रियो डि जिनेरियो : तूफान के पर्याय, फर्राटा के बादशाह उसैन बोल्ट ने आज यहां अपनी ख्याति के अनुरुप प्रदर्शन करते हुए 100 मीटर की बहुप्रतिष्ठित, बहुचर्चित दौड़ में लगातार तीसरा स्वर्ण पदक जीतकर ओलंपिक में नया इतिहास रचा. बोल्ट ने इस जीत से सुनिश्चित कर दिया कि वह दुनिया के सर्वकालिक महान एथलीटों में से एक हैं. रियो ओलंपिक में जमैका के बोल्ट ने खचाखच भरे स्टेडियम में 100 मीटर के फाइनल में 9.81 सेकेंड का समय निकालकर सोने का तमगा हासिल किया. डोपिंग के दागी अमेरिकी धावक जस्टिन गैटलिन 9.89 सेकेंड के साथ दूसरे जबकि कनाडा के आंद्रे डि ग्रेस 9.91 सेकेंड का समय लेकर तीसरे स्थान पर रहे. लेकिन पूरे स्टेडियम में सिर्फ एक ही नाम गूंज रहा था वह बोल्ट का था. विश्व और ओलंपिक रिकार्डधारक इस फर्राटा धावक ने अपने प्रशंसकों को निराश भी नहीं किया.
बीजिंग और लंदन में भी 100 मीटर का स्वर्ण पदक जीतने वाले इस दिग्गज ने दौड़ पूरी करने के बाद दर्शकों का आभार व्यक्त किया. बोल्ट ने अपने पारंपरिक ‘लाइटनिंग बोल्ट’ का पोज बनाया. उन्होंने पूरे स्टेडियम का चक्कर लगाया और यहां तक कि अपने प्रशंसकों के साथ सेल्फी भी खींची. उन्होंने बाद में कहा, ‘यह बेहतरीन था. मैं बहुत तेज नहीं दौडा लेकिन मैं जीता और इसलिए मैं खुश हूं. मैंने आपसे कहा था कि मैं खिताब जीतने जा रहा हूं. किसी ने कहा था कि मैं अमर बन सकता हूं. दो और पदक जीतकर मैं अमर बनकर विदाई ले सकता हूं.’
आधुनिक ओलंपिक की शुरुआत 1896 में हुई और पिछले 120 वर्षों में बोल्ट पहले ऐसे एथलीट हैं जिन्होंने 100 मीटर की दौड में लगातार तीन स्वर्ण पदक जीते. यही नहीं उन्होंने लगातार तीसरी बार 100 मीटर, 200 मीटर और चार गुणा 100 मीटर में स्वर्ण पदक जीतने का भी नया रिकार्ड बनाया. बोल्ट के नाम पर ट्रैक स्पर्धाओं में सर्वाधिक ओलंपिक स्वर्ण पदक जीतने का रिकार्ड है और अब फर्राटा दौड़ की जीत से उन्होंने सुनिश्चित कर दिया कि वह मोहम्मद अली, पेले और माइकल जोर्डन जैसे खिलाडियों की बराबरी का दर्जा पाने के हकदार हैं.
बोल्ट की जीत से गैटलिन का विरोध करने वाले लोगों को भी राहत मिली जो डोपिंग विवाद में फंसे इस अमेरिकी एथलीट का विरोध कर रहे थे. यहां तक कि जब स्टेडियम में गैटलिन के नाम की घोषणा हुई तो तब भी दर्शकों ने उनकी हूटिंग की. गैटलिन के साथ दर्शकों के इस व्यवहार से बोल्ट भी हैरान थे. उन्होंने कहा, ‘मैं इससे हैरान था. जब मैंने स्टेडियम में हूटिंग की आवाजें सुनी तो मैं हैरान हो गया लेकिन इसके बाद मैंने अपने काम पर ध्यान दिया और आखिर में खिताब जीतने में सफल रहा.’
एथेंस ओलंपिक 2004 में स्वर्ण पदक जीतने वाले गैटलिन ने यहां आने से पहले बोल्ट को हराने का वादा किया था लेकिन वह रजत पदक जीतकर खुश थे. गैटलिन ने कहा, ‘मैं 34 साल का हूं और मैंने इन युवा धावकों के साथ दौड में हिस्सा लिया और फिर भी पोडियम पर पहुंचने में सफल रहा. इसलिए मैं अच्छा महसूस कर रहा हूं. हम यहां नौ सेकेंड दौडने के लिये साल में 365 दिन मेहनत करते हैं.’