इस्लामाबाद : पाकिस्तान ने भारत के नये थलसेना प्रमुख मनोज मुकुंद नरवाने के इस बयान को गैर जिम्मेदाराना करार दिया कि भारत को नियंत्रण रेखा के पार एहतियातन हमला करने का अधिकार है.
मंगलवार को सेना प्रमुख का पदभार ग्रहण करने के कुछ घंटे बाद जनरल नरवाने ने एक साक्षात्कार में कहा था कि भारत को आतंकी खतरे वाले स्रोतों पर एहतियातन हमला करने का अधिकार है. उन्होंने कहा था कि सीमापार आतंकवाद पर देश की जबर्दस्त कार्रवाई की नयी सोच की झलक दृढ़तापूर्वक दिखा दी गयी है. सेना प्रमुख ने कहा था, अगर पाकिस्तान, राज्य प्रायोजित आतंकवाद की अपनी नीति को नहीं रोकता है तो हमारे पास ऐसी स्थिति में आतंक के खतरे वाले स्रोतों पर हमला करने का अधिकार है और सर्जिकल स्ट्राइक तथा बालाकोट अभियान के दौरान हमारे जवाब में इस सोच की पर्याप्त झलक मिल चुकी है.
उनके इस बयान पर पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, हम नियंत्रण रेखा के पार पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में एहतियात के तौर पर हमला करने के भारत के नये सेना प्रमुख के गैर जिम्मेदाराना बयान को खारिज करते हैं. इसने कहा कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में भारत के आक्रामक कदम को विफल करने के पाकिस्तान के निश्चय और तैयारी पर कोई संदेह नहीं होना चाहिए. पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने कहा, किसी को भारत के बालाकोट दुस्साहस के बाद पाकिस्तान के जवाब को नहीं भूलना चाहिए.
भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्ते बेहद खराब हो गये थे जब पाकिस्तान के आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के आत्मघाती हमले में जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में 14 फरवरी को सीआरपीएफ के 40 जवानों की मौत हो गयी थी. इसके बाद 26 फरवरी को भारतीय लड़ाकू विमानों ने पाकिस्तान के इलाके में घुसकर बालाकोट में स्थित जैश के आतंकी शिविरों पर बम बरसाये थे. 27 फरवरी को दोनों देशों की वायुसेनाओं के बीच आसमान में संघर्ष हुआ था. इस दौरान भारत के एक पायलट को पाकिस्तान ने बंधक बना लिया था. हालांकि एक मार्च को पाकिस्तान ने पायलट भारत को सौंप दिया था.
वक्तव्य में कहा गया, भारत के उकसावों के बावजूद पाकिस्तान क्षेत्र में शांति, सुरक्षा और स्थिरता कायम करने के सभी प्रयासों में योगदान जारी रखेगा. विदेश मंत्रालय ने यह भी कहा कि वह अंतरराष्ट्रीय मंचों पर कश्मीर मुद्दे को उठाता रहेगा. उसने यह भी कहा कि भारत को कश्मीर में सभी संचार पाबंदियां तत्काल हटानी चाहिए.