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पीएमपीके वेल्थ एडवाइजर के निदेशक प्रदीप जैन से जानें…एकल पॉलिसी को ज्वाइंट लाइफ पॉलिसी में बदलना संभव है या नहीं
निवेश, बीमा, बैिकंग, टैक्स या अन्य िवत्तीय मसलों को लेकर लोग उलझन में रहते हैं. आपकी भी ऐसी कोई समस्या या िजज्ञासा है, तो हमें िलखें भेजें. इस बार जीवन बीमा संबंधित समाधान प्रस्तुत कर रहे हैं पीएमपीके वेल्थ एडवाइजर प्रा लि के निदेशक प्रदीप जैन. Q मेरी शादी अब होनेवाली है. क्या मैं अपनी […]
निवेश, बीमा, बैिकंग, टैक्स या अन्य िवत्तीय मसलों को लेकर लोग उलझन में रहते हैं. आपकी भी ऐसी कोई समस्या या िजज्ञासा है, तो हमें िलखें भेजें. इस बार जीवन बीमा संबंधित समाधान प्रस्तुत कर रहे हैं पीएमपीके वेल्थ एडवाइजर प्रा लि के निदेशक प्रदीप जैन.
Q मेरी शादी अब होनेवाली है. क्या मैं अपनी व्यक्तिगत जीवन बीमा पॉलिसी को एक ज्वाइंट पॉलिसी के रूप में बदल सकता हूं या फिर हमें एक नयी बीमा पॉलिसी खरीदनी होगी?
– टोनू कुमार, हटिया
जी नहीं, आपके एकल पॉलिसी को ज्वाइंट लाइफ पॉलिसी में बदलना संभव नहीं है. यदि आप की होने वाली पत्नी आर्थिक रूप से आपके ऊपर आश्रित है, तब आपको विपरीत परिस्थितियों में उनके भरण पोषण की व्यवस्था बनाने के लिए आवश्यकता अनुसार नयी बीमा पॉलिसी अपने जीवन पर लेनी चाहिए. और अगर पत्नी भी कहीं काम करती हैं और उनकी अपनी आय है, ताे उनकी अलग से पॉलिसी लेनी चाहिए.
Q क्या बच्चों के लिए बीमा पॉलिसी लेना चाहिए? इससे क्या फायदे हैं?
चंदन सिन्हा, रांची
चंदन जी, आकस्मिक परिस्थितियों में भी बच्चे का भरण पोषण हो जाये और उसकी शिक्षा वगैरह में कोई व्यवधान नहीं आये, इस हेतु घर के प्रमुख व कमाऊ सदस्य के जीवन के लिए जीवन बीमा लेना उचित होता है. मेरे विचार से तो बच्चे के जीवन पर बीमा लेने का कोई औचित्य नहीं है. हां, उनके भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए निवेश विकल्प चुन कर निवेश करना चाहिए.
Q पहले स्वास्थ्य बीमा लेना चाहिए या जीवन बीमा?
संदीप शर्मा, हात्मा, रांची
मेरे विचार से पहले स्वास्थ्य बीमा लेना चाहिए क्योंकि जीवन में अस्वस्थ होने की संभावना बहुत ज्यादा रहती है. किसी आकस्मिक परिस्थिति आने पर इलाज में काफी अधिक खर्च आता है, जो आपकी जमा-पूंजी को भी खत्म कर देती है. ऐसे में स्वास्थ्य बीमा बहुत ही उपयोगी विकल्प है. लेकिन यदि आपको आयुष्मान भारत योजना के तहत स्वास्थ्य बीमा का लाभ मिल रहा है, तब जीवन बीमा पहले लेना चाहिए.
Q जीवन बीमा में सिंगल प्रीमियम पॉलिसी लेनी चाहिए या रेगुलर प्रीमियम पॉलिसी लेनी चाहिए?
कुणाल सिंह, नगरा टोली, रांची.
सिंगल प्रीमियम पॉलिसी महंगी पड़ती है क्योंकि इसका डिस्काउंटिंग रेट बहुत कम होता है. इसमें पूरे बीमा अवधि का प्रीमियम एक बार ही ले लिया जाता है. और अगर दुर्भाग्यवश बीमा अवधि में मृत्यु हो जाती है तो बची हुई अवधि का प्रीमियम रिफंड भी नहीं होता है. बेहतर है कि आप रेगुलर प्रीमियम पॉलिसी ही लें, जिसमें आप मासिक, त्रैमासिक, अर्द्धवार्षिक या वार्षिक प्रीमियम का भुगतान कर सकते हैं.
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