साइबर धमकी और वीडियो गेम की लत जैसे ऑनलाइन खतरों का शिकार होने वालों में आठ से 12 वर्ष तक के बच्चों की संख्या सबसे अधिक होती है.
हमारे लिए यह ज्यादा चिंताजनक इसलिए भी है, क्योंकि भारत जैसी उभरती अर्थव्यस्थाओं में यह हालात तेजी से बढ़ रही है. विश्व आर्थिक मंच और डीक्यू इंस्टीट्यूट की एक संयुक्त रिपोर्ट के मुताबिक, आठ से 12 वर्ष की उम्र वाले 50 फीसदी से अधिक बच्चे साइबर धमकी, वीडियो गेम की लत, ऑफलाइन मिलने-जुलने आदि के प्रति अति संवेदनशील होते हैं.
बड़ी चिंता यह भी है कि इस संदर्भ में अभिभावकों, उद्योग जगत या सरकार की ओर से उचित सुरक्षात्मक उपाय नहीं किये गये हैं. इस रिपोर्ट का मकसद बच्चों के सामने पेश आ रहे डिजिटल खतरों के बारे में सरकार, उद्योग जगत और सिविल सोसायटी को जागरूक करना है, ताकि इस मामले में वह अभिभावकों की मदद कर सकें.