हिसार : मोदी सरकार के केंद्रीय मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह तथा हिसार की भाजपा विधायक प्रेम लता के बेटे, मशहूर किसान नेता सर छोटू राम के पड़पोते और हिसार से भाजपा प्रत्याशी बृजेंद्र सिंह ने कहा कि उन्हें “वंशवाद की उपज” के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि वह राजनीति में इसलिए नहीं आये, क्योंकि उनके पास कहीं और जाने का रास्ता नहीं था.
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बहरहाल, नौकरशाही के अपने दो दशक पुराने करियर को छोड़ अपना पहला चुनाव लड़ रहे 46 वर्षीय बृजेंद्र सिंह ने माना कि वह प्रभावशाली राजनीतिक परिवार से ताल्लुक रखते हैं. मशहूर किसान नेता सर छोटू राम के पड़पोते बृजेंद्र सिंह को हमेशा परिवार की राजनीतिक विरासत के उत्तराधिकारी के तौर पर देखा जाता रहा है. उनके मुताबिक, 2019 के चुनावों में अपनी चुनावी पारी की शुरुआत करना सोचा-समझा कदम नहीं था.
बृजेंद्र सिंह ने एक साक्षात्कार में कहा कि मुझे वंशवाद के परिणाम के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए. मैं निश्चित तौर पर एक प्रभावशाली राजनीतिक परिवार से आता हूं, जो एक सदी से अधिक समय से अस्तित्व में है. उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है कि मैं मुख्यधारा की राजनीति में इसलिए शामिल हो रहा हूं, क्योंकि मैं कहीं और नहीं जा सकता. मैंने अपना रास्ता खुद चुना, जिसमें मैं भली-भांति सफल हुआ.
भाजपा की तरफ से हिसार से उनको प्रत्याशी बनाने की घोषणा करने के बाद उनके पिता केंद्रीय इस्पात मंत्री बीरेन्दर सिंह ने मंत्रिमंडल एवं राज्यसभा से इस्तीफा देने की पेशकश की थी, लेकिन पार्टी ने अब तक कोई फैसला नहीं लिया है. उन्होंने कहा था कि वह ऐसा इसलिए कर रहे हैं, क्योंकि वह वंशवाद की राजनीति के खिलाफ संदेश देना चाहते हैं. बृजेंद्र की मां प्रेम लता हरियाणा से भाजपा की विधायक है. हिसार में 12 मई को चुनाव होगा.