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बिलावल भुट्टो ने क्यों की सिंध देश की बात

<figure> <img alt="बिलावल भुट्टो" src="https://c.files.bbci.co.uk/1401/production/_108812150_gettyimages-1001478184.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><p>पाकिस्तान की आर्थिक राजधानी कहे जाने वाले कराची पर अनुच्छेद 149(4) लागू करने के केंद्रीय क़ानून मंत्री के बयान के बाद पूरे सिंध प्रांत से विरोध के स्वर उभरने लगे हैं. </p><p>विपक्षी नेताओं, लेखकों, बुद्धिजीवियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस बयान को पाकिस्तान के ख़िलाफ़ […]

<figure> <img alt="बिलावल भुट्टो" src="https://c.files.bbci.co.uk/1401/production/_108812150_gettyimages-1001478184.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><p>पाकिस्तान की आर्थिक राजधानी कहे जाने वाले कराची पर अनुच्छेद 149(4) लागू करने के केंद्रीय क़ानून मंत्री के बयान के बाद पूरे सिंध प्रांत से विरोध के स्वर उभरने लगे हैं. </p><p>विपक्षी नेताओं, लेखकों, बुद्धिजीवियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस बयान को पाकिस्तान के ख़िलाफ़ साजिश क़रार दिया है और क़ेंद्रीय क़ानून एवं न्याय मंत्री फ़रोग़ नसीम के इस्तीफ़े की मांग की है. </p><p>अनुच्छेद 149(4) लागू होने से कराची केंद्र शासित इलाक़ा हो जाएगा. </p><p>हाल ही में दिए गए एक <a href="https://gulfnews.com/world/asia/pakistan/bilawal-pledges-to-foil-islamabads-move-to-run-karachi-1.66402793">साक्षात्कार </a>में क़ानून मंत्री नसीम ने कहा था कि 14 सितंबर को अपने दौरे में प्रधानमंत्री इमरान ख़ान कराची को संघीय सरकार के नियंत्रण में लाने की घोषणा कर सकते हैं. </p><p>केंद्र में सत्तारूढ़ इमरान ख़ान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ़ (पीटीआई) और सिंध में सत्तारूढ़ पाकिस्तान पीपल्स पार्टी (पीपीपी) के बीच तीखी नोक झोंक शुरू हो गई है. </p><p>जैसे ही ये ख़बर अख़बारों और न्यूज़ चैनलों में आई, सोशल मीडिया पर इस फैसले के ख़िलाफ़ हैशटैग ट्रेंड करने लगा.</p><p>गुरुवार को ट्विटर पर #SindhRejectsKarachiCommittee और #United SindhUnitedPakistan ट्रेंड कर रहे थे. </p> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/vert-tra-40639929?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">दुनिया का सबसे ख़तरनाक शहर कराची!</a></li> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/magazine-49628401?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">बलूचिस्तान ने अब भी किया हुआ है पाकिस्तान की नाक में दम</a></li> </ul><h1>क्या कहा था क़ानून मंत्री ने?</h1><p>केंद्रीय क़ानून मंत्री डॉ फ़रोग़ नसीम ने गुरुवार को एक स्थानीय टीवी चैनल से <a href="https://tribune.com.pk/story/2054764/1-sindh-arms-centres-plan-invoke-article-149-karachi/">बातचीत</a> में कहा, &quot;कराची को केंद्र सरकार के अधीन करने के लिए अनुच्छेद 149 (4) को लागू करने का सही वक़्त आ गया है.&quot; </p><p>उन्होंने कहा कि वो जल्द ही इस योजना को कराची स्ट्रैटिजिक कमिटी के सामने रखेंगे.</p><p>उन्होंने कहा, &quot;ये मेरी निजी राय है और प्रधानमंत्री इमरान ख़ान की ओर से बनाई गई कराची स्ट्रैटिजिक कमिटी के सामने ये प्रस्ताव रखूंगा.&quot;</p><p>&quot;अगर मेरे विचार से कमिटी सहमत होगी तो इस प्रस्ताव को प्रधानमंत्री और कैबिनेट के सामने रखा जाएगा. इसके बाद ये उनकी मर्ज़ी पर निर्भर करता है कि वो कराची में ये अनुच्छेद लागू करते हैं या नहीं.&quot; </p><p>डॉ नसीम ने कहा कि कराची के लोग अपने शहर के गवाह हैं और इसे एक विशाल कचरे के ढेर में बदलता हुआ देख रहे हैं. </p><p>वहां कचरा, बिजली की कमी और मख्खियों के अलावा कुछ नहीं है.</p> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/international-44643514?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">पाकिस्तान: कराची के ‘बिहारी बाहुबली’ की कहानी</a></li> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/international-49349593?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">कितना ‘आज़ाद’ पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर? </a></li> </ul><figure> <img alt="विदेश मंत्री शाह महमूद क़ुरैशी" src="https://c.files.bbci.co.uk/9EFD/production/_108810704_af087cbc-ba9f-4df0-9b05-70faf009d9ea.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> <figcaption>विदेश मंत्री शाह महमूद क़ुरैशी ने संसद में बयान देकर किया खंडन.</figcaption> </figure><p><strong>क़ुरैशी </strong><strong>को देनी पड़ी सफ़ाई</strong></p><p>हालांकि शुक्रवार को पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद क़ुरैशी ने नेशनल असेंबली में देकर ऐसी किसी योजना से इनकार किया है.</p><p>उन्होंने आश्वासन दिया कि पीपीपी के शासन वाले राज्य को केंद्र सरकार नहीं छेड़ेगी.</p><p>उन्होंने कहा, &quot;सरकार का ये नीतिगत फ़ैसला है कि स्वायत्तता पर कोई आंच नहीं आने देंगे. राज्य की स्वायत्तता बरक़रार रहेगी.&quot;</p><p>महमूद क़ुरैशी ने ये भी कहा कि क़ानून मंत्री के बयान को तोड़ मरोड़ कर पेश किया गया है और उनकी ऐसी कोई मंशा नहीं थी. </p><p><a href="https://www.facebook.com/etribune/videos/1199271210281489">https://www.facebook.com/etribune/videos/1199271210281489</a></p><p>उन्होंने कहा कि पीपीपी के संवैधानिक दायरे में छेड़छाड़ करने का सरकार का कोई इरादा नहीं है.</p><p>हालांकि उन्होंने पीपीपी प्रमुख बिलावल भुट्टो ज़रदारी के एक दिन पहले दिए गए बयान पर अफ़सोस जताया जिसमें उन्होंने सिंध देश और पख़्तुनख़िस्तान का ज़िक्र किया था. क़ुरैशी ने कहा कि एक बड़ी राजनीतिक पार्टी के नेता को ऐसी राजनीति नहीं करनी चाहिए. </p><p>क़ुरैशी ने कहा, &quot;मैं बिलावल साहब से कहना चाहूंगा कि आप अभी अपना सियासी सफ़र शुरू कर रहे हैं ऐसे में किसी बहकावे में या जज़्बात में आकर अलग सिंधु देश या अलग पख़्तूनिस्तान की बात करना मुनासिब नहीं है. जो पार्टी एकता की बात करती रही है, पाकिस्तान की बात करती रही है, उसके मौजूदा चेयरमैन इस क़िस्म की बातें कर रहे हैं. पख़्तूनिस्तान की बात करने वाले पिट गए और सिंधु देश की बात करने वाले पिट जाएंगे इंशा अल्लाह.&quot;</p><figure> <img alt="बिलावल भुट्टो" src="https://c.files.bbci.co.uk/ED1D/production/_108810706_b2f50089-4fe7-4fde-bfce-d63ad7e811c7.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><p><strong>बिलावलः </strong><strong>बांग्लादेश के बाद</strong><strong> सिंध देश भी बन सकता है</strong></p><p>बीते गुरुवार को बिलावल भुट्टो ज़रदारी ने इमरान ख़ान की सरकार पर कराची पर कब्ज़ा करने की मंशा रखने का आरोप लगाया था. हैदराबाद में एक प्रेस कांफ़्रेंस में उन्होंने <a href="https://gulfnews.com/world/asia/pakistan/bilawal-pledges-to-foil-islamabads-move-to-run-karachi-1.66402793">कहा</a> कि ‘पीपीपी सिंध में सत्तारूढ़ पार्टी है और राज्य के ख़िलाफ़ किसी भी साज़िश को वो स्वीकार नहीं करेगी.’ </p><p>उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार कराची को इस्लामाबाद से चलाना चाहती है. </p><p>बिलावल भुट्टो ने इमरान ख़ान सरकार पर सवाल खड़े किए और पूछा कि अनुच्छेद 149 (4) का इस्तेमाल करके क्या सरकार भारत की आलोचना का नैतिक साहस गंवा नहीं देगी क्योंकि पड़ोसी मुल्क ने जम्मू-कश्मीर में भी ऐसा ही किया है. </p><p>उन्होंने कहा, &quot;एक तरफ़ आप कहते हैं कि मोदी ने कश्मीर पर कब्ज़ा कर लिया है और दूसरी तरफ़ आप ख़ुद कराची पर कब्ज़ा करने की कोशिश कर रहे हैं. एक तरफ़ आप कहते हैं कि कश्मीर में मानवाधिकार के उल्लंघन पर इमरान ख़ान दुनिया के हर मंच पर आवाज़ उठाएंगे और दूसरी तरफ़ अपने ही मुल्क में मानवाधिकारों का उल्लंघन कर रहे हैं. एक तरफ़ कश्मीर में जम्हूरियत की बात कर रहे हैं और दूसरी तरफ़ अपने यहां जम्हूरियत का जनाजा निकाल रहे हैं.&quot;</p><p>उन्होंने कहा, &quot;कल बांग्लादेश बना था और तो फिर आप जुल्म करते रहेंगे और पीपीपी जैसे संगठन खड़े नहीं होंगे तो फिर सिंध देश भी बन सकता है. इसी तरह पख़्तूनों का देश बन सकता है.&quot; </p><p>उन्होंने कहा कि कराची के संसाधनों को नियंत्रित करने की कोशिश करना अजीब और तानाशाही रवैया है. </p><figure> <img alt="इमरान ख़ान" src="https://c.files.bbci.co.uk/1142D/production/_108810707_f6c8749a-abec-4d1a-b673-26e425d13c77.jpg" height="351" width="624" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><h1>ध्यान भटकाने की कोशिश</h1><p>इमरान ख़ान सरकार की योजना को आलोचक देश में मौजूदा आर्थिक संकट और शासन प्रशासन की बिगड़ती हालत से ध्यान भटकाने वाले एक पैंतरे के रूप में देख रहे हैं. </p><p>पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता आफ़िया सलाम ने पीटीआई सरकार की योजना के पीछे की मंशा पर सवाल खड़ा किए हैं. </p><p>लेखक और बुद्धिजीवी जामी चांदियो ने भी सिंध की राजधानी को लेकर केंद्र की योजना का पुरज़ोर विरोध किया है. उन्होंने लिखा है, &quot;तथाकथित कराची कमिटी को बिग नो! कराची सिंध है और सिंध कराची.&quot;</p><p>एक और लेखक असग़र सूमरो ने इसे ध्यान भटकाने वाली योजना कहा है. </p><p><a href="https://twitter.com/afiasalam/status/1171993458959142912">https://twitter.com/afiasalam/status/1171993458959142912</a></p><p>उन्होंने कहा, &quot;पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट ने बहुत पहले ही इस मसले को साफ़ कर दिया है कि कब और कहां अनुच्छेद 148 और 149 का इस्तेमाल किया जा सकता है. तो फिर फ़रोग़ नसीम क्यों अपने पद का दुरुपयोग कर रहे हैं और सिंध की जनता को भड़का रहे हैं? सीधी सी बात है कि पीटीआई अपने सबसे ख़राब प्रदर्शन को छुपाने के लिए और उससे ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है.&quot;</p><p>सूमरो ने चेतावनी दी, &quot;जिस मसले पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला दे दिया उस पर बयानबाज़ी करना अदालत की अवमानना है.&quot;</p><p>ये विरोध देश से बाहर भी सिंधी समुदाय में पहुंच गया है. अमरीका, कनाडा, और ब्रिटेन के सिंधी समुदाय ने भी कड़ी प्रतिक्रिया ज़ाहिर की है. </p><p>सिंधी असोसिएशन ऑफ़ नॉरक्थ अमरीका (साना) ने नसीम के बायन की निंदा की है और उन्हें मंत्री पद से हटाए जाने की मांग की है. </p><p>साना की एक्ज़ीक्युटिव कमिटी ने अपने बयान में कहा है, &quot;कराची हमारी ऐतिहासिक मातृभूमि सिंध का दिल और आत्मा है और एक राष्ट्र के रूप में हम अपनी राजधानी पर किसी भी हमले को बर्दाश्त नहीं करेंगे.&quot;</p><figure> <img alt="पाकिस्तान" src="https://c.files.bbci.co.uk/175D5/production/_108810759_8f170642-d8ce-40b6-beef-6938903e7182.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Reuters</footer> </figure><h1>क्या है अनुच्छेद 149 (4)</h1><p>पाकिस्तान के संविधान के <a href="https://timesofislamabad.com/12-Sep-2019/what-is-article-149-of-pakistani-constitution-and-how-it-can-be-implemented-in-karachi?version=amp">अनुच्छेद</a> 149 (4) के अनुसार, देश के आर्थिक हितों या शांति के लिए पैदा हुए किसी भी गंभीर ख़तरे से निपटने के लिए केंद्र सरकार किसी प्रांत की शासन प्रणाली को अपने हाथ में ले सकता है. </p><p>क़ानून मंत्री फ़रोग़ नसीम ने कहा है कि ये संविधान का एक स्वतंत्र अनुच्छेद है और ये केंद्र सरकार को अपनी कार्यकारी शक्ति का इस्तेमाल करने का अधिकार देता है. शांति और आर्थिक हालात के लिए गंभीर ख़तरे की स्थिति में केंद्र प्रांतीय सरकार को दिशा निर्देश जारी कर सकता है. </p><p>यह अनुच्छेद सरकार को किसी राज्य की राजधानी के प्रशासन और वहां चल रहे किसी भी प्रोजेक्ट को अपने नियंत्रण में लेने का आधिकार देता है.</p><p><strong>(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप </strong><a href="https://play.google.com/store/apps/details?id=uk.co.bbc.hindi">यहां क्लिक</a><strong> कर सकते हैं. आप हमें </strong><a href="https://www.facebook.com/bbchindi">फ़ेसबुक</a><strong>, </strong><a href="https://twitter.com/BBCHindi">ट्विटर</a><strong>, </strong><a href="https://www.instagram.com/bbchindi/">इंस्टाग्राम</a><strong> और </strong><a href="https://www.youtube.com/bbchindi/">यूट्यूब</a><strong> पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)</strong></p>

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