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कश्मीर: भारतीय सैनिक की इस वायरल तस्वीर का पूरा सच

<figure> <img alt="सोशल मीडिया पर एक भारतीय सैनिक की यह तस्वीर वायरल हो गई है." src="https://c.files.bbci.co.uk/11AEC/production/_108182427_promoimage.png" height="549" width="976" /> <footer>Sm viral post</footer> <figcaption>सोशल मीडिया पर एक भारतीय सैनिक की यह तस्वीर वायरल हो गई है.</figcaption> </figure><p>दक्षिणपंथी रुझान वाले कई बड़े फ़ेसबुक ग्रुप्स में इस तस्वीर को जम्मू-कश्मीर में अमरनाथ यात्रा रोके जाने के बाद कथित […]

<figure> <img alt="सोशल मीडिया पर एक भारतीय सैनिक की यह तस्वीर वायरल हो गई है." src="https://c.files.bbci.co.uk/11AEC/production/_108182427_promoimage.png" height="549" width="976" /> <footer>Sm viral post</footer> <figcaption>सोशल मीडिया पर एक भारतीय सैनिक की यह तस्वीर वायरल हो गई है.</figcaption> </figure><p>दक्षिणपंथी रुझान वाले कई बड़े फ़ेसबुक ग्रुप्स में इस तस्वीर को जम्मू-कश्मीर में अमरनाथ यात्रा रोके जाने के बाद कथित तौर पर शुरू हुई आक्रामक सैन्य कार्रवाई का प्रतीक बताया गया है.</p><p>जबकि कई अन्य ग्रुप्स में इस तस्वीर को कश्मीर के ही अलग-अलग इलाक़ों का बताकर शेयर किया जा रहा है.</p><p>कुल मिलाकर यह तस्वीर सिर्फ़ फ़ेसबुक पर 70 हज़ार से ज़्यादा बार शेयर की जा चुकी है. इसके अलावा वॉट्सऐप और ट्विटर पर भी इस तस्वीर को शेयर किया जा रहा है.</p><p>लेकिन इस वायरल फ़ोटो के पीछे पूरी कहानी क्या है? यह जानने के लिए बीबीसी ने इस तस्वीर को खींचने वाले 19 वर्षीय फ़ोटोग्राफ़र फ़ैसल बशीर से बात की.</p><figure> <img alt="फ़ैसल बशीर ने यह तस्वीर खींची है." src="https://c.files.bbci.co.uk/BDF4/production/_108182684_img_0792-01-01.newjpg.jpg" height="3323" width="3610" /> <footer>faisal bashir</footer> <figcaption>फ़ैसल बशीर ने यह तस्वीर खींची है.</figcaption> </figure><h1>फ़ोटो कब और कहाँ की है? </h1><p>श्रीनगर से सटे बडगाम ज़िले में रहने वाले फ़ैसल बशीर ने बताया कि यह तस्वीर उन्होंने 2 अगस्त 2019 को खींची थी. </p><p>यह तस्वीर उस समय की है जब दक्षिण-कश्मीर के शोपियां ज़िले में भारतीय फ़ौज और चरमपंथियों के बीच मुठभेड़ चल रही थी.</p><p>फ़ैसल अनंतनाग ज़िले के सरकारी डिग्री कॉलेज में मास कॉम के स्टूडेंट हैं और 50 घंटे से भी ज़्यादा वक़्त तक चले इस एनकाउंटर की तस्वीरें खींचने के लिए शोपियां पहुँचे थे.</p><p>उन्होंने बताया, &quot;क़रीब डेढ बजे का समय था जब मैंने तस्वीरें खींचना शुरू किया. उस समय एनकाउंटर भीतर चल रहा था. गन शॉट की आवाज़ें आ रही थीं. जितने भी रास्ते और गलियाँ एनकाउंटर की जगह की ओर जा रहे थे, सभी पर नाकेबंदी की गई थी.&quot;</p><figure> <img alt="फ़ैसल बशीर" src="https://c.files.bbci.co.uk/5B84/production/_108182432_faisalbashir.jpg" height="719" width="719" /> <footer>faisal bashir</footer> <figcaption>फ़ैसल बशीर</figcaption> </figure><h1>सैनिक के बारे में जानकारी</h1><p>फ़ैसल बशीर ने बताया कि वो बीते दो सालों से कश्मीर घाटी में फ़ोटोग्राफ़ी कर रहे हैं. कुछ दिन पहले तक वो कश्मीर से निकलने वाले एक अख़बार के लिए काम करते थे. फ़िलहाल श्रीनगर से चलने वाली एक न्यूज़ वेबसाइट के लिए काम कर रहे हैं.</p><p>उन्होंने बताया, &quot;जिस भारतीय सैनिक की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, वो एनकाउंटर साइट से काफ़ी दूर लगाई गई नाकेबंदी का हिस्सा था. ये वो जगह थी जहाँ कुछ स्थानीय लोग भारतीय सरकार द्वारा कश्मीर को लेकर किये गए फ़ैसलों के ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर रहे थे.&quot;</p><p>फ़ैसल ने कहा, &quot;जिस समय मैंने यह तस्वीर खींची, स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) का एक सैनिक सड़क के बीचोबीच कुर्सी डालकर बैठा हुआ था. उसके हाथ में एक ऑटोमेटिक बंदूक थी जिसे वो बीच-बीच में प्रदर्शनकारियों को दिखा रहा था. उसकी ड्यूटी थी कि प्रदर्शनकारी एनकाउंटर साइट के क़रीब न पहुंच सकें.&quot;</p><p>फ़ैसल बशीर ने स्थानीय पुलिस से मिली सूचना का हवाला देकर कहा, &quot;1-2 अगस्त की दरमियानी रात को शुरू हुए इस एनकाउंटर में दो चरमपंथियों और एक भारतीय सैनिक समेत चार लोगों की मौत हुई. इस एनकाउंटर में मारे गये आम नागरिक की पहचान बिहार के रहने वाले मुजीब के तौर पर हुई है जो शोपियां में मजदूरी के लिए गया था.&quot;</p><h3>फ़ैक्ट चेक की अन्य कहानियांः</h3> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-49085786?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">क्या ये ‘लव-जिहाद’ का शिकार हुई लड़की की फ़ोटो है?</a></li> </ul> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-49033895?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">’इंडिया गेट पर 61,945 मुसलमानों के नाम’, ओवैसी का ग़लत बयान</a></li> </ul> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-48992781?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">‘जिहादी हज्जामों’ की इस वायरल तस्वीर का सच</a></li> </ul> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-48955213?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">दिल्ली: मंदिर में तोड़फोड़ से मुस्लिमों के भण्डारे तक</a></li> </ul><p><strong>(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप </strong><a href="https://play.google.com/store/apps/details?id=uk.co.bbc.hindi">यहां क्लिक</a><strong> कर सकते हैं. आप हमें </strong><a href="https://www.facebook.com/bbchindi">फ़ेसबुक</a><strong>, </strong><a href="https://twitter.com/BBCHindi">ट्विटर</a><strong>, </strong><a href="https://www.instagram.com/bbchindi/">इंस्टाग्राम</a><strong> और </strong><a href="https://www.youtube.com/bbchindi/">यूट्यूब</a><strong> पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)</strong></p>

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