पर्व का जश्न मनाने के लिए 500 से ज्यादा पंजाबी और उनके सामुदायिक नेता जुटे थे. उच्चायुक्त विजय ठाकुर सिंह ने पिछले साल की स्थानीय परीक्षा में शीर्ष स्थान पर रहने वाले छात्रों को पुरस्कार देते हुए युवा पंजाबी पीढी की सफलता को रेखांकित किया.
यह शो सिंगापर की स्वतंत्रता दिवस के जश्न के तहत भारत और सिंगापुर के बीच जारी सांस्कृतिक आदान-प्रदान का एक हिस्सा है. एसकेए के अध्यक्ष लेफ्टिनेंट कर्नल चरणजीत सिंह ने कल बताया, यह समारोह एसजी50 के जश्न का हिस्सा है. यह सिंगापुर में पंजाबी संस्कृति को जिंदा रखने और उसे प्रोत्साहन देने में मदद करता है.
पिता गुरशरण सिंह द्वारा शुरु किए गए नाटक समूह का संचालन करने वाली चंडीगढ निवासी नेत्ररोग विशेषज्ञ अरीत कौर ने कहा, हमें सिंगापुर के पंजाबी समुदाय से जुडने का बहुत गर्व है. कौर ने कहा कि अमृतसर नाटक कला केंद्र 1980 के वर्षों से अमेरिका, कनाडा, यूरोप और एशिया में पंजाबी लोगों के लिए प्रस्तुतियां देता आया है.
बैसाखी के इस जश्न का समापन एक दिवसीय मेले और एक मई को आयोजित होने वाले हॉकी एवं कबड्डी के खेलों के साथ होगा. बैसाखी पर्व दरअसल रबी की फसल की कटाई के समय का प्रतीक है और इसके साथ ही पंजाबी नववर्ष की शुरुआत भी होती है.