कोलंबो : श्रीलंका में मारे गए संपादक के शव को सात साल बाद कब्र से निकाला गया है. मामले में अदालत के नए सिरे से जांच शुरू करने के आदेश के बाद ऐसा किया गया. जिस शख्स की हत्या की गई थी वे एक अखबार के संपादक थे. आज सुबह उनके शव को कब्र से निकल लिया गया.
साल 2009 में संपादक की हत्या कर दी गई थी तब यहां दूसरी हुकूमत थी. लासांते विक्रेमाटुंगा संडे लीडर नाम का अखबार चलाते थे जो तत्कालीन महिंदा राजपक्षे की सरकार का कटु आलोचक था. कोलंबो के एक कब्रिस्तान से कडी पुलिस सुरक्षा में और चिकित्सीय-न्यायिक अधिकारियों की उपस्थिति में कोलंबो के मेजिस्ट्रेट मोहम्मद मिहान ने संपादक के शव को कब्र से निकलवाया.
उपनगरीय माउंट लाविनिया अदालत ने शव को बाहर निकलने का आदेश अपराध जांच विभाग के कहने पर दिया था. संपादक के परिवार के वकील अतुल एस राणागाला ने बताया कि विभाग ने शव निकालने की मांग इसलिए रखी थी क्योंकि पहले की सभी फॉरेंसिक रिपोर्टें विरोधाभासी पाई गई हैं. विक्रमाटुंगा की हत्या आठ जनवरी 2009 को कर दी गई थी. जनवरी माह में ही उन्होंने संपादकीय में लिखा था कि उन्हें लगता है कि सरकार उनकी हत्या करवा देगी और इसकी जांच में कुछ भी सामने नहीं आएगा. इसके तीन दिन बाद कोलंबो में अज्ञात हमलावरों ने उनकी हत्या कर दी थी। उस समय श्रीलंका में मीडिया पर कडी पाबंदियां लगाई गई थीं.