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हिंसक प्रदर्शन के बाद केंद्र का फैसला : PF निकासी के नये नियम को लिया वापस

नयी दिल्ली/हैदराबाद : कर्मचारियों के भारी विरोध और हिंसक प्रदर्शन के बाद केंद्र सरकार ने कर्मचारी भविष्य निधि (इपीएफ) की योजना से धन निकालने से संबंधित नये नियम की अधिसूचना को मंगलवार को वापस ले लिया. इस फैसले से कुछ ही घंटे पहले कहा गया था कि सरकार इसे तीन महीने के लिए टाल रही […]

नयी दिल्ली/हैदराबाद : कर्मचारियों के भारी विरोध और हिंसक प्रदर्शन के बाद केंद्र सरकार ने कर्मचारी भविष्य निधि (इपीएफ) की योजना से धन निकालने से संबंधित नये नियम की अधिसूचना को मंगलवार को वापस ले लिया. इस फैसले से कुछ ही घंटे पहले कहा गया था कि सरकार इसे तीन महीने के लिए टाल रही है. बाद में केंद्रीय श्रम मंत्री बंडारु दत्तात्रेय ने कहा कि ’10 फरवरी, 2016 को जारी अधिसूचना रद्द की जाती है. अब पुरानी व्यवस्था बनी रहेगी. मैं इपीएफओ के केंद्रीय न्यासी बोर्ड से इसकी पुष्टि कराऊंगा.’ मालूम हो कि इस मुद्दे पर कर्नाटक के वस्त्र उद्योग के श्रमिक दो दिन से विरोध-प्रदर्शन कर रहे थे, जिसने हिंसक रूप ले लिया.
संशोधित नियम को वापस लेने के कारणों के बारे में बताते हुए श्रम मंत्री दत्तात्रेय ने कहा कि इसका कारण ट्रेड यूनियनों का अनुरोध है.भविष्य निधि से निकासी नियमों को कड़ा करने का फैसला भी ट्रेड यूनियनों की राय से लिया गया था.अब जब ट्रेड यूनियन अनुरोध कर रहे हैं, तब हमने निर्णय को वापस ले लिया. कर्मचारियों व श्रमिकों को अधिसूचना रद्द होने के मद्देनजर कोई गलत धारणा रखने की जरूरत नहीं है.
एक मई से लागू होने वाला था नया नियम
एक मई, 2016 से पीएफ में नियोक्ताओं के योगदान की निकासी पर कर्मचारियों के 58 साल होने तक के लिए रोक लगायी गयी थी. हालांकि कर्मचारी अपने योगदान की राशि की निकासी कर सकते थे.
यह भी प्रस्ताव
श्रम मंत्रालय ने इपीएफओ के पास जमा पूरी राशि को मकान खरीदने, गंभीर बीमारी, शादी व बच्चों की पेशेवर शिक्षा जैसे कार्यों के लिए अंशधारकों को निकालने की अनुमति देने का प्रस्ताव तैयार किया है.
अब पुराना प्रावधान ही रहेगा लागू
यदि कोई कर्मचारी दो माह से बेरोजगार है, तो इपीएफ के सौ प्रतिशत योगदान का पैसा निकाल सकता है. इसमें नियोक्ता और कर्मचारी के योगदान व दोनों पर मिलनेवाली ब्याज की राशि भी शामिल है. यानि पीएफ से राशि की निकासी के लिए 58 साल की उम्र पूरी होने का इंतजार नहीं करना पड़ेगा.
प्रदर्शन हो गयाहिंसक
कर्मचारी भविष्य निधि की निकासी संबंधी नये नियम के विरोध में बेंगलुरु के कपड़ा उद्योग के श्रमिकों का प्रदर्शन मंगलवार को हिंसक हो गया. इस दौरान कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया और पथराव किया गया. भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा. पुलिस ने कहा कि कपड़ा कर्मचारियों के साथ दूसरे कर्मचारी भी जुड़ गये. शहर में कपड़ा फैक्टरी में काम करने वाले कर्मचारियों की संख्या करीब 12 लाख है.
Prabhat Khabar Digital Desk
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