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चंद्रयान-3 अगले साल हो सकता है लॉन्च, गगनयान के लिए 4 अंतरिक्ष यात्रियों का चयन

<figure> <img alt="के. सिवन" src="https://c.files.bbci.co.uk/12512/production/_110362057_e8f8f87b-f4df-427e-b8ac-748365d022ce.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> <figcaption>के. सिवन ने चंद्रयान-3 की जानकारी दी है</figcaption> </figure><p>भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के प्रमुख के. सिवन ने पुष्टि कर दी है कि चंद्रमा के लिए इसरो चंद्रयान-3 परियोजना पर काम कर रहा है और वो 2021 तक प्रक्षेपित किया जा सकता है. वहीं, गगनयान […]

<figure> <img alt="के. सिवन" src="https://c.files.bbci.co.uk/12512/production/_110362057_e8f8f87b-f4df-427e-b8ac-748365d022ce.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> <figcaption>के. सिवन ने चंद्रयान-3 की जानकारी दी है</figcaption> </figure><p>भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के प्रमुख के. सिवन ने पुष्टि कर दी है कि चंद्रमा के लिए इसरो चंद्रयान-3 परियोजना पर काम कर रहा है और वो 2021 तक प्रक्षेपित किया जा सकता है. वहीं, गगनयान के लिए चार अंतरिक्षयात्रियों का चयन किया गया है.</p><p>समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक़, ये घोषणा केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह के बयान के बाद हुई है, उन्होंने कहा था कि 2020 में चंद्रयान-3 लॉन्च किया जाएगा.</p><p>नए साल की शुरुआत पर प्रेस कॉन्फ़्रेंस करते हुए इसरो प्रमुख के. सिवन ने कहा कि चंद्रमा के लिए भारत के तीसरे मिशन से जुड़े सभी काम बड़े आराम से हो रहे हैं. </p><p>सिवन ने पुष्टि की है कि चंद्रयान-2 की तरह ही चंद्रयान-3 में लैंडर और रोवर होगा. उन्होंने कहा कि इस मिशन की लागत 250 करोड़ रुपये होगी.</p><p>भारत ने सितंबर 2019 में चंद्रयान-2 मिशन की शुरुआत की थी जिसका उद्देश्य चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरकर पानी की खोज करना था. अभी तक इस प्रकार का कोई मिशन नहीं हुआ था. </p><p>हालांकि, इस मिशन में चंद्रयान-2 का ऑर्बिटर अंतरिक्ष में स्थापित हो गया था लेकिन रोवर की सॉफ़्ट लैंडिंग नहीं हो पाई थी. </p><figure> <img alt="Chandrayaan2, चंद्रयान-2, Chandrayaan2Landing, Vikram, chandrayaan 2, Chandrayaan2Live, NarendraModi, Narendra Modi, vikram and pragyan, Moonmission, ISRO" src="https://c.files.bbci.co.uk/F270/production/_108646026_727f508b-70ed-4821-9ee2-f40df25fa5e7.jpg" height="549" width="976" /> <footer>isro.gov.in</footer> <figcaption>चंद्रयान-2 के रोवर की नहीं हो पाई थी सॉफ़्ट लैंडिंग</figcaption> </figure><p>इसरो ने 2008 में लॉन्च किए अपने पहले चंद्रयान मिशन के दौरान उम्मीद जताई थी कि बर्फ़ के रूप में चांद पर पानी मौजूद है. </p><p>सिवन ने प्रेस कॉन्फ़्रेंस में कहा, &quot;हम चंद्रयान-2 को लैंड नहीं करा पाए लेकिन हमने अच्छी प्रगति की. ऑर्बिटर अभी भी काम कर रहा है और वो अगले सात साल तक काम करेगा और विज्ञान से जुड़ा डाटा भेजेगा.&quot; </p><p>चंद्रमा पर आज तक सिर्फ़ अमरीका, रूस और चीन ही लैंडिंग करा पाए हैं. चीन का चांगए-4 पिछले साल चंद्रमा की नहीं दिखने वाली सतह पर उतरा था. वहीं, इसरायल के बेरेशीट अंतरिक्षयान ने अप्रैल 2019 में चंद्रमा पर उतरने की असफल कोशिश की थी. </p> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/science-50639500?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">चंद्रयान-2 के लैंडर विक्रम का मलबा मिला: नासा </a></li> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-49611454?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">#Chandrayaan2: चांद पर जब चंद्रयान-2 उतरेगा तो क्या होगा</a></li> </ul><figure> <img alt="चंद्रयान-2 के रोवर की नहीं हो पाई थी सॉफ़्ट लैंडिंग" src="https://c.files.bbci.co.uk/17332/production/_110362059_gettyimages-1162844192.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><h1>गगनयान पर भी सिवन ने दी जानकारी?</h1><p>साथ ही इसरो प्रमुख ने भारत के मानव अंतरिक्ष मिशन ‘गगनयान’ की जानकारी भी दी है. उन्होंने कहा कि इसरो इस पर ‘अच्छी प्रगति’ कर रहा है. </p><p>उन्होंने कहा कि इस मिशन के चार अंतरिक्ष यात्रियों का चयन किया गया है जो इस महीने के आख़िर में रूस में प्रशिक्षण के लिए जाएंगे.</p><p>2018 में सरकार ने कहा था कि गगनयान परियोजना पर 100 अरब रुपये से कम का ख़र्च आएगा. </p> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/science-49601111?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">चंद्रयान 2 में आपको क्यों रखनी चाहिए दिलचस्पी</a></li> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/science-49637079?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">इसरो के ‘विक्रम लैंडर’ की वायरल तस्वीर का सच</a></li> </ul><p>भारत अपने सस्ते उपग्रह प्रक्षेपण और अंतरिक्ष मिशनों के लिए जाना जाता है. भारत ने 2014 में मंगल के लिए मानव रहित मिशन की शुरुआत की थी जिसका ख़र्चा 7.4 करोड़ डॉलर आया था. इस योजना का ख़र्च हॉलिवुड की ब्लॉकबस्टर फ़िल्म ‘ग्रेविटी’ के बजट से भी कम था.</p><p>साथ ही सिवन ने बताया कि इसरो ने अपने दूसरे प्रक्षेपण स्थल के लिए भूमि अधिग्रहण का काम शुरू कर दिया है. यह दक्षिणी तट पर तमिलनाडु राज्य के थुथुकुडी में बनेगा.</p><p><strong>(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप </strong><a href="https://play.google.com/store/apps/details?id=uk.co.bbc.hindi">यहां क्लिक</a><strong> कर सकते हैं. आप हमें </strong><a href="https://www.facebook.com/bbchindi">फ़ेसबुक</a><strong>, </strong><a href="https://twitter.com/BBCHindi">ट्विटर</a><strong>, </strong><a href="https://www.instagram.com/bbchindi/">इंस्टाग्राम</a><strong> और </strong><a href="https://www.youtube.com/bbchindi/">यूट्यूब</a><strong> पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.</strong><strong>)</strong></p>

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