तेहरानः ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामनेई ने आठ साल में पहली पर बार तेहरान में जुमे की नमाज का नेतृत्व किया और पश्चिमी देशों पर जबरदस्त हमला किया. उन्होंने कहा कि एक तरफ वे ईरान का समर्थन करने का ढोंग करते हैं लेकिन दूसरी ओर अपने ‘जहरबुझे खंजर’ इसकी पीठ में घोंपना चाहते हैं. साप्ताहिक नमाज में शामिल हुए खामनेई ने लोगों को संबोधित किया.
इस दौरान उन्होंने जोर देकर कहा कि ईरान अमेरिकी दबाव के आगे नहीं झुकेगा. अमेरिका ने ईरान पर कई तरह की पाबंदी लगायी है. अमेरिकी हमले में ईरान के शीर्ष जनरल कासिम सुलेमानी के मारे जाने और ईरान की ओर से किये गए जवाबी हमले में यूक्रेन के यात्री विमान के गिरने से देश में उत्पन्न ताजा संकट के बीच सर्वोच्च नेता ने शुक्रवार को यह भाषण दिया.
खामनेई ने कहा कि अमेरिकी हमले में इस महीने के शुरू में मारे गए सुलेमानी की अंत्येष्टि में जिस तरह से लोग बड़े पैमाने पर शामिल हुए उससे यह पता चलता है कि ईरान के लोग हालिया घटनाक्रम के बावजूद इस्लमिक रिपब्लिक का समर्थन करते हैं. उन्होंने कहा कि कायरतापूर्ण तरीके से सुलेमानी पर हमला किया गया जो प्रभावी तरीके से इस्लामिक स्टेट के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे थे.
उल्लेखनीय है कि सुलेमानी की हत्या के जवाब में ईरान ने अमेरिका के ईराक स्थित सैन्य ठिकानों पर बैलिस्टिक मिसाइलों से हमला किया था. खामनेई ने कहा कि इस हमले से अमेरिका की विश्व महाशक्ति होने की छवि को नुकसान पहुंचा है. अरबी में किए गए संबोधन में उन्होंने कहा कि असली सजा अमेरिका को पश्चिम एशिया से हटने के लिए मजबूर करना होगा.
खामनेई ने यूक्रेन के विमान गिरने की घटना को पीड़ादायक हादसा करार दिया जिससे ईरान को दुख हुआ और इससे दुश्मन खुश हैं. उन्होंने 2015 के परमाणु समझौते के लिए ईरान की जिम्मेदारी तय करने के लिए विवाद व्यवस्था लागू करने के लिए ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी की भी आलोचना की.