सीरिया : आतंकी संगठन आईएस ने एक बार फिर दिल दहला देने वाले घटना को अंजाम दिया है. संगठन ने आईएस के खिलाफ लिखने वाली एक महिला पत्रकार को इसबार निशाना बनाया है. सीरिया के मीडिया में चल रही खबरों के मुताबिक स्वतंत्र महिला पत्रकार राकिया हसन जो आईएस के आंतक को शब्दों के जरिए सोशल मीडिया और इधर उधर लिखकर अपना विरोध जताती थी उसका सिर कलम कर दिया है.
राकिया को उसके विरोध के स्वर के लिए आतंकियों ने सजा दिया है. महिला पत्रकार राकिया अपने एफबी पेज पर आईएस के कब्जे वाले इलाकों की स्थिति के अलावा उस इलाके में रहने वाली महिलाओं की स्थिति पर लिखा करती थी. राकिया गत कई दिनों से अपना पोस्ट नहीं डाल रही थी. जबकि पहले वह लगातार आईएस के खिलाफ पोस्ट डालती थी. राकिया आईएस के ठीकानों पर होने वाले हवाई हमलों के बारे में भी लिखा करती थीं. आईएस के खिलाफ शब्दों का जंग लड़ रही राकिया ने आखिर शब्द ट्वीटर के जरिये लोगों के सामने रखा.
राकिया का कहना था कि अपमान सहकर जीने से बेहतर है गला कटवाना. स्वतंत्र पत्रकार राकिया ने अपना आखिरी पोस्ट जुलाई 2015 में डाला था. उसके बाद उसने इंटरनेट पर प्रतिबंध लगाने के बारे में कुछ लिखा था. राकिया आईएस से इतनी नफरत करती थी कि उसने साफ तौर पर उसके आकाओं को अपने लेखन से चैलेंज दिया था. पत्रकारों के लिए काल बने आईएस के आतंकी लगभग आधा दर्जन पत्रकारों की हत्या कर चुके हैं. सीरिया की मीडिया में चल रही खबरों के मुताबिक 2 दिसंबर को राकिया की गर्दन आईएस वालों ने काट दी. आईएस ने पहली बार सार्वजनिक तौर पर किसी औरत का सिर काटा है जो उनके खिलाफ लिखती थी.