ह्यूस्टन : अमेरिका के नये राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बढ़ती आलोचनाओं से बेफिक्र होकर कहा कि सात मुस्लिम बहुल देशों के नागरिकों पर लगाये गये ‘बहुत कड़े प्रतिबंध’ पर ‘बहुत अच्छी’ तरह काम हो रहा है और इसे आगे भी जारी रखना चाहिये. ट्रंप ने अमेरिका को कट्टर इस्लामिक आतंकवादियों से दूर रखने के नये कदमों के तहत सात मुस्लिम बहुल देशों के लोगों के अमेरिका में प्रवेश करने पर ‘सघन जांच’ के आदेश दिये हैं और अगले आदेश तक सीरियाई शरणार्थियों के प्रवेश पर रोक लगा दी है.
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कल संवाददाताओं से कहा, ‘यह बहुत अच्छी तरह काम कर रहा है. आप हवाई अड्डों पर इसे देख सकते हैं, हर जगह इसे देख सकते हैं. इस पर अच्छा काम हो रहा है. हम बहुत, बहुत कड़ा प्रतिबंध लगाने जा रहे हैं और सघन जांच करने जा रहे हैं जो हमें बहुत पहले ही कर लेनी चाहिये थी.’ ट्रंप ने कहा, ‘यह मुस्लिमों पर लगाया गया प्रतिबंध नहीं है लेकिन हम पूरी तरह से तैयार हैं.’
ट्रंप ने राष्ट्रपति का पद संभालने के एक सप्ताह बाद ही इस विवादास्पद आदेश पर हस्ताक्षर किये. जिन देशों पर प्रतिबंध लगाया गया है उनमें ईरान, इराक, सीरिया, सूडान, लीबिया, यमन और सोमालिया शामिल हैं.
सीरियाई शरणार्थियों और देश के शरणार्थी पुनर्वास कार्यक्रम पर चार महीने के लिए रोक लगाने के इस आदेश की व्यापक स्तर पर आलोचना हो रही है. गूगल के भारतीय मूल के सीईओ सुंदर पिचाई और फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने भी इसकी आलोचना की है.
पिचाई ने इसे ‘दुखद’ निर्णय बताते हुये कहा कि इससे गूगल के कम से कम 187 कर्मचारियों पर असर पडेगा. माइक्रोसॉफ्ट के भारतीय-अमेरिकी सीईओ सत्य नडेला ने लिंक्डइन पर एक नोट पोस्ट करते हुये कहा, ‘कंपनी इस महत्वपूर्ण विषय पर समर्थन करती रहेगी.’ उन्होंने कहा कि एक प्रवासी और कंपनी का सीईओ होने के नाते उनके पास दोनों अनुभव हैं और उन्होंने देश, दुनिया और उनकी कपंनी पर आव्रजन का सकारात्मक प्रभाव देखा है.
कंपनी ने एक बयान में कहा, ‘हम सूची में शामिल देशों के हमारे कर्मियों पर शासकीय आदेश के असर के बारे में चिंताओं को साझा करते हैं, ये सभी कानूनी तरीके से अमेरिका में रहते रहे हैं और हम उन्हें कानूनी सलाह और सहायता देने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं.’ कंपनी ने कहा कि उसे प्रतिबंधित सात देशों के 76 कर्मचारियों की जानकारी है.
जुकरबर्ग ने भी कुछ मुस्लिम बहुल देशों के प्रवासियों और शरणार्थियों पर रोक लगाने के फैसले की आलोचना करते हुये कहा कि अमेरिका प्रवासियों का देश है और उसे इस पर गर्व करना चाहिये.
जुकरबर्ग ने अपने फेसबुक पेज पर लिखा, ‘आपकी तरह, मैं भी राष्ट्रपति ट्रंप के हाल ही के शासकीय आदेश से पड़ने वाले असर को लेकर चिंतित हूं.’

