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देश की सेहत सुधारने को स्वास्थ्य मंत्रालय ने सरकार से मांगी 8160 करोड़ रुपये

नयी दिल्ली : कार्यक्रमों के संचालन में आड़े आ रही नकदी की कमी को देखते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय ने सरकार से स्वास्थ्य बजट में करीब 8160 करोड़ रुपये की राशि बढ़ाने की मांग की है. मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि बुधवार को बजट पेश करने के दौरान वित्त मंत्रालय इस राशि में कुछ […]

नयी दिल्ली : कार्यक्रमों के संचालन में आड़े आ रही नकदी की कमी को देखते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय ने सरकार से स्वास्थ्य बजट में करीब 8160 करोड़ रुपये की राशि बढ़ाने की मांग की है. मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि बुधवार को बजट पेश करने के दौरान वित्त मंत्रालय इस राशि में कुछ बदलाव भी कर सकते हैं, लेकिन मंत्रालय को इस बात की उम्मीद है कि सरकार उसके बजट में 10,200 करोड़ रुपये अथवा 27 फीसदी का इजाफा करते हुए कुल 47,600 करोड़ रुपये की राशि उपलब्ध करा सकती है. हालांकि, इस संबंध में संपर्क किये जाने पर स्वास्थ्य और वित्त मंत्रियों ने किसी प्रकार की टिप्पणी करने से फिलहाल इनकार कर दिया है.

सही मायने में देखा जाये, तो यदि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की देखरेख में सरकार स्वास्थ्य बजट में राशि के आवंटन में वृद्धि करती भी है, तो फिर स्वास्थ्य क्षेत्र में संचालित कार्यक्रमों में तेजी आने की संभावना है. फिलहाल, सरकार की ओर से जनस्वास्थ्य पर देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 1 फीसदी के बराबर राशि खर्च की जा रही है. इस क्षेत्र में बजट की कमी को कारण सरकार को आलोचनाओं का भी शिकार होना पड़ रहा है. कहा यह जाता रहा है कि भारत में सरकार की ओर से जनस्वास्थ्य की योजनाओं के लिए बजट में जितनी राशि का आवंटन किया जाता है, उससे कहीं अधिक अफगानिस्तान और सियरा लियोन जैसे देशों में राशि खर्च की जाती है.

सरकार के आंकड़े बताते हैं कि स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव के कारण भारत में हर साल करीब 10 लाख से अधिक पांच साल आयु वर्ग तक के बच्चों की मौत हो जाती है. वहीं, 10 करोड़ से भी अधिक गरीब लोग जनस्वास्थ्य कार्यक्रमों पर ही आश्रित हैं, जिसके माध्यम से उन्हें टीका, जीवन रक्षक दवाएं और रोगों के इलाज की सुविधा प्रदान की जाती है. हालांकि, कहा यह भी जा रहा है कि स्वास्थ्य मंत्री जय प्रकाश नड्डा ने देश के लोगों को जनस्वास्थ्य संबंधी सुविधाओं को उपलब्ध कराने में पैसे की कमी को आड़े नहीं आने दिया है, लेकिन अब देश के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय को भी पैसे की जरूरत पड़ रही है. हालांकि, वर्ष 2005 से 2013 के बीच स्वास्थ्य मंत्रालय ने सरकार की ओर से बजट में आवंटित राशि का ही इस्तेमाल किया है.

सूत्रों का कहनना है कि जनस्वास्थ्य कार्यक्रमों के संचालन की लागत में बड़े पैमाने पर हो रहे इजाफे और जरूरतों के मद्देनजर स्वास्थ्य मंत्री जयप्रकाश नड्डा ने पिछले साल के जून और इस साल के जनवरी महीने में वित्त मंत्रालय को पत्र लिखकर स्वास्थ्य बजट में राशि बढ़ाने की मांग की है. जनवरी में वित्त मंत्री अरुण जेटली को लिखे पत्र में स्वास्थ्य मंत्री नड्डा ने राशि आवंटन में इजाफा करने मांग करते हुए लिखा है कि यह न्यूनतम जरूरतों को पूरा करने के लिए आवश्यक है.

उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि उनका मंत्रालय कई अन्य महत्वपूर्ण कार्यक्रमों के संचालन के लिए वित्तीय संसाधनों में कमी का सामना कर रहा है. हालांकि, सरकार ने वर्ष 2015 में सामाजिक स्तर पर आलोचना के बाद स्वास्थ्य क्षेत्र में राशि के आवंटन में कुछ बढ़ोतरी भी की थी, लेकिन फिलहाल उस पर कुल बजट में राशि बढ़ाने का दबाव बनाया जा रहा है.

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