बीजिंग : चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने कहा कि भारत और पाकिस्तान उनके मित्रवत पड़ोसी हैं तथा उम्मीद है कि दोनों देश उचित तरीके से मतभेदों को संभालकर अपने खटास भरे संबंधों को सुधार सकते हैं.
राष्ट्रपति शी जिनपिंग की पिछले सप्ताह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से दूसरी अनौपचारिक वार्ता के लिए हुई भारत यात्रा के निष्कर्षों पर चीन के आधिकारिक मीडिया को ब्रीफ करते हुए वांग ने भारत-पाक के तनावपूर्ण संबंधों के बीच मोदी-शी की मुलाकात के बारे में बात की. चेन्नई के महाबलीपुरम में 11-12 अक्तूबर को हुई शिखर वार्ता से पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने अपने सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा के साथ बीजिंग का दौरा किया था और राष्ट्रपति जिनपिंग से मिलकर कश्मीर मुद्दे पर बात की थी. वांग ने मंगलवार को कश्मीर मुद्दे का जिक्र किये बिना ब्रीफिंग में कहा, जिनपिंग ने भारत यात्रा से पहले पाक प्रधानमंत्री खान के साथ अपनी मुलाकात में पाकिस्तानी पक्ष के विचारों और प्रस्तावों को सुना.
जिनपिंग और खान की नौ अक्तूबर को हुई मुलाकात के बारे में पहली बार चीन के किसी शीर्ष अधिकारी ने अपना पक्ष रखा है. इस मुलाकात के बाद भारत में चिंताएं पैदा हो गयी थीं. वांग ने कहा, चेन्नई में जिनपिंग ने कहा कि सभी पक्षों को क्षेत्रीय शांति और स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए मिलकर काम करना चाहिए और साझा विकास तथा समृद्धि हासिल करनी चाहिए. उन्होंने सतर्कता बरतते हुए कश्मीर मुद्दे का कोई जिक्र नहीं किया. वांग ने कहा, हाल ही में भारत-पाकिस्तान के तनावपूर्ण हुए संबंध और क्षेत्र में अशांति पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय की ओर से गंभीर चिंताएं व्यक्त की गयी हैं.
सरकारी शिन्हुआ संवाद समिति ने वांग के हवाले से कहा कि भारत और पाकिस्तान, चीन के मित्रवत पड़ोसी हैं तथा चीनी पक्ष ने उम्मीद जतायी है कि दोनों देश मतभेदों को सही तरीके से संभाल सकते हैं एवं अपने संबंधों में सुधार कर सकते हैं. मोदी-जिनपिंग की मुलाकात के बाद विदेश सचिव विजय गोखले ने कहा था कि कश्मीर मुद्दा ना तो उठाया गया और ना ही इस पर चर्चा हुई.