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पाकिस्तानः 2008 मुंबई हमले का मुख्य आरोपी हाफिज सईद गिरफ्तार
लाहौरः 2008 मुंबई आतंकवादी हमले के मुख्य साजिशकर्ता और जमात उद दावा (जेयूडी) चीफ हाफिज सईद पर पाकिस्तान ने शिकंजा कस दिया है. हाफिज सईद को बुधवार को लाहौर से गिरफ्तार न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. यह कार्रवाई तब की गई है जब अगले ही हफ्ते पाकिस्तान के प्रधानमंत्री अमेरिका दौरे पर जाने […]
लाहौरः 2008 मुंबई आतंकवादी हमले के मुख्य साजिशकर्ता और जमात उद दावा (जेयूडी) चीफ हाफिज सईद पर पाकिस्तान ने शिकंजा कस दिया है. हाफिज सईद को बुधवार को लाहौर से गिरफ्तार न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. यह कार्रवाई तब की गई है जब अगले ही हफ्ते पाकिस्तान के प्रधानमंत्री अमेरिका दौरे पर जाने वाले हैं. अधिकारियों ने बताया कि सईद आतंकवाद रोधी अदालत में पेश होने के लिए लाहौर से गुजरांवाला आया था तभी उसे गिरफ्तार कर लिया गया. उसके खिलाफ कई मामले लंबित हैं.
उन्होंने बताया कि उसे न्यायिक हिरासत में यहां उच्च सुरक्षा वाली कोट लखपत जेल भेज दिया गया है. सईद के नेतृत्व वाला जेयूडी लश्कर-ए-तैयबा का ही संगठन है जो 2008 मुंबई हमलों के लिए जिम्मेदार है. अमेरिका के वित्त विभाग ने सईद को आतंकवादी सूची में डाल रखा है और अमेरिका ने 2012 से ही सईद को सजा दिलाने के लिए सूचना देने के वास्ते एक करोड़ डॉलर का इनाम घोषित कर रखा है.
अंतरराष्ट्रीय समुदाय के दबाव में पाकिस्तानी अधिकारियों ने जेयूडी और लश्कर-ए-तैयबा के ठिकानों और आतंकवाद के वित्त पोषण के वास्ते निधि जुटाने के लिए ट्रस्टों के इस्तेमाल के मामलों की जांच शुरू की है. सईद की गिरफ्तारी ऐसे वक्त में हुई है जब सीटीडी ने आतंकवाद के वित्त पोषण के खिलाफ कार्रवाई करते हुए जेयूडी प्रमुख और उसके 12 सहयोगियों पर आतंकवादी संदिग्धों के वित्त पोषण के लिए पांच ट्रस्टों का इस्तेमाल करने के 23 मामले दर्ज किए.
आतंकवाद रोधी अदालत (एटीसी) ने सोमवार को लाहौर में जेयूडी सरगना और तीन अन्य को गिरफ्तारी से पूर्व जमानत दे दी थी. यह मामला जेयूडी के मदरसे के लिए भूमि के गैरकानूनी इस्तेमाल से जुड़ा हुआ था. पंजाब पुलिस ने मार्च में कहा था कि सरकार ने प्रांत में जेयूडी और उसकी चैरिटी ईकाई एफआईएफ से जुड़े 160 मदरसों, 32 स्कूलों, दो कॉलेजों, चार अस्पतालों, 178 एम्बुलेंस और 153 दवाखानों को अपने नियंत्रण में लिया था. दक्षिण सिंध प्रांत में जेयूडी और एफआईएफ द्वारा चल रहे कम से कम 56 मदरसों और अन्य केंद्रों को भी मार्च में कब्जे में लिया गया था.
पाकिस्तान की इस कार्रवाई पर बहुत भरोसा नहीं किया जा सकता है क्योंकि हाफिज पर पहले भी ऐक्शन लिए जाने का नाटक किया चुका है, लेकिन उसके खिलाफ प्रभावी कदम कभी नहीं उठाया गया. दरअसल, पाकिस्तान को फाइनैंशल ऐक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) से ब्लैक लिस्ट होने का डर सता रहा है.
आर्थिक रूप से खस्ता हाल पाकिस्तान किसी तरह की पाबंदी झेल पाने की स्थिति में नहीं है, इसलिए वह नहीं चाहते हुए भी खुद के पाले-पोषे आतंकियों पर कार्रवाई का दिखावा करने पर मजबूर है.
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