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हमें दूसरे देशों के क़ानूनों का सम्मान करना चाहिए: ओम बिरला

<figure> <img alt="नागरिकता संशोधन क़ानू के विरोध में प्रदर्शन" src="https://c.files.bbci.co.uk/E1CE/production/_110660875_d4d96656-d23b-4031-b773-2c48aec7465c.jpg" height="549" width="976" /> <footer>EPA</footer> </figure><p>यूरोपीय संघ की संसद में जम्मू कश्मीर और नागरिकता संशोधन क़ानून के संबंध में प्रस्ताव पेश किए जाने की लोकसभा स्पीकर ओम बिरला से कड़ी निंदा की है.</p><p>समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार उन्होंने कहा है, &quot;इंटर पार्लियामेन्टरी यूनियन के सदस्य होने […]

<figure> <img alt="नागरिकता संशोधन क़ानू के विरोध में प्रदर्शन" src="https://c.files.bbci.co.uk/E1CE/production/_110660875_d4d96656-d23b-4031-b773-2c48aec7465c.jpg" height="549" width="976" /> <footer>EPA</footer> </figure><p>यूरोपीय संघ की संसद में जम्मू कश्मीर और नागरिकता संशोधन क़ानून के संबंध में प्रस्ताव पेश किए जाने की लोकसभा स्पीकर ओम बिरला से कड़ी निंदा की है.</p><p>समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार उन्होंने कहा है, &quot;इंटर पार्लियामेन्टरी यूनियन के सदस्य होने के नाते हमें क़ानून बनाने की गणतांत्रिक प्रक्रिया का सम्मान करना चाहिए.&quot;</p><p><a href="https://twitter.com/PTI_News/status/1221828256246059008">https://twitter.com/PTI_News/status/1221828256246059008</a></p><p>इससे पहले भारतीय उप राष्ट्रपति वैंकया नायडू ने कहा था कि, &quot;ये भारत का अंदरूनी मसला है और उसमें इसमें बाहर से कोई दखलंदाज़ी नहीं होनी चाहिए.&quot;</p><figure> <img alt="नागरिकता संशोधन क़ानू के विरोध में प्रदर्शन" src="https://c.files.bbci.co.uk/E1CE/production/_110660875_d4d96656-d23b-4031-b773-2c48aec7465c.jpg" height="549" width="976" /> <footer>EPA</footer> </figure><p>यूरोपीय संघ की संसद के कुल 751 सदस्यों में से क़रीब 626 सदस्यों ने नागरिकता संशोधन क़ानून और जम्मू कश्मीर के मसले पर विचार करने के लिए छह प्रस्ताव सदस्यों के सामने रखे हैं.</p><p><a href="https://www.europarl.europa.eu/doceo/document/B-9-2020-0082_EN.html">प्रस्ताव के अनुसार</a>, &quot;भारत सरकार एनआरसी लागू करने जा रही है जिसके तहत भारत के 1.3 अरब से अधिक लोगों की नागरिकता से संबंधित दस्तावेज़ इकट्ठे किए जाएंगे. हाल में असम में एनआरसी का काम पूरा किया गया है जिसके बाद यहां 19 लाख लोगों को ‘अवैध प्रवासी’ करार दिया गया है. और अब इन्हें या तो नए बनाए गए डिटेन्शन सेंटरों में रखा जाएगा या फिर देश से बाहर निकाला जाएगा.&quot;</p><p>अगली पंक्ति में लिखा है, &quot;भारतीय सरकार खुद को धर्मनिरपेक्ष कहती है, लेकिन ताज़ा किए गए संशोधन के अनुसार एनआरसी में मुसलमानों को अलग-थलग किया जाएगा.&quot;</p><p>आगे कहा गया है कि सदस्यों को चिंता है कि नागरिकता निर्धारित करने का ये एक ख़तरनाक तरीका है जिस कारण विश्व के सामने सबसे बड़ प्रवासी संकट खड़ा हो सकता है.</p><p>माना जा रहा है कि इसी साल मार्च में होने वाले भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ब्रसेल्स दौरे से पहले पेश किया गया ये प्रस्ताव यूरोपीय यूनियन के देशों के साथ भारत के संबंधों पर असर डाल सकता है.</p><p>इनमें से एक प्रस्ताव 29 जनवरी को पेश हो सकता है जबकि एक अन्य प्रस्ताव पर 30 जनवरी को पेश किया जाएगा.</p><h3>शरजील इमाम को जेएनयू की समिति में पेश होने का आदेश</h3><figure> <img alt="शरजील इमाम" src="https://c.files.bbci.co.uk/1353E/production/_110666197_2c0340a6-b626-4425-adf5-830ba40f978e.jpg" height="549" width="976" /> <footer>FACEBOOK/SHARJEEL IMAM</footer> </figure><p>CAA और NRC के ख़िलाफ़ एक विरोध प्रदर्शन में कथित भड़काऊ भाषण देकर चर्चा में आए शरजील इमाम को जेएनयू प्रशासन ने समिति के सामने पेश होने के लिए कहा है.</p><p>जेएनयू के चीफ़ प्रोक्टर ने उन्हें 3 फरवरी से पहले प्रोक्टोरियल समिति के सामने पेश होने और उनके ख़िलाफ़ दर्ज एफ़आईआर के संबंध में सफाई देने के लिए कहा है.</p><p>शरजील पर दिल्ली, उत्तर प्रदेश और असम में देशद्रोह और दंगा भड़काने की धाराओं के तहत एफ़आईआर दर्ज किए गए हैं.</p><p>उनकी तलाश में दिल्ली और अलीगढ़ पुलिस के अलावा बिहार पुलिस की टीम भी लगी है क्योंकि उनका पैतृक घर बिहार के जहानाबाद ज़िले में है.</p><p>शाहीन बाग़ के प्रदर्शनकारियों ने शरजील के भाषण से ख़ुद को अलग कर लिया है.</p><p><a href="https://twitter.com/ANI/status/1221807824511963136">https://twitter.com/ANI/status/1221807824511963136</a></p><p>शरजील ने आईआईटी रुड़की से इंजीनियरिंग की है. </p><p>फिलहाल वो जेएनयू के स्कूल ऑफ़ सोशल साइन्सेस के सेंटर ऑफ़ हिस्टॉरिकल स्टडीज़ में पीएचडी कर रहे हैं.</p><h3>निर्भया मामला: मुकेश सिंह की याचिका पर सुनवाई कल</h3><p>दिल्ली के बहुचर्चित निर्भया मामले में दोषी ठहराए गए लोगों में से एक मुकेश सिंह की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट मंगलवार दोपहर 12:30 बजे सुनवाई करेगा.</p><p>मुकेश सिंह की दया याचिका राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ख़ारिज कर दी थी. मुकेश सिंह ने इसी के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाख़िल की है.</p><p>सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि अगर किसी को एक फरवरी को फाँसी दी जानी है, तो ये मामला प्राथमिकता का है.</p><p>निर्भया गैंगरेप मामले में दोषी ठहराए गए मुकेश सिंह, विनय शर्मा, अक्षय सिंह और पवन गुप्ता को एक फरवरी को फाँसी दी जानी है.</p><p>पहले इन चारों को 22 जनवरी को फाँसी दी जानी थी, लेकिन मुकेश सिंह ने दया याचिका राष्ट्रपति के पास भेज दी. </p><p>लेकिन दया याचिका ख़ारिज होने के बाद फाँसी की नई तारीख़ की घोषणा हुई.</p><h1>CAA: पश्चिम बंगाल ने भी विरोध में प्रस्ताव पास किया</h1><p>पश्चिम बंगाल नागरिकता संशोधन क़ानून (सीएए) के ख़िलाफ़ विधानसभा में प्रस्ताव पास करने वाला भारत का चौथा राज्य बन गया है.</p><figure> <img alt="ममता बनर्जी" src="https://c.files.bbci.co.uk/1794/production/_110663060_301fd3c8-4037-4437-b728-d66585abcb60.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><p>इसी तरह का प्रस्ताव राजस्थान और पंजाब की कांग्रेस सरकार और केरल की वामपंथी सरकार ने पास किया था.</p><p>पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि सीएए के ख़िलाफ़ प्रदर्शन सिर्फ़ अल्पसंख्यकों के नहीं हैं, मैं अपने हिंदू भाइयों को भी इसके लिए धन्यवाद देती हूँ, जिन्होंने आगे आकर इन प्रदर्शनों का नेतृत्व किया है.</p><p>राज्य विधानसभा में अपने संबोधन में ममता बनर्जी ने कहा, &quot;बंगाल में हम सीएए, एनपीआर और एनआरसी की अनुमति नहीं देंगे. सीएए के तहत आपको नागरिक बनने के लिए पहले विदेशी बनना होगा. ये ख़तरनाक खेल है. इनके झांसे में आप मत आइए.&quot;</p><p>बीजेपी नेताओं के बारे में उन्होंने कहा कि वे हमेशा पाकिस्तान की बात करते हैं हिंदुस्तान की कम.</p><h3>एयर इंडिया की 100 फ़ीसदी हिस्सेदारी बेचेगी मोदी सरकार </h3><figure> <img alt="एयर इंडिया" src="https://c.files.bbci.co.uk/1486B/production/_110657048_airindia.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><p>क़रीब 60 हज़ार करोड़ रुपये के क़र्ज़ में डूबे सरकारी उपक्रम एयर इंडिया को बेचने की दूसरी कोशिश मोदी सरकार ने शुरू कर दी है. </p><p>दो साल के अंदर एयर इंडिया को बेचने की दूसरी बार कोशिश हो रही है. सरकार ने सोमवार को इस बाबत निविदा मंगाई है जिसमें एयर इंडिया के सौ फ़ीसदी हिस्से को बेचने की बात कही गई है. </p><p>हालांकि मुंबई के नरीमण प्वाइंट स्थित एयर इंडिया के मुख्यालय और दिल्ली के महादेव मार्ग स्थित कारपोरेट मुख्यालय, इस बिक्री में शामिल नहीं होंगे. दोनों इमारतें सरकार के अधीन रहेंगी. </p><p>एयर इंडिया को ख़रीदने के इच्छुक दावेदारों को 17 मार्च तक निविदा भरने को कहा गया है. </p><p>इससे पहले 2018 में एयर इंडिया की 76 फ़ीसदी हिस्सेदारी बेचने की कोशिश की गई थी, लेकिन कोई ख़रीददार सामने नहीं आया था. हालांकि इस बार ख़रीददार के लिए आसान प्रावधान किए गए हैं. </p><p>76 फ़ीसदी हिस्सेदारी के वक्त ख़रीददार को 33,392 करोड़ रुपये का क़र्ज़ चुकाना था जबकि इस बार 100 फ़ीसदी हिस्सेदारी के लिए महज़ 23286 करोड़ रुपये चुकाने होंगे. </p><p>एयर इंडिया के साढ़े तेरह हज़ार से ज़्यादा कर्मचारी हैं. </p> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-46395427?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">एयर इंडिया को बचाने के लिए सरकार की नई योजना क्या है</a></li> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-43877048?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">’महाराजा’ को आख़िर कोई क्यों ख़रीदना चाहेगा</a></li> </ul><p><strong>(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप </strong><a href="https://play.google.com/store/apps/details?id=uk.co.bbc.hindi">यहां क्लिक</a><strong> कर सकते हैं. आप हमें </strong><a href="https://www.facebook.com/bbchindi">फ़ेसबुक</a><strong>, </strong><a href="https://twitter.com/BBCHindi">ट्विटर</a><strong>, </strong><a href="https://www.instagram.com/bbchindi/">इंस्टाग्राम</a><strong> और </strong><a href="https://www.youtube.com/bbchindi/">यूट्यूब</a><strong> पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)</strong></p>

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