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बिहार की दमघोंटू हवा 15 साल पुराने वाहन हटाने से सुधरेगी?

<figure> <img alt="पुराने वाहन" src="https://c.files.bbci.co.uk/BFE3/production/_109532194_gettyimages-900104852.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><p>बिहार में 15 साल से ज़्यादा पुराने व्यवसायिक और सरकारी वाहन सात नवंबर से नहीं चलेंगे. साथ ही 15 साल से पुराने निजी वाहनों की फ़िटनेस की जांच फिर से की जाएगी. </p><p>बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को वायु प्रदूषण को लेकर एक […]

<figure> <img alt="पुराने वाहन" src="https://c.files.bbci.co.uk/BFE3/production/_109532194_gettyimages-900104852.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><p>बिहार में 15 साल से ज़्यादा पुराने व्यवसायिक और सरकारी वाहन सात नवंबर से नहीं चलेंगे. साथ ही 15 साल से पुराने निजी वाहनों की फ़िटनेस की जांच फिर से की जाएगी. </p><p>बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को वायु प्रदूषण को लेकर एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में यह फ़ैसला लिया. साथ ही यह भी फ़ैसला लिया गया कि जो भी किसान पराली जलाएंगे, उन्हें कृषि संबंधित सब्सिडी नहीं दी जाएगी. </p><p>बिहटा के किसान नेता आनंद कुमार कहते हैं, &quot;पहली बात सब्सिडी तो सिर्फ़ बड़े किसान के लिए है, आम किसान के लिए तो है ही नहीं. बाक़ी पराली जलाने से अगर प्रदूषण फैलता है तो सबसे ज़्यादा प्रदूषण गांव में होना चाहिए, हमारे गांव अमहारा में तो प्रदूषण नहीं है. सरकार चाहे तो चेक करा लें. सरकार ने पराली को ठिकाने लगाने की क्या व्यवस्था की है?&quot; </p><p>गौरतलब है कि तीन नवंबर को भी छठ महापर्व दौरान उगते सूर्य को अर्घ्य देने के समय भी सूर्य नहीं दिखे थे. जिसके चलते कई व्रती अर्घ्य देने के लिए नदी घाटों पर सुबह आठ बजे तक इंतज़ार करते रहे. </p><p>राज्य के मुख्य सचिव दीपक कुमार बताते हैं, &quot;शहर में ऑटो रिक्शा, सिटी बस में लोग कैरोसिन तेल डालकर चलाते हैं, जिस पर कार्रवाई की जाएगी. इसके अलावा राज्य ख़ासतौर पर पटना शहर के आसपास के ईंट भट्ठों की जांच के साथ साथ जहां निर्माण का काम चल रहा है, वहां के लिए गाइडलाइन जारी की गई है.&quot; </p><p>हालांकि, साल 2015 में भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वन एवं पर्यावरण विभाग की समीक्षा बैठक में बढ़ते वायु प्रदूषण पर चिंता जताई थी. मुख्यमंत्री ने उस वक्त भी पटना में 15 साल से ज़्यादा पुराने डीजल वाहनों पर रोक लगाने की बात कही थी. लेकिन नतीजा अब तक ढाक के तीन पात ही रहा है.</p><h3>पटना: बदतर होते हालात, बेख़बर सरकार</h3><p>बिहार में ख़ासतौर पर पटना, गया, मुज़फ़्फ़रपुर में वायु प्रदूषण की हालत चिंताज़नक है.</p><p>विश्व स्वास्थ्य संगठन की वायु प्रदूषण पर साल 2016 में आई रिपोर्ट के मुताबिक पूरी दुनिया में गया चौथे, पटना पांचवे और मुज़फ़्फ़रपुर नौंवे नंबर पर है. </p><p>राजधानी पटना की बात करें तो यहां प्रदूषण के लिए 32 प्रतिशत वाहन, 7 प्रतिशत उद्योग, 4 प्रतिशत ईंट भट्ठा, 12 प्रतिशत धूल कण, 7 प्रतिशत अवशेष का जलना, 10 प्रतिशत हिटिंग, 5 प्रतिशत डी जी सेट ज़िम्मेदार है.</p><p>बिहार प्रदूषण बोर्ड की वेबसाइट पर दर्ज आंकड़ों के मुताबिक साल 2016,2017 और 2018 में यानी 1095 दिन में सिर्फ़ सात दिन ही पटना की आबोहवा अच्छी स्थिति में थी. </p><p>बोर्ड ने सात दिनों को ही ‘गुड कॉलम’ में रखा है जबकि 361 दिन पटना की हवा संतोषजनक रही.</p><p>वहीं बिहार में वायु प्रदूषण पर काम कर रही सीड की अंकिता ज्योति के मुताबिक, &quot;हमारी संस्था ने जो रिसर्च किया है उसके मुताबिक वायु प्रदूषण के दुष्प्रभावों के चलते पटना वालों की उम्र 7.7 साल कम हो रही है. और अगर आप देखें तो बिहार के तीन सबसे प्रदूषित शहरों में मानिटरिंग तक ठीक से नहीं हो रही है. पटना में सिर्फ़ एक जगह ऑटोमैटिक वायु प्रदूषण नापने की मशीन लगी है जो 2012 में लगी थी. ऐसे में जब आपके पास सही आंकड़े ही नही होंगे, तो आप उससे लड़ेंगे कैसे?&quot;</p><p><strong>बेरोजगारी और महंगाई बढ़ाने वाला </strong><strong>फ़ैसला</strong></p><p>मिनी ट्रक एसोसिएशन के जवाहर निराला सरकार के इस फ़ैसले को बेरोजगारी और महंगाई बढ़ाने वाला बताते है. </p><p>बीबीसी से बात करते हुए उन्होंने कहा, &quot;प्रदूषण रोकने का यह उपाय तो ग़लत है. सरकार को लगता है कि हमारी मिनी ट्रक प्रदूषण फैला रही है तो ईंजन बदलने को कहें, पूरी गाड़ी को ख़त्म कर देना कहां का न्याय है. एक ट्रक बाहर होने पर ड्राइवर, खलासी, लोड – अनलोड करने वाले मज़दूर की रोजी छिनेगी तो महंगाई भी बढ़ेगी क्योंकि ज़्यादातर मिनी ट्रक में तो खाने पीने का सामना ही ढोया जाता है.&quot;</p><p>नीतिगत मसलों पर सरकार से साथ बातचीत करने वाले बिहार मोटर ट्रांसपोर्ट फेडरेशन के अध्यक्ष जगन्नाथ सिंह बताते है, &quot;80 के दशक में ही बिहार सरकार ने ये आदेश जारी किया था कि गाड़ी को उसकी उम्र से नहीं बल्कि उसकी कंडीशन या हालत से जज किया जाएगा. अब सरकार ये फ़ैसला लेकर बेरोज़गारी ही फैला रही है. क्योंकि अनुमान ये है कि एक ट्रक से प्रत्यक्ष – अप्रत्यक्ष तौर पर 15 लोगों को रोज़गार मिलता है. आप लोगों को बेरोज़गार कर रहे है, यात्रियों को परेशानी में डाल रहे है. हमारी सरकार से मांग है कि सरकार बड़ी गाड़ियों की खरीदारी में इंस्टालमेंट मे रियायत और होम लोन जैसी सुविधाएं दें.&quot;</p><p><strong>कहीं खुशी, कहीं </strong><strong>ग़म</strong></p><p>वहीं सात साल के बच्ची की मां जया सिंह कहती है, &quot;पटना की हवा दमघोंटू होती जा रही है. मुझे सबसे ज़्यादा अपने बच्चे की चिंता है जिसकी सांस फूलती है स्कूल जाने आने में. मैं उसे खेलने के लिए नहीं जाने देती. हो सकता है कि सरकार का ये फ़ैसला पटना की हवा को कुछ ठीक करें.&quot;</p><p>वहीं पटना के बोरिंग रोड इलाके में रहने वाली मंजू शर्मा कहती हैं, &quot;मैं तो दशहरा, दीपावली और छठ के दिनों में बिहार से बाहर जाकर रहने का फ़ैसला कर चुकी हूं. सरकार का यह फ़ैसला अच्छा लेकिन ऐसी सरकार से ज़्यादा उम्मीद क्यों रखें, जो खुद ही विकास के नाम पर पटना में हरे भरे इलाके के पेड़ कटवा कर उसे बंजर कर चुकी है.&quot;</p><p>वहीं ट्रक ड्राइवर संतोष कुमार कहते हैं, &quot;सरकार चाहती क्या है ग़रीबों से, पहले शराब बंद कर दी, फिर बालू बंद कर दिया और अब तो ट्रक ही बंद करके हमें मरने के लिए छोड़ दिया.&quot;</p><p><strong>ये भी पढ़ें</strong><strong>:</strong></p> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-49903098?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">ऐसी हुई बारिश कि पूरा पुलिस महकमा ही पानी में डूबा</a></li> </ul> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-41140799?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">नदी की धार तय करती है लोगों की ‘नागरिकता'</a></li> </ul> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-40940613?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">बिहारः बाढ़ से 48 घंटों में 56 लोगों की मौत</a></li> </ul><p><strong>(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप </strong><a href="https://play.google.com/store/apps/details?id=uk.co.bbc.hindi">यहां क्लिक</a><strong> कर सकते हैं. आप हमें </strong><a href="https://www.facebook.com/bbchindi">फ़ेसबुक</a><strong>, </strong><a href="https://twitter.com/BBCHindi">ट्विटर</a><strong>, </strong><a href="https://www.instagram.com/bbchindi/">इंस्टाग्राम</a><strong> और </strong><a href="https://www.youtube.com/bbchindi/">यूट्यूब</a><strong> पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)</strong></p>

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