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इसलिए जीन की लय खराब होती है

यह सभी जानते हैं कि स्वस्थ रहने के लिए अच्छी नींद जरूरी है, लेकिन अनिद्रा व बेसमय सोने से हमारे शरीर पर इसका बुरा प्रभाव पड़ सकता है. एक नए शोध में वैज्ञानिकों ने पाया कि जब सोने के समय में बदलाव होता है तो उससे हमारे जीन की दैनिक लय बिगड़ती है. यूनिवर्सिटी ऑफ […]

यह सभी जानते हैं कि स्वस्थ रहने के लिए अच्छी नींद जरूरी है, लेकिन अनिद्रा व बेसमय सोने से हमारे शरीर पर इसका बुरा प्रभाव पड़ सकता है. एक नए शोध में वैज्ञानिकों ने पाया कि जब सोने के समय में बदलाव होता है तो उससे हमारे जीन की दैनिक लय बिगड़ती है.

यूनिवर्सिटी ऑफ सरे, इंग्लैंड के शयन शोध केंद्र के प्रोफेसर डर्क-जैन दिज्क ने बताया, ‘‘यह शोध, रात की पालियों, जेट लेग और हमारे जीन की लय को बाधित करने वाली अन्य परिस्थितियों से जुड़ी नकारात्मक स्वास्थ्य समस्याओं को समझने हमारी मदद कर सकता है.’’ शोधकर्ताओं ने 22 प्रतिभागियों को प्राकृतिक प्रकाश और अंधेरे रहित एक नियंत्रित वातावरण में 28 घंटों तक रखा.

नतीजों में उनके सोने-जागने के चक्र में हर दिन चार घंटों का विलंब था. उसके बाद शोध दल ने जीन अभिव्यक्ति की लय को मापने मे लिए प्रतिभागियों के खून के नमूने इकट्ठे किए. प्रोसीडिंग्स ऑफ नेशनल अकेडमी ऑफ साइंस जर्नल में प्रकाशित अध्ययन में बताया गया कि नींद के समय व्यवधान के दौरान सर्केडियन लय (24 घंटों के चक्र के साथ शरीर की प्रक्रिया) में दिखने वाले जीनों की संख्या में छह गुना कमी आई.

स्कूल ऑफ बायोसाइंसेज एंड मेडिसिन्स से सह लेखक साइमन आर्चर ने बताया, ‘‘यह वास्तव में बताता है कि जेट लॉग या अनियमित पालियों में काम करने से हम इतना बुरा क्यों महसूस करते हैं.’’ अध्ययन में बताया, सोने-जागने के चक्र से जीन नियमित किए जा सकते हैं.

Prabhat Khabar Digital Desk
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