Bengal Chuanv 2021: बंगाल विधानसभा चुनाव के तीसरे फेज के बाद सियासी पारा और गर्मी दोनों बढ़ रही है. राजनीति में घटाव-जोड़ और गठजोड़ के फेमस नेताओं के बीच जुबानी जंग तीखी हो चुकी है. सियासी हलकों में अल्पसंख्यकों के वोटबैंक के कई कयास हैं तो बंगाल के कई नामों पर अजब-गजब दावे. अल्पसंख्यकों के वोटबैंक पर नजर गड़ाए फुरफुरा शरीफ के पीरजादा अब्बास सिद्दीकी और AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी फर भी चुनावी बयान दिए जा रहे हैं. ममता बनर्जी दोनों पर तंज कस रही हैं तो मंगलवार को पीएम मोदी ने इशारों-इशारों में बहुत कुछ ना कहकर भी बहुत कुछ कह दिया.
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पहले बात ISF (इंडियन सेकुलर फ्रंट) के पीरजादा अब्बास सिद्दीकी की. 34 साल की उम्र वाले अब्बास सिद्दीकी फुरफुरा शरीफ दरगाह के पीरजादा हैं. बंगाल के जंगीपारा के एक गांव का नाम फुरफुराशरीफ है. गांव में हजरत अबु बकर सिद्दीकी की दरगाह है. इसी के पीरजादा हैं अब्बास सिद्दीकी.
दावा है अब्बास सिद्दीकी बंगाल की कुल 294 विधानसभा सीटों में से सौ पर अपना प्रभाव रखते हैं. उनकी बातों का इन सौ सीटों के अल्पसंख्यक वोटर्स पर असर पड़ता है. चुनाव के पहले पीरजादा अब्बाद सिद्दीकी ने ISF का गठन करके अपने सियासी रूतबे को बढ़ाने की कोशिश की. कांग्रेस, लेफ्ट के साथ तीसरा मोर्चा बनाया. मुस्लिम वोटबैंक पर कब्जे की होड़ में अब्बास सिद्दीकी पर सियासी हमले तीखे होते जा रहे हैं.
बिहार में बड़ा कारनामा करने में फ्लॉप हो चुके AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने चुनाव के एलान के पहले बंगाल के रास्ते दिल्ली में बदलाव लाने की प्लानिंग में थे. कहीं ना कहीं ओवैसी अब्बास सिद्दीकी से हाथ मिलाने के फेर में थे. ऐन मौके पर अब्बास सिद्दीकी ने तीसरे मोर्चे का हाथ थाम लिया. अब, असदुद्दीन ओवैसी बंगाल में नहीं दिख रहे हैं. कुछ दिनों से अचानक पश्चिम बंगाल में ओवैसी इफेक्ट दिख रहा है.
AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी में बंगाल के सियासी संग्राम में कूद चुके हैं. दूसरी तरफ ममता बनर्जी ने सोमवार को चंडीतल्ला में चुनाव भाषण के दौरान अब्बास सिद्दीकी को ‘गद्दार’ कह डाला. ममता ने कहा ‘फुरफुराशरीफ से ‘गद्दार’ निकला है. दो ‘गद्दार’ बीजेपी को जीत दिलाने की कोशिश में हैं. मगर मेरे रहते ऐसा कभी नहीं हो सकता है.’ ममता ने पीरजादा अब्बास सिद्दीकी के अलावा ओवैसी पर तंज कसा था.
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में मुस्लिम वोटबैंक के बंदरबांट में उलझे नेताओं के बीच अब बीजेपी के स्टार प्रचारक पीएम मोदी की एंट्री भी हो चुकी है. मंगलवार को कूचबिहार में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा था कि ममता बनर्जी हिंदू-मुसलमान को बांट रही हैं. खुलेआम मुस्लिमों का वोट मांग रही हैं. उनकी घबराहट से साफ है कि मुसलमान वोटबैंक उनके हाथ से छिटक गया है.
कूचबिहार के चुनावी भाषण में पीएम मोदी ने आगे कहा कि अगर हमने सारे हिंदुओं के एक होने की बात कही होती तो हमें चुनाव आयोग की नोटिस मिल जाती. हमें आठ-दस दिन के लिए बैन कर दिया गया होता. कूचबिहार में पीएम मोदी के भाषण से निशाना, कहीं ना कहीं इशारों में ही सही, हिंदु वोटबैंक पर था. कहने का मतलब है कि टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी चुनावी मंच पर चंडीपाठ करके हिंदू वोटबैंक पर निशाना साध रही हैं तो कूचबिहार की धरती से पीएम मोदी ने भी बंगाल में बड़ा दांव खेल दिया है.
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पश्चिम बंगाल के तीन चरणों के चुनाव में 91 सीटों पर वोटिंग हो चुकी है. तीसरे चरण की 31 सीटों में से 10 विधानसभा सीटों पर मुस्लिम वोटबैंक निर्णायक भूमिका में हैं. अगर समूचे बंगाल की बात करें तो 294 सीटों में से 100 पर मुस्लिम वोटर्स को गेमचेंजर माना जाता है. बस, यही कारण है सभी नेताओं ने अपने हिसाब से सियासी पत्ते खोलने तेज कर दिए हैं. इन सबसे बीच अब्बास सिद्दीकी खुद को गेमचेंजर मानते हैं.
पश्चिम बंगाल में पीरजादा अब्बास सिद्दीकी के सियासी वजूद पर टीएमसी और बीजेपी के हाई वोल्टेज कैंपेन का असर भी दिख रहा है. असदुद्दीन ओवैसी को भी ममता बनर्जी ने ‘वोटकटवा’ कह डाला है. वैसे भी ओवैसी की पार्टी खुद में इतनी उलझी है कि असदुद्दीन ओवैसी के सामने बयान देने के अलावा कुछ नहीं बचा है. बीजेपी के स्टार प्रचार पीएम मोदी ने भी कूचबिहार की चुनावी सभा से अपने पत्ते खोल दिए हैं. अब, वोटबैंक की बंदरबांट में किस पार्टी की जीत होती है. इसके लिए 2 मई का इंतजार करते रहिए.

