अगले हफ्ते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका दौरे पर जाने वाले हैं. 22 सितंबर को अमेरिका के ह्यूस्टन शहर में ‘हाउडी मोदी’ रैली को संबोधित करेंगे. कहा जा रहा है कि इस रैली में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी शामिल हो सकते हैं. अभी तक की जानकारी के मुताबिक, ‘हाउडी मोदी’ रैली में करीब 50 हजार दर्शक आएंगे. ऐसे में डोनाल्ड ट्रंप के आगमन को अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है.
मोदी संयुक्त राष्ट्र महासभा के सत्र में हिस्सा लेने के लिए अमेरिका जा रहे हैं. ‘हाउडी’ ‘हाऊ डू यू डू’ (आप कैसे हैं) का संक्षिप्त रूप है.अमेरिका के चौथे सबसे अधिक आबादी वाले शहर के ‘एनआरजी फुटबॉल स्टेडियम’ में आयोजित हो रहे इस कार्यक्रम में करीब 50 हजार लोगों के आने की उम्मीद है. ह्यूस्टन में पांच लाख से अधिक भारतीय-अमेरिकी समुदाय के लोग रहते हैं.
‘हाउडी मोदी’ रैली के लिए कम से कम 50,000 भारतीय-अमेरिकियों ने रैली में भाग लेने के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है. इसमें कई अन्य अमेरिकी राजनेताओं के भी भाग लेने की संभावना है. मोदी की रैली में ट्रंप का शामिल होना पाकिस्तान के लिए ऐसे समय में एक झटका होगा, जब वो लगातार अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत के खिलाफ आवाज उठा रहा है.
जुलाई के महीने में ट्रंप ने इमरान खान से मुलाकात के दौरान कश्मीर के मसले पर मध्यस्थता करने की बात की थी, जिसे भारत ने खारिज कर दिया था. इसके बाद पीएम मोदी ने ट्रंप से मुलाकात के दौरान स्पष्ट कर दिया था कि दोनों देश अपने मसलों के लिए किसी और को परेशानी नहीं देना चाहते. इससे पाकिस्तान को बड़ा झटका लगा था.
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक में भाग लेने के लिए अमेरिका जाने वाले हैं. इससे पहले वह ह्यूस्टन की यात्रा करेंगे. यहां पर वह प्रमुख व्यवसायी, राजनीतिक और सामुदायिक नेताओं से मिलेंगे. इससे पहले पीएम मोदी ने 2014 में न्यूयॉर्क के मैडिसन स्क्वायर गार्डन और 2016 में सिलिकॉन वैली में भारतीय डायस्पोरा को संबोधित किया था.
पीएम मोदी 27 सितंबर को संयुक्त राष्ट्र जनरल असेंबली के वार्षिक उच्चस्तरीय सम्मेलन को संबोधित करेंगे. पीएम मोदी के संबोधन के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान का संबोधन होगा. इमरान खान एक बार फिर से इस मंच से कश्मीर का मुद्दा उठाएंगे. हाल ही में पीओके में एक असफल रैली को संबोधित करते हुए इमरान ने कहा कि वह इस मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के समक्ष उठाएंगे.
वहां उन्होंने खुलेआम पीओके के युवाओं को इस्लाम के नाम पर घुसपैठ के लिए उकसाया था. यह रैली पीओके की राजधानी मुजफ्फराबाद में हुई थी. इसमें इमरान ने भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ जमकर जहर उगला था. इमरान के बयान के बाद ही भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ ने कहा कि पाकिस्तान अगर नहीं सुधरा तो उसके टुकड़े होने से कोई नहीं रोक सकता.