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बोले पीएम मोदी, नफरत और हिंसा के प्रचारक समाज के लिए बड़ा खतरा

नौरोबी : दुनिया में आइएस (इसलामिक स्टेट) के पांव पसारने की पृष्ठभूमि में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चेताया कि ‘घृणा और हिंसा की बात करने’ वाले समाज के तानेबाने के लिए खतरा हैं. उन्होंने युवाओं से कट्टरपंथी विचारधारा के जवाब में एक अवधारणा तैयार करने को कहा.उन्होंने कहा कि नफरत और हिंसा के प्रचारक समाज […]

नौरोबी : दुनिया में आइएस (इसलामिक स्टेट) के पांव पसारने की पृष्ठभूमि में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चेताया कि ‘घृणा और हिंसा की बात करने’ वाले समाज के तानेबाने के लिए खतरा हैं. उन्होंने युवाओं से कट्टरपंथी विचारधारा के जवाब में एक अवधारणा तैयार करने को कहा.उन्होंने कहा कि नफरत और हिंसा के प्रचारक समाज के ताने-बाने के लिए बड़ा खतरा बन गए हैं.परोक्ष रूप में पाकिस्तान की ओर इशारा करते हुए कहा कि जो लोग आतंकियों को शरण देते हैं और उनका राजनीतिक हथियार की तरह इस्तेमाल करते हैं, उनकी निंदा करनी चाहिए. नौरोबी विश्वविद्यालय में छात्रों को संबोधित करते हुए मोदी ने घृणा व आतंक मुक्त विश्व की वकालत की. प्रधानमंत्री की यह टिप्पणी ऐसे समय में महत्वपूर्ण मानी जा रही है, जब आतंकी संगठन आइएस कई स्थानों पर पांव पसार रहा है.

विकास कार्यों का उल्लेख करते हुए मोदी ने कहा कि आर्थिक लक्ष्यों को हासिल करने की ओर बढ़ना हमारी प्राथमिकता है. लेकिन हम हमारे लोगों की सुरक्षा को नजरंदाज नहीं कर सकते. हमें उन लोगों की समान रूप से निंदा करनी चाहिए, जो आतंकियों को शरण देते हैं. उनका राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल करते हैं. प्रधानमंत्री की इस टिप्पणी को पाकिस्तान के संदर्भ में देखा जा रहा है, जहां से भारत विरोधी आतंकी संगठन लश्कर- ए- तैयबा और जैश -ए -मोहम्मद जैसे संगठन सक्रिय हैं.

मैं दिल से 20 वर्ष के युवा जैसा : मोदी

केन्या के साथ स्थायी गंठजोड़ की इच्छा व्यक्त करते हुए मोदी ने कहा कि 21वीं सदी में सहयोग के लिए काफी अवसर हैं. हमारे बीच पहले से अधिक कारोबार हो रहा है, लेकिन हम और अधिक क्षेत्रों में काम करने के रास्ते तलाश सकते हैं.‘भारत के उदय’ का जिक्र करते हुए कहा कि यह 80 करोड़ युवाओं के कारण हो रहा है. मैं उनमें से एक हूं. उन्होंने कहा कि वे दिल से 20 वर्ष के युवा के समान हैं. मोदी ने विश्वविद्यालय परिसर में स्थापित महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की. यह 60 वर्ष पहले यहां स्थापित की गयी थी.

भारत-केन्या के बीच सात करार
इससे पहले भारत और केन्या ने अपने संबंधों को मजबूत करने के क्रम में विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को गहरा और विस्तृत करने का फैसला किया. दोनों देशों ने सात करारों पर हस्ताक्षर भी किये, जिनमें रक्षा, सुरक्षा व दोहरे कराधान से बचने से संबंधित समझौते शामिल हैं. प्रधानमंत्री मोदी ने यहां केन्याई राष्ट्रपति उहुरु केन्याता के साथ अपनी बातचीत के बाद इस अफ्रीकी देश को चार करोड़ 49 लाख 50 हजार डॉलर की रियायती ऋण सहायता के भी घोषणा की. मोदी ने केन्याता के साथ संयुक्त मीडिया वार्ता में कहा कि बहुआयामी विकास साझेदारी हमारे द्विपक्षीय संबंधों का मुख्य स्तंभ है. रक्षा सहयोग पर हुए एमओयू में कर्मचारियों के आदान-प्रदान, विशेषज्ञता साझेदारी, हाइड्रोग्राफी में प्रशिक्षण, सहयोग और उपकरण आपूर्ति के प्रावधान होंगे.

Prabhat Khabar Digital Desk
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