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बजट 2018-19 : इंफ्रास्ट्रक्चर पर फोकस, 1.48 लाख करोड़ रुपये से सरकार करेगी रेलवे की क्षमता में विस्तार, जानें खास बातें

ट्रैक मेंटेनेंस और सेफ्टी पर रहेगा जोर राष्ट्रीय राजमार्ग के लिए पिछले वित्त वर्ष में 64,000 करोड़ का था आवंटन सरकार ने देश में इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के लिए 50 लाख करोड़ रुपये की जरूरत बतायी 02 लाख करोड़ रुपये ज्यादा है पिछले साल के बजट से इस साल इस साल सरकार ने बजट के तहत […]

ट्रैक मेंटेनेंस और सेफ्टी पर रहेगा जोर
राष्ट्रीय राजमार्ग के लिए पिछले वित्त वर्ष में 64,000 करोड़ का था आवंटन
सरकार ने देश में इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के लिए 50 लाख करोड़ रुपये की जरूरत बतायी
02 लाख करोड़ रुपये ज्यादा है पिछले साल के बजट से इस साल
इस साल सरकार ने बजट के तहत रेलवे के लिए सबसे अधिक 1.48 लाख करोड़ रुपये देने की घोषणा की. यह पिछले साल की तुलना में 13 प्रतिशत है. पूरा ध्यान ट्रैक मरम्मत, दोहरीकरण और सुरक्षा पर है.
नयी दिल्ली : वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को वर्ष 2018 के बजट में रेलवे के लिए 1.48 लाख करोड़ के व्यय की घोषणा की. रेलवे के लिए यह अब तक की सर्वाधिक राशि है. यह पिछले साल की तुलना में 13 प्रतिशत अधिक है. जेटली ने संसद में बताया कि राशि में से अधिकांश का इस्तेमाल क्षमता विस्तार पर किया जायेगा, क्योंकि यह क्षेत्र रेलवे की प्राथमिकतावाले क्षेत्रों में से एक है. अगले वित्त वर्ष में रेलवे के लिए और अधिक राशि का आवंटन करने की कोशिश की जायेगी. जेटली ने रेलवे में 18,000 किमी लाइनों के दोहरीकरण के लक्ष्य का प्रस्ताव किया.
कहा अगले वर्ष रेलवे के लिए 36,000 किमी रेल ट्रैक के नवीकरण का भी लक्ष्य रखा है, दो सालों में ब्रॉड गेज मार्गों पर 4267 मानव रहित रेलवे क्रॉसिंग को भी खत्म किया जायेगा. नयी विश्वस्तरीय ट्रेनों के विनिर्माण को रेखांकित करते हुए बताया कि आधुनिकीकरण के लिए 600 स्टेशनों की पहचान की गयी है. सभी ट्रेनों में तेजी के साथ वाईफाई और सीसीटीवी नेटवर्क मुहैया कराया जायेगा. साथ ही 25,000 से अधिक यात्रियों की आवा जाहीवाले स्टेशनों पर एस्केलेटर की सुविधा मुहैया करायी जायेगी. मुख्य ध्यान सिग्नल के आधुनिकीकरण, कोहरे से बचनेवाले उपकरणों, यात्री सुविधाओं को बेहतर करने पर होगा.
पिछले साल से अधिक आवंटन
वित्त मंत्री ने राष्ट्रीय रेल संरक्षा कोष के तहत पर्याप्त कोष के आवंटन के साथ ‘सुरक्षा प्रथम’ की नीति की घोषणा की
पिछले साल रेलवे के लिए 1. 31 लाख करोड़ रुपये का आवंटन किया गया.
‘फॉग सेफ’ (कोहरे से सुरक्षा) और ट्रेन सुरक्षा एवं चेतावनी प्रणाली भी लगायी जायेगी. इससे ट्रेन हादसे रूकेंगे
एविएशन सेक्टर
उड़ान : जुड़ेंगे 56 नये एयरपोर्ट
सरकार की महत्वाकांक्षी योजना उड़ान के तहत ऐसे 56 एयरपोर्ट और 31 हेलीपैडों को जोड़ा जायेगा, जो अब तक बेहद कम इस्तेमाल में थे. जेटली ने कहा कि सरकार ने नयी मुहिम के तहत हर साल एक अरब उड़ानें संचालित करने के लिए एयरपोर्ट की क्षमता को पांच गुना विस्तृत करने की योजना बनायी है. कहा,‘तीन साल में घरेलू हवाई यात्रियों की संख्या सालाना 18 प्रतिशत की दर से बढ़ी है. हमारी विमानन कंपनियों ने तीन साल में 900 से अधिक प्लेन खरीदे हैं. 16 एयरपोर्ट पर परिचालन पहले ही शुरू किया जा चुका है. सरकार की इस पहल से हवाई चप्पल पहननेवाले नागरिक भी हवाई जहाज में यात्रा कर रहे हैं.
विमानन को मिली तीन गुनी राशि
नागर विमानन मंत्रालय को वित्त वर्ष के लिए 6,602.86 करोड़ रुपये आवंटित किये गये हैं. इसमें एक बड़ा हिस्सा वीवीआइपी उड़ानों के लिए उपयोग होने वाले ‘दो नये विमानों’ की खरीद के लिए है. यह आवंटन चालू वित्त वर्ष में मंत्रालय को आवंटित राशि का तीन गुना है. चालू वित्त वर्ष के लिए मंत्रालय को 2,710.31 करोड़ रुपये आवंटित किये गये थे. इस बार का आवंटन पिछले वर्ष की तुलना तमें तीन गुना है. कुल राशि में 4,469.50 करोड़ रुपये दो नये विमानों की खरीद के लिए होंगे. दो नये प्लेन- बोइंग 777-300 इआर का इस्तेमाल वीवीआइपी उड़ानों के परिचालन के लिए होगा.
नये इंटीग्रेटेड कोच जल्द
वित्त मंत्री ने बताया की अत्याधुनिक सुविधाओं और विशेषताओं के साथ नयी ट्रेनें इंटरग्रेटेड कोच फैक्ट्री, पेरंबूर में डिजाइन हो रही हैं. ट्रेन जल्द शुरू की जायेगी. भविष्य में 12,000 डिब्बे, 5160 यात्री डिब्बे और 700 इंजन तैयार किये जायेंगे.
मुंबई लोकल के लिए "11,000 करोड़ आवंटित
जेटली ने 465 किमी में फैले मुंबई उपनगरीय रेल नेटवर्क के विस्तार के लिए 11,000 करोड़ और शहर के रेल नेटवर्क के लिए 40,000 करोड़ रुपये आवंटित किया. कहा,‘देश की जीवनरेखा मुंबई परिवहन प्रणाली का विस्तार किया जायेगा. 11,000 करोड़ से 90 किमी डबल लाइन ट्रैक (दोहरी पटरियां) जोड़ा जायेगा.’ 40,000 करोड़ से 150 किमी के उपनगरीय नेटवर्क बनायी जायेगी. इसमें कुछ खंडों में ऊंचे उठे हुए गलियारे शामिल हैं.
17,000 करोड़ बेंगलुरु में लोकल रेल नेटवर्क को आवंटित किया
‍‍18,000 किलोमीटर रेल लाइनों की दोहरी करण होगा
1.34 लाख करोड़ आवंटन परिवहन को
इंफ्रास्ट्रक्चर को 5.97 लाख करोड़ से मिलेगी मजबूती
नयी दिल्ली : अर्थव्यवस्था में इंफ्रास्ट्रक्चर के महत्व को देखते हुए बजट 2018-19 में वित्त मंत्री ने 5.97 लाख करोड़ रुपये का आवंटन किया. इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए 2017-18 के 4.94 लाख करोड़ रुपये का आवंटन था. इसे बढ़ा कर इस साल 5.97 लाख करोड़ रुपये किया. इसके अलावा 2018-19 में परिवहन क्षेत्र के लिए 1,34,572 करोड़ का अब तक का सबसे अधिक आवंटन किया गया. शहरी इंफ्रास्ट्रक्चर में सरकार ने समग्र बुनियादी ढांचे और कौशल विकास के माध्यम से 10 प्रमुख पर्यटन स्थलों के विकास का प्रस्ताव दिया है.
इसके अलावा पुरातत्व सर्वेक्षण के 100 आदर्श स्मारकों का भी उन्नयन किया जायेगा. जेटली ने स्मार्ट सिटी और अमृत योजना के अंतर्गत किये गये कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि स्मार्ट सिटी मिशन के तहत 2.04 लाख करोड़ के परिव्यय के साथ 99 शहरों का चयन किया गया है. 2,350 करोड़ के प्रोजेक्ट्स पूरे हो चुके हैं. 20,852 करोड़ की प्रोजेक्ट्स पर काम चल रहा है. धरोहर शहरों को विकसित करने धरोहर शहर विकास और संवर्धन योजना को अंजाम दिया जा रहा है. अमृत कार्यक्रम के अंतर्गत 500 शहरों के लिए 77,640 करोड़ योजनाएं मंजूर हैं.
भारतमाला में बन रही 35,000 किमी सड़क
भारतमाला प्रोजेक्ट में 35 हजार किमी सड़क निर्माण को स्टेज-1 में मंजूरी मिल चुकी है. लागत 5.35 लाख करोड़ रुपये है.
पीएम नियमित बुनियादी ढांचा योजनाओं की जानकारी लेते हैं. अभी तक 9.46 लाख करोड़ के प्रोजेक्ट शुरू हो चुके हैं.
मलाल नहीं
मुझे अलग से रेलवे बजट पेश करने का कोई मलाल नहीं है. वाकई, कई तरीकों से इन घोषणाओं ने रेलवे के लिए मुश्किल ही खड़ी की. यह राजनीतिक कवायद थी.’ मैं यात्रियों के लिए सुरक्षा एवं आराम सुनिश्चित करना चाहता हूं.
पीयूष गोयल, रेल मंत्री
मेट्रो को 20% कम आवंटन
14,264.60 करोड़ का प्रावधान किया, मेट्रो प्रोजेक्ट्स के िलए 2018-19 के लिए
17,810 करोड़ रुपये रहा वित्त वर्ष 2017-18 में मेट्रो के लिए आवंटन
150 करोड़ रुपये का अनुदान दिया गया, एनसीआर में विस्तार के लिए डीएमआरसी को
रेलवे की क्षमता विकास में मददगार बजट
ट्रेनों के विद्युतीकरण और ट्रैक दोहरीकरण से रेल को मिलेगी रफ्तार
तिलक सेठ
एग्जीक्यूटिव वाईस प्रेसिडेंट एंड हेड मोबिलिटी, सीमेंस
इस बार बजट में रेलवे के लिए 1.48 लाख करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है, जो पिछले साल के मुकाबले 13 फीसदी अधिक है. बजट में सरकार ने यात्री सुरक्षा, स्वच्छता, क्षमता विकास और विस्तार पर फोकस किया है. रेलवे देश की जीवन रेखा है और लोगों के लिए सस्ता परिवहन का माध्यम है. रेलवे पर रोजाना बोझ बढ़ रहा है, लेकिन उसका विस्तार उस अनुपात में नहीं हो पाया, लेकिन इस बजट में रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर विकास पर खास ध्यान दिया गया है. देश का रेल नेटवर्क विश्व में सबसे पुराना है, लेकिन तकनीक के मामले में हम काफी पिछड़ें हैं. अच्छी बात है कि इस बजट में रेलवे के लिए आवंटित अधिकांश राशि का इस्तेमाल क्षमता विस्तार पर किया जायेगा.
बिजलीकरण करने के लिए भी प्रयास किया जा रहा है. वर्ष 2017-18 में चार हजार किलोमीटर लाइन का बिजलीकरण किया गया. देश भर में रेलवे का संपूर्ण बिजलीकरण का लक्ष्य है. ऐसा होने से रेलवे का डीजल पर होनेवाला खर्च काफी कम हो जायेगा और इन पैसों का उपयोग नेटवर्क विस्तार पर किया जा सकता है. बजट में 18 हजार किलोमीटर लाइनों के दोहरीकरण के लक्ष्य का प्रस्ताव किया गया है. ऐसा करने से यात्रियों को लाभ मिलेगा. सुरक्षा के लिहाज से 36 हजार किलोमीटर रेल पटरियों के नवीकरण का भी लक्ष्य रखा गया है.
साथ ही अगले दो सालों में ब्रॉड गेज मार्गों पर 4267 मानव रहित रेलवे क्रॉसिंग को भी समाप्त करने की बात कही गयी है. यात्रियों की सुरक्षा एक बड़ा मामला है और इसके लिए ट्रेन प्रोटेक्शन वार्निंग सिस्टम लगाने की बात कही गयी है. इसके अलावा सिग्नल के आधुनिकीकरण, कोहरे से सुरक्षा प्रदान करने वाले उपकरणों और सुरक्षा को बेहतर करने पर केंद्रित किया गया है. ऐसा करने से दुर्घटनाओं को रोकने में मदद मिलेगी. अच्छी बात है कि बजट में गैरजरूरी योजनाओं की घोषणा करने से बचा गया है और चल रही योजनाओं की ऑनलाइन निगरानी करने की बात कही गयी है.
साथ ही यात्री सुविधाओं को बेहतर करने के लिए 600 स्टेशनों का आधुनिकीकरण करने और सभी ट्रेनों में वाई-फाई और सीसीटीवी लगाने की बात है. लेकिन, ट्रेनों की स्पीड बढ़ाना एक बड़ी चुनौती है. मौजूदा पटरियों पर तेज गति से ट्रेन चलाना मुश्किल है. रेलवे की आय का मुख्य साधन माल ढुलाई से आता है, लेकिन हाल के दिनों में इसमें रेलवे की हिस्सेदारी कम हुई है. इसे बढ़ाने के लिए किराया की मौजूदा प्रणाली को तर्कसंगत बनाने की जरूरत है.
डेडिकेटेड फ्रेट कॉरीडोर के काम को तय समय में पूरा करना होगा. ऐसा करने से रेलवे की आय में इजाफा होगा. क्योंकि रेलवे को विस्तार के लिए अपने आंतरिक संसाधन बढ़ाने होंगे. अच्छी बात है कि रेलवे में निजी निवेश को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने कदम उठाया है.
निजी कंपनी रेलवे में निवेश कर रही है. बिहार में मधेपुरा और छपरा में लोकोमोटिव इंजन का कारखाना शुरू होने से इंजन की कमी दूर होगी. रेलवे को पटरी पर लाने के लिए क्षमता विकास पर जोर दिया गया है. कुल मिलाकर रेलवे के विकास के लिए यह काफी अच्छा बजट है. इस समय रेल ट्रैक को मजबूत करने की जरूरत है. ताकि ट्रेन हादसों को रोकने की दिशा में काम किया जा सके. दोहरी करण से सिंगल रूट पर बोझ को कम किया जा सकेगा. ट्रेनें समय पर चलेंगी.
टेलीकॉम सेक्टर
गांवों में पांच लाख वाई-फाई हाटस्पाट लगेंगे
जेटली ने देश में सरकारी परियोजनाओं के तहत टेलीकॉम इंफ्रास्ट्रक्चर ​के विस्तार के लिए 2018-19 में 10,000 करोड़ रुपये का आवंटन किया. इसके साथ ही सरकार ग्रामीण इलाकों में पांच लाख वाई-फाई हॉटस्पॉट स्थापित करेगी, ताकि पांच करोड़ ग्रामीण हाइस्पीडवाले इंटरनेट का इस्तेमाल कर सकें.
जेटली ने संसद में भारतनेट परियोजना के तहत किये गये काम का जिक्र करते हुए कहा, भारतनेट प्रोजेक्ट का लक्ष्य मार्च 2019 तक 2.5 लाख ग्राम पंचायतों को हाइस्पीड ब्रॉडबैंड से जोड़ना है. पहले चरण में एक लाख ग्राम पंचायतों को हाइस्पीड आप्टिक फाइबर नेटवर्क से जोड़ लिया गया है.
10,000 करोड़ रुपये आवंटित किये गये टेलीकॉम के लिए
चेन्नई में बनेगा 5 जी सेंटर
दूरसंचार विभाग आइआइटी चेन्नई में स्वदेशी 5जी सेंटर स्थापित करने में मदद करेगा ताकि 5जी जैसी प्रौद्योगिकीयों को प्रोत्साहित किया जा सके.
सरकार को टेलीकॉम सेक्टर से 48,661.42 करोड़ की उम्मीद
सरकार को दबाव में चल रहे टेलीकॉम इंडस्ट्री से राजस्व 2018-19 में 58 प्रतिशत बढ़ोतरी के साथ 48,661.42 करोड़ रुपये रहने की उम्मीद है. सरकार को 30,736.47 करोड़ रुपये के राजस्व का संशोधित अनुमान है.
सरकार को आय मुख्यत: सर्विस प्रोवाइडर कंपनियों से लाइसेंस फीस व स्पेक्ट्रम उपयोक्ता शुल्क के रूप में होती है. बजट दस्तावेजों के मुताबिक सरकार ने 2017-18 में टेलीकॉम सर्विस से 44,342.2 करोड़ का प्रावधान किया था. राजस्व में बड़ा योगदान स्पेक्ट्रम नीलामी से बिक्री है. मौजूदा वर्ष में कोई नीलामी नहीं हुई, क्योंकि ऋण से दबी कंपनियों का कहना है कि उन्हें पिछली नीलामियों में खर्च के लिए कुछ समय चाहिए.
टेलीकॉम से पांच साल में चार लाख नये रोजगार पैदा होंगे: मनोज सिन्हा
टेलीकॉम मंत्री मनोज सिन्हा ने कहा कि अगले पांच साल में टेलीकॉम सेक्टर में चार लाख नये रोजगार सृजित होंगे. यह सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी में बड़ा योगदान करेगा. सरकार ने देश में दूरसंचार बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाने के लिए 10,000 करोड़ रुपये आवंटित किये हैं, जिनमें मार्च 2019 तक 1.5 लाख ग्राम पंचायतों को जोड़ने के लिए चार लाख किलोमीटर लंबी आप्टिकल फाइबर केबल (ओएफसी) बिछाना शामिल है.
रेलवे
उम्मीदें… जो पूरी न हो सकीं
ट्रेन हादसों पर रोक लगाना बड़ी चुनौती, 2017 में कई हादसे हुए
दो साल पहले घोषित हुआ रेल विश्वविद्यालय, अब तक नहीं बना
500 रेलवे स्टेशनों पर दिव्यांगों के लिए विशेष सुविधा
स्टेशनों पर बारकोडवाली टिकट और स्कैनर
रेलवे के हर डिब्बे को बॉयो टॉयलेट से जोड़ने का वादा
ट्रेनों की लेट लतीफी पर काबू नहीं पाया जा रहा.
कमेंट
10 करोड़ परिवारों के लिए 5 लाख रुपये का मेडिकल बीमा देना एक बड़ी पहल है. यह एक ऐतिहासिक बजट है.
नितिन गडकरी,केंद्रीय मंत्री
मुझे बजट से बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए वित्तीय सहायता की उम्मीद थी. मुझे निराशा है कि केंद्र का दिल्ली से सौतेला व्यवहार जारी है.
अरविंद केजरीवाल, मुख्यमंत्री , दिल्ली
सरकार ने बजट में किसानों और समाज में हाशिये के लोगों के लिए कुछ नहीं किया है. खराब दौर को देखते हुए बजट का आवंटन काफी कम है.
मनीष तिवारी, कांग्रेस नेता
बजट से बेहद निराश हैं. राज्य के रेलवे जोन, पोलावरम परियोजना के लिए फंडिंग व अन्य लंबित मुद्दों पर ध्यान नहीं दिया.
वाइएस चौधरी, एमओएस साइंस एंड टेक्नोलॉजी, टीडीपी
फ्लैश बैक
पिछले साल 1.31 लाख करोड़ आवंटन था रेलवे को
नये रेल मंत्री गोयल ने निर्णय लेने की क्षमता तेज करने के लिए महाप्रबंधकों को वित्तीय व प्रशासनिक क्षमताएं दीं.
रेल के वरिष्ठ अधिकारियों को सुरक्षा व रख-रखाव के लिए 65 वर्ष तक के पुराने कर्मचारियों की फिर सेवाएं लेने का दिया अधिकार

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