Syed Akbaruddin: There may be some who stoop low.Our response to them is we soar high.They may stoop low, we soar high. What they want to do is their call. We’ve seen them mainstream terrorism in the past. And what you’re now telling me is they may want to mainstream hate speech. https://t.co/md4XACVznb
— ANI (@ANI) September 19, 2019
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UNHRC में पाकिस्तान फिर हुआ धड़ाम, सैयद अकबरुद्दीन ने कहा- वह जितना नीचे गिरेंगे, हम उतना ऊपर आएंगे
जेनेवाः कश्मीर मसले पर अतंरराष्ट्रीय जगत में कुछ खास भाव नहीं मिलने के बाद पाकिस्तान को एक बार फिर संयुक्त राष्ट्र में मुंह की खानी पड़ी है.संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) में कश्मीर पर प्रस्ताव पेश करने का आज आखिरी दिन था, लेकिन पाकिस्तान आवश्यक समर्थन हासिल करने में असफल रहा. सूत्रों के मुताबिक ज्यादातर […]
जेनेवाः कश्मीर मसले पर अतंरराष्ट्रीय जगत में कुछ खास भाव नहीं मिलने के बाद पाकिस्तान को एक बार फिर संयुक्त राष्ट्र में मुंह की खानी पड़ी है.संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) में कश्मीर पर प्रस्ताव पेश करने का आज आखिरी दिन था, लेकिन पाकिस्तान आवश्यक समर्थन हासिल करने में असफल रहा. सूत्रों के मुताबिक ज्यादातर सदस्यों ने कश्मीर पर प्रस्ताव रखने के लिए पाकिस्तान का समर्थन करने से इनकार कर दिया.
दरअसल, कश्मीर पर प्रस्ताव पेश करने की आज आखिरी तारीख थी, लेकिन पाकिस्तान ऐसा नहीं कर पाया. प्रस्ताव पेश करने के लिए कम से कम 16 देशों के समर्थन की जरूरत थी. दुनिया के अलग-अलग देशों के सामने जाकर कश्मीर का रोना रोने वाला पाकिस्तान समर्थन जुटाने में नाकाम रहा.
इससे पहले संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने इशारों में कहा है कि यूएन के उच्च स्तरीय महासभा सत्र में पाकिस्तान अपना स्तर गिराकर फिर कश्मीर मुद्दा उठा सकता है. लेकिन इससे भारत का स्तर ऊंचा होगा.
पाकिस्तानकेप्रधानमंत्री इमरान खान ने पिछले महीने ही कहा था कि वे कश्मीर के मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र महासभा में उठाएंगे. मीडिया से बातचीत के दौरान एक सवाल का जवाब देते हुए अकबरुद्दीन ने कहा, हमने उन्हें आतंक को मुख्यधारा में लाते देखा है. अब वे नफरत भरे बयानों को संयुक्त राष्ट्र में लाना चाहते हैं. अगर वे यह करना चाहते हैं तो ये उनकी सोच है. लेकिन इससे उनका स्तर गिरेगा.
अकबरुद्दीन ने आगे कहा कि संयुक्त राष्ट्र में एक देश फिर वही पुराना राग दोहराएगा. हर देश के पास यह विकल्प है कि वह वैश्विक प्लेटफॉर्म पर किस तरह खुद को किस तरह पेश करेगा. कुछ देश अपनी बात रखने में नीचे गिर सकते हैं, लेकिन हमें भरोसा है कि हमारा स्तर ऊपर उठेगा. आप जितना नीचे गिरेंगे, हम उतना ऊपर आएंगे.
यूएनएचआरसी में पाकिस्तान की हार
पाकिस्तान को एक बार फिर संयुक्त राष्ट्र में मुंह की खानी पड़ी है. कश्मीर में कथित मानवाधिकार उल्लंघन के नाम पर उसकी यूएनएचआरसी में प्रस्ताव लाने की कोशिश नाकाम हो गयी. जेनेवा में चल रहे 42वें मानवाधिकार सेशन में पाकिस्तान को प्रस्ताव लाने के लिए पर्याप्त संख्या में अन्य देशों का समर्थन नहीं मिला है.
भारत के लिहाज से यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बड़ी कूटनीतिक जीत है. सभी प्रमुख अतंरराष्ट्रीय मंचों पर भारत मजबूती से जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 को समाप्त किए जाने को आंतरिक मामला बता चुका है.
सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान को गुरुवार की देर रात तक अंतरराष्ट्रीय समुदाय से पर्याप्त समर्थन नहीं मिला. यूएनएचआरसी में 47 देश हिस्सा ले रहे हैं और भारतीय दल भी मजबूती से अपना पक्ष रखा है.
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