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नवरात्र में इस साधना से पूरी होगी मनोकामना, करें इन मंत्रों का जाप
II डॉ एनके बेरा, ज्योतिषविद् II एक बार ब्रह्मा आदि देवताओं ने नवरात्र के अवसर पर पुष्प आदि विविध उपचारों से मां भगवती का पूजन किया. प्रसन्न होकर दुर्गतिनाशिनी दुर्गा ने कहा- देवताओं, मैं पूजन से संतुष्ट हूं, तुम्हारी जो इच्छा हो मांगो. मैं तुम्हें दुर्लभ-से-दुर्लभ वस्तु भी प्रदान करूंगीं. तब देवता बोले-देवी, आप भक्तों […]
II डॉ एनके बेरा, ज्योतिषविद् II
एक बार ब्रह्मा आदि देवताओं ने नवरात्र के अवसर पर पुष्प आदि विविध उपचारों से मां भगवती का पूजन किया. प्रसन्न होकर दुर्गतिनाशिनी दुर्गा ने कहा- देवताओं, मैं पूजन से संतुष्ट हूं, तुम्हारी जो इच्छा हो मांगो. मैं तुम्हें दुर्लभ-से-दुर्लभ वस्तु भी प्रदान करूंगीं. तब देवता बोले-देवी, आप भक्तों के लिए कल्पवृक्ष हैं.
हम आपकी शरण में आये हैं. हम जगत की रक्षा के लिए कुछ पूछना चाहते हैं. महेश्वरि, कौन-सा ऐसा उपाय है, जिससे शीघ्र प्रसन्न होकर आप संकट में पड़े हुए जीव की रक्षा करती हैं. ग्रहबाधा, शत्रुबाधा तथा मनुष्य को पापजनित आपत्तियां, अग्निभय न हो. देवेश्वरि, यह बात सर्वथा गोपनीय हो, तो भी हमें अवश्य बताएं.
तब दयामयी मां दुर्गा ने कहा- यह रहस्य अत्यन्त गोपनीय और दुर्लभ है. नवरात्र के अष्टमी एवं नवमी को पत्र, पुष्प, अर्घ, धूप, दीप, गंध आदि से पूजन करके एकाग्रचित होकर जो मेरी स्तुति करेगा तथा निम्नलिखित मंत्रों का पांच माला जप करेगा, उसकी नौकरी, व्यवसाय तथा कर्मक्षेत्र में सभी बाधाएं निश्चय ही दूर होगी.
मंत्र- सर्वाबाधाप्रशमनं त्रैलोक्यस्याखिलेश्वरि ।
एवमेव त्वया कार्यमस्मद्वैरिविनाशनम् ।।
योग्य जीवनसाथी के लिए : अपनी संतान का सही समय पर विवाह होना हर माता-पिता की कामना होती है. योग्य वर या मनोनुकूल कन्या की प्राप्ति की आशा में समय बीतता चला जाता है. यदि आप भी इस परेशानी के दो राहों पर खड़े हैं, तो आपको यह प्रयोग करना चाहिए. नवरात्रि के महाष्टमि को प्रातः उठकर 9 बार नवदुर्गा को प्रणाम करते हुए इस मंत्र का पाठ करें-
सर्व मंगल मङ्गल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके ।
शरण्ये त्र्यण्बके गौरि नारायणि नमोअस्तुते ।।
इसके बाद मां दुर्गा से प्रार्थना करें कि आपको आपके मनोनुकूल जीवनसाथी मिले. आपको मां की कृपा से अवश्य ही वैसा जीवनसाथी अवश्य मिलेगा. वहीं ग्रहदोष, दुर्घटना, रोग, शत्रु, अकालमृत्यु, भय आदि से रक्षा के लिए नवरात्र के अष्टमी और नवमी को निम्नलिखित मंत्रों का 5 माला जप करें- मंत्र – ऊँ दुर्गे दुर्गे रक्षणि स्वाहा.
यदि परिवार में सब कुछ करने के बाद भी समृद्धि नहीं है. अभाव ही अभाव नजर आ रहा है. पत्नी का रूठना, कभी माता-पिता की नाराजगी, भाइयों से वैर-विरोध, छोटी-छोटी बातों को लेकर गृह कलह होता है, तो नवरात्रि के महाष्टमि के दिन मां दुर्गा को लाल पुष्प चढ़ाएं. विधिवत पूजा करें तथा रूद्राक्ष के माला से इस मंत्र का 108 बार जप करें –
मंत्र- करोतु सा नः शुभहेतुरीश्वरी।
शुभानि भद्राण्यभिहन्तु चापदः ।।
संतान सुख के लिए करें उपाय : हर दंपती की कामना होती है कि उसे खूबसूरत, स्वस्थ संतान की प्राप्ति हो. मगर किसी देवदोष के कारण या ग्रह नक्षत्रों की दुविधा के कारण संतान सुख से वंचित हैं, तो रामनवमी के दिन एक उपाय कर सकते हैं. आप नवमी के दिन सवेरे ब्रह्म मुहूर्त में मां दुर्गा की पूजा करें.
साधना के लिए उत्तर की तरफ मुंह करके बैठें. मां दुर्गा के मंदिर में या घर में जहां नवरात्र के अनुष्ठान हो रहा है या अपने घर के किसी पवित्र स्थान पर सामने बाजोट रखकर उस पर पीला वस्त्र बिछाकर मां दुर्गा का यंत्र या चित्र रखें. इसके बाद घी का दीपक प्रज्वलित करें. फिर कुंकुम-अक्षत, पुष्प, नैवेद्य अर्पित करें. ततपश्चात मां दुर्गा का ध्यान करें तथा रूद्राक्ष की माला से इस मंत्र का 5 माला जप करें-
ऊँ सर्वाबाधा विनिर्मुक्तो धन धान्य सुतान्वितः।
मनुष्यो मत्प्रसादेन भविष्यति न संशय ।।
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