संयुक्त राष्ट्र : संयुक्त राष्ट्र की एक जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि सीरिया में राष्ट्रपति बशर अल असद के बलों ने कम से कम दो रासायनिक हमले किये और इस्लामिक स्टेट के जिहादियों ने हथियार के तौर पर मस्टर्ड गैस का उपयोग किया. विश्व निकाय के पैनल ने वर्ष 2014 और 2015 में किए गए तीन रासायनिक हमलों के साजिशकर्ताओं को पहचाना है लेकिन अन्य छह मामलों के बारे में वह कोई निष्कर्ष नहीं निकाल पाया जिनकी जांच वह पिछले साल से कर रहा है. ‘ज्वाइंट इन्वेस्टिगेटिव मैकेनिजम’ (जेआईएम) की इस रिपोर्ट के अनुसार, सीरियाई प्रशासन ने इदलिब प्रांत के दो गांवों पर रासायनिक हथियार गिराए थे.
ये हथियार क्रमश: 21 मार्च 2014 को तालमेनेज में और 16 मार्च 2015 को सारमिन पर गिराए गए थे. दोनों ही घटनाओं में सीरियाई वायुसेना के हेलीकॉप्टरों ने मकानों पर एक उपकरण गिराया जिसके बाद जहरीले पदार्थ का रिसाव हुआ. सारमिन मामले में यह जहरीला पदार्थ क्लोरीन से मिलता जुलता था. पैनल ने यह भी पाया कि इस्लामिक स्टेट ने 21 अगस्त 2015 को उत्तरी अलेप्पो प्रांत के मारेआ शहर में ‘सल्फर मस्टर्ड’ का उपयोग किया था. पैनल के अनुसार, यह गुट एकमात्र ऐसा गुट है जो इस तरह का हमला करने में सक्षम है.
बशर अल असद ने रासायनिक हमले से किया इंकार
असद प्रशासन ने इस बात से बार-बार इंकार किया कि उसने सीरिया में रासायनिक हथियारों का उपयोग किया. लेकिन रिपोर्ट में कहा गया है कि तीन मामलों में उसके पास इस निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए पर्याप्त जानकारी है कि प्रशासन की ओर से रासायनिक हमला किया गया. सुरक्षा परिषद ने रासायनिक हथियारों के उपयोग की जांच करने तथा हमलों के लिए जिम्मेदार लोगों का पहली बार पता लगाने के उद्देश्य से एक साल पहले जॉइन्ट इन्वेस्टिगेटिव मैकेनिज्म की स्थापना की थी.
ज्यादातर मामलों में जांच में हेलीकॉप्टरों से गिराए गए बैरल बमों में क्लोरीन गैस के कथित उपयोग का संकेत मिला. अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस लंबे समय से कहते रहे हैं कि हेलीकॉप्टर केवल प्रशासन के पास हैं. लेकिन सीरिया के सहयोगी रूस ने कहा कि हमला असद के बलों द्वारा किए जाने के बारे में कोई ठोस सबूत नहीं है.
सीरिया पर संयुक्त राष्ट्र लगा सकता है प्रतिबंध
फ्रांसीसी उप राजदूत एलेक्सिस लामेक ने संवाददाताओं को बताया कि रिपोर्ट में साफ कहा गया है कि सीरियाई प्रशासन और दाएश ने सीरिया में रासायनिक हमले किए हैं. उन्होंने कहा कि जब प्रसार, रासायनिक हथियारों के उपयोग, सामूहिक विनाश के हथियारों के उपयोग की बात हो तब हम चुप नहीं रह सकते. ‘परिषद को कार्रवाई करनी होगी.’ निष्कर्षों के आधार पर सुरक्षा परिषद सीरिया पर प्रतिबंध लगाने का फैसला कर सकती है या अंतरराष्ट्रीय आपराधिक अदालत से इस मामले को युद्ध अपराध की तरह लेने के लिए कह सकती है.
बहरहाल, कई राजनयिकों का कहना है कि रिपोर्ट में तीन मामलों में रासायनिक हथियारों के उपयोग के पुख्ता निष्कर्षों के बावजूद रुस ऐसे कदम का साथ नहीं देगा. सीरिया ने वर्ष 2013 में रुस के दबाव में रासायनिक हथियार संधि से जुडने के बाद अपने रासायनिक हथियारों के भंडार को नष्ट करने तथा रासायनिक हथियारों का किसी भी तरह उपयोग करने से बचने पर सहमति जाहिर की थी.