सान फ्रांसिस्को : अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की आक्रामक नीतियां, आपत्तिजनक कार्यशैली व तौर-तरीके के खिलाफ अमेरिका के अंदर से ही मजबूत आवाज उठ रही है. फेसबुक चीफ मार्क जुकरबर्ग ने पहले ही फेसबुक पोस्ट लिख ट्रंप की आव्रजन नीति पर उन्हें खरी-खरी सुना दी है, अब खबर है कि ट्विटर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जैक डोरसे और उनके करीब 1,000 सहयोगियों ने 15 लाख डॉलर से अधिक का दान किया है. यह दान उन्होंने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा सात मुस्लिम बहुल देशों से आने वाले शरणार्थियों और लोगों पर लगाए गए अस्थायी आदेश के विरोध में कार्य करने वाले एक अधिकार समूह को दिए हैं. यानी इस पैसे से ट्रंप के खिलाफ लड़ाई लड़ी जायेगी.
यह दान अमेरिकन सिविल लिबर्टीज यूनियन (एसीएलयू) को दिया गया है. एक खबर के मुताबिक पिछले कुछ दिनों में इस संगठन ने ऑनलाइन माध्यम से 2.4 करोड डॉलर से ज्यादा का कोष दान में जुटाया है.
कंपनी के एक ई-मेल के हवाले से टेक क्रंच की रपट में कहा गया है कि प्रारंभ में ट्विटर के 925 कर्मचारियों ने 5,30,000 डॉलर से अधिक का दान किया था. इसके बाद मुख्य कार्यकारी अधिकारी डोरसे और कार्यकारी चेयरमैन ओमिद कोरदेस्तानी ने भी दान किया और इस प्रकार कुल दान 15.9 लाख डॉलर किया गया है.
ट्विटर के एक प्रवक्ता ने कंपनी के कर्मचारियों द्वारा किए गए दान की पुष्टि की है. ट्विटर के जनरल काउंसल विजय गड्डे ने एक मेमो में लिखा है कि हमारा काम अभी पूरा होने से दूर है. आने वाले महीनों में हमें कई कानूनी बाधाओं का सामना करना पड़ेगा लेकिन जहां तक नागरिक स्वतंत्रता पर खतरे की बात है. उन्हें खुशी है कि लोग लोगों की देखभाल और आजादी के लिए खड़े होंगे.
डोरेसे ने भी ट्विटर पर कहा कि कार्यकारी आदेश (प्रतिबंध का आदेश) के मानवीय और आर्थिक प्रभाव वास्तविक हैं और यह परेशान करने वाले हैं.
इसके अलावा न्यूयॉर्क से मिली एक खबर के अनुसार वाहन निर्माता कंपनी टेस्ला के मुख्य कार्यकारी अधिकारी इयॉन मस्क कल राष्ट्रपति ट्रंप के सलाहकार मंच की बैठक में शामिल होंगे और उनके आव्रजन, वीजा एवं सीमा सुरक्षा संबंधी कार्यकारी आदेश (प्रतिबंध का आदेश) पर चिंता व्यक्त करेंगे. इससे पहले उबर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ट्राविस कैलानिक इस मंच की सदस्यता छोड़ चुके हैं. वहीं, ट्रंप की आव्राजन नीति के विरोध में अमेरिका की काॅफी कंपनी स्टारबक्स ने 10 हजार शरणार्थियों को अगले कुछ सालों में नौकरी पर रखने का एलान किया है. वहीं, गुगल के सीइओ सुंदर पिचाई व अन्य लोग सड़क पर उतर कर ट्रंप की नीतियों का विरोध जता चुके हैं.